लंदन, 17 जुलाई 2019: वातायन पोएट्री आन साउथ बैंक द्वारा नेहरु सेंटर-लंदन में एक विशेष साहित्यिक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें जानी-मानी लेखिका और अनुवादक डॉ उर्मलिा जैन की पुस्तक ‘ट्रेमोन्टाना’ जो कि नोबल प्राइज विजेता स्पैनिश लेखक मार्क्वेज़ गेब्रियल की कहाननयों का सुंदर अनुवाद है, और एटलांटा-कैनेडा से पधारी वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता और कथाकार डॉ कमला दत्त के कहानी-संग्रह ‘अच्छी औरतें’ पर लंदन में बसी साहहत्यकारों, डॉ अचला शर्मा एवं श्रीमती शैल अग्रवाल, द्वारा चर्चा की गयी; लेखिकाओं ने अपनी एक छोटी कहानी का नाटकीय पाठ भी कियाl
नेत्र-सर्जन, फिल्म-प्रोडूसर, डायरेर्क्टर और कवि, डॉ निखिल कौशिक, जो इस कायक्रिम के कुशल संचालक भी थे, की सुरीली वंदना के उपरान्त वातायन की अध्यक्ष मीरा कौर्शक, ओ.बी.ई, ने मंच से अतिथियों एवं श्रोताओं का स्वागत-अभिनंदन कियाl कायक्रिम के मुख्य अतिथि थे ब्रिस्टल के मेयर माननीय टॉम आदित्य जो अनुशासनप्रबंधन के कार्य में रत रहते हुए बहु-भाषा के कार्यक्रम एवं सामाजजक अभियानों का नेतृत्व भी करते हैं l उन्होंने लेखिकाओं को बधाई देते हुए, विदेश में हिंदी की उन्नत और प्रचार-प्रसार के लिए वातायन की सराहना की और अपनी शुभकामनाएं दीं। आर्क्सफोड बिजनेस कॉलेज के डायरेक्टर और प्रसिद्ध लेखक डॉ पद्मेश गुप्त ने अध्यक्ष का पद संभाला।
डॉ उर्मलिा जैन की ‘ट्रेमोंटाना’ की समीक्षा जानी-मानी लेखिका, कवि और ‘लेखनी’ की संपादिका, श्रीमती शैल अग्रवाल ने की। उन्होंने कहा- प्रख्यात कोलंबियन नोबल-प्राइज़ विजेता लेखक व उपन्यासकार गेब्रियल मार्क्वेज़ की कहानियों का दुनिया भर में कई भाषाओँ में अनुवाद किया जा चुका है l किसी अन्य भाषा से अपनी भाषा में कहानियों का अनुवाद करना कितना कठिन कार्य होता है इसे हम सभी जानते हैं । किंतु उर्मलिा जैन ने ‘ट्रेमोंटाना’ का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करके अपने उत्कृष्ट लेखन का प्रमाण दिया है । उर्मलिा जी ने मार्क्वेज़ की एक लघु कथा, उस प्रतापी का भूत, का रोचक पाठ भी किया, जो भूतों पर आधाररत थी।
डॉ कमला दत्त की पुस्तक ‘अच्छी औरतें’ की समीक्षा लेखिका और बी.बी.सी. की ववख्यात पूवि-प्रसारक डॉ अचला शर्मा ने उत्तम तरीके से की। डॉ कमला दत्त, जिन्होंने स्टेम-सेल रिसर्च और टिश्यू-इंजीननियरिंग में महत्वपूणि योगदान दिया है, के कहानी संकलन हैं ‘मछली सलीब पर टंगी है’, ‘कमला दत्त की यादगार कहाननयााँ’ और ‘अच्छी औरतें’। वह थिएटर से भी जुड़ी रही हैं, उनके पुरस्कारों में शामिल हैं: आल इंडडया गेटी थथयेटर एक्टिंग अवार्ड, रीजनल यूथ फेस्टवल अवार्ड और द स्टेट अवार्ड प्रेमचदंस की ‘धनिया’ के लिए। उन्होंने अपनी कहानी ‘तुम वहां नहीं थे’ की नाटकीय प्रस्तुनत की।
समस्त प्रोग्राम इतना दिलचस्प था िक हॉल में उपस्थित श्रोतागण अंत तक मंत्र मुग्ध होकर बैठे रहे। श्रीमतीअरुणा सब्बरवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कियाl अंत में वातायन की संस्थापक, दिव्या माथुर, और विशिष्ट अतिथि कौंसलर टॉम आदित्य ने इस कायक्रिम के प्रतिभागियों को उपहार देकर आदर पूर्वक विदा किया।
बाएं से दायेंः शैल अग्रवाल, दिव्या माथुर, डॉ अचला शर्मा, अरुण सब्बरवाल, कादम्बरी मेहरा, शोभा माथुर, उषा राजे सर्क्सेना, डॉ कमला दत्त, डॉ उर्मलिा जैन, मीरा कौर्शक, डॉ निखिल कौर्शक l पीछे: डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल, डॉ अनुज अग्रवाल, डॉ पद्मेश गुप्त, कौंर्सलर टॉम आदित्य, शन्नो अग्रवाल व अन्य ।
-शन्नो अग्रवाल
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