सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap
‘आस का ज्योतिर्मय दीप लिए
चल पड़ा है पथिक राहें सर्पीली
ख़ुद को वारे हिम्मत ना हारे
स्वागत में अनजाने का
फिर-फिरकर पंथ निहारे’
शैल अग्रवाल
(अंक 158 वर्ष 18)
अपनी बातः नए साल की नई रौशनी में…
इस अंक में कविता- संकलन स्वागत नव वर्षः लेखनी संकलन। कविता धरोहरः रामधारी सिंह ‘ दिनकर’ । माह विशेषः हरिवंश राय बच्चन। गीत और ग़ज़लः निदा फ़ाज़ली। कविता आज और अभीः सोच के अंगारे- रोहित ठाकुर, कमल किशोर राजपूत, संतोष श्रीवास्तव, वंदना रूही खुराना, इंदु झुनझुनवाला, शैल अग्रवाल, पद्मा मिश्रा। माह की कवियत्री चंदा प्रहलादिका।
गद्य मेंः मंथन सबके राम सब में राम-शैल अग्रवाल। चिंतनः जो चाहसि उजियार-रतिभान श्रिपाठी। प्रेरकः महात्मा बुद्दः इन्दु झुनझुनवाला। मेरे आदर्श महात्मा गांधी रश्मि खुराना। पर्यटनः चित्रकोट जल प्रपात और माँ दंत्तेश्वरी मंदिर-गोवर्पधन यादव। परिचर्चा काशी तब और अब-शैल अग्रवाल। मुद्दा बेशक़ीमती बनारसी साड़ी और बेचारे बुनकर-डा.दीप्ति अग्रवाल। विमर्षः स्वच्छंद सोशल मीडिया-अमित कुमार दीक्षित। रागरंगः माघ माह में नदी में स्नान-गोवर्धन यादव। हास्य-व्यंग्यः एक शर्त भी जीत न पाया-हरि जोशी। स्मरणः डा.शांति सुमनः पद्मा मिश्रा। स्णृति-भँवरः फिल्म बौम्बे टु वाराणसी एक्सप्रेस-देवी नागरानी। बाल कोना-अँधेरे समय की रौशन कहानियाँ- शैल अग्रवाल।
कहानी विशेषः मेला-ममता कालिया। कहानी समकालीनः ठेके पर नींद-राजनारायण बोहरे । कहानी समकालीनः दूसरी बार -कादम्बरी मेहरा। कहानी समकालीनः मलाल-शैल अग्रवाल । भाषांतर भोजपुरी कविता- सावन, भोजपुरी कहानीः संगीता श्रीवास्तव। दो लघुकथाएँः अनिता रश्मि।
In the English Section: My Column: To be or not to be. Favourite Forever: Rainer Maria Rilke. Inspirational: Ravindra Nath Tagore-Shail Agrawal.Poetry Here & Now: Shail Agrawal, Devi Nagrani. Story Contemporary: Pigeons-Shail Agrawal. Kids’ Corner: Poems by Surdas & Story: Krishna Rupam by Shail Agrawal.
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