सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान समारोह संपन्न

“लेखन एक तपस्या है, जिसमें जलकर लेखक कुंदन बनता है। आज जिन लेखकों को सम्मान मिल रहा है, उन्होंने अपने लंबे संघर्ष और निष्ठा से यह मुकाम हासिल किया है।”
डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने स्पेनिन द्वारा आयोजित डॉ. सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान समारोह में अपने उद्बोधन में ये बातें कहीं। यह समारोह उर्सुलाइन इंटर कॉलेज, राँची के सभागार में आयोजित किया गया, जहाँ इस वर्ष नीरज नीर को डॉ. सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान से नवाजा गया।
पूर्व में ह्रषिकेश सुलभ, शिवनारायण, आदि को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुका है।
तीन अन्य साहित्यकारों वीणा श्रीवास्तव, शिरोमणि राम महतो और गीता चौबे गूंज को स्पेनिन साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। उन सबको पगड़ी पहनाकर, प्रशस्ति पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया।
स्पेनिन के निदेशक कुमार संजय ने कहा,
“प्रथम साहित्य गौरव सम्मान 18 वर्ष पहले प्रारंभ किया था। प्रथम सम्मान अनिता रश्मि को मिला था।
चार लोगों ने उनका चयन किया था, सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. श्रवण कुमार गोस्वामी, डॉ. अशोक प्रियदर्शी, माया प्रसाद और पत्रकार बलबीर दत्त। आज उन्हें विशिष्ट अतिथि की हैसियत से हमने मंच पर आमंत्रित किया है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने की, जबकि सिस्टर डॉ. मेरी ग्रेस मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। उन्होंने विद्यार्थियों और उपस्थित जनसमुदाय को साहित्यिक पुस्तकों के अध्ययन पर जोर देने का संदेश दिया।
मुख्य वक्ता राँची दूरदर्शन के पूर्व निदेशक पी. के. झा ने पुरस्कृत साहित्यकारों के लेखन पर प्रकाश डाला। बच्चों को लिखने के लिए उत्साहित किया, जिससे छात्रों और सभी साहित्यप्रेमियों में उत्साह व प्रेरणा का संचार हुआ।
इस अवसर पर माया प्रसाद अति विशिष्ट अतिथि के रूप में, अनिता रश्मि एवं कमल बोस विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे।

इस अवसर पर कुमार संजय की 4 नाट्य पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। मयंक मुरारी ने विस्तार से उन पर प्रकाश डाला। कुमार संजय ने वैश्विक लेखकों की कहानियों का भी नाट्य रूपनांतरण भारतीय परिवेश में किया है।
संचालन उर्सुलाइन कॉलेज की शिक्षिकाओं की टीम शिल्पी शिल्पी सहाय, निराली व माधुरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन शेफालिका सिन्हा ने प्रस्तुत किया।

समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकर्मी, छात्राएं व साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे। सारिका भूषण, रश्मि शर्मा, मुक्ति शाहदेव, संगीता कुजारा, अभिषेक अब, अंकिता सिन्हा, पंकज पुष्कर, नमिता सिन्हा, तरंग मित्तल, सिमोन जायसवाल सहित कई साहित्यकारों की उपस्थिति ने वातावरण को पूरी तरह से साहित्यिक रंग से भर दिया।

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