दो लघु कथाः प्राण शर्मा, सुधा भार्गव

प्रदर्शनः प्राण शर्मा

laghukatha logo

 

फ्रेडरिक भारत यात्रा पर था। जयपुर , प्रयागराज , मथुरा , आगरा इत्यादि नगरों को देखता हुआ वह बड़ी उमंग के साथ भारत की राजधानी दिल्ली पहुँचा। चाँदनी चौक में उस को हज़ारों व्यक्तियों का हजूम आता हुआ नज़र आया। सभी के हाथों में बैनर थे। सभी एक स्वर में गरज रहे थे – ` नहीं चलेगी , नहीं चलेगी , नहीं चलेगी अफसरशाही। ` देखते ही देखते हजूम ने  उपद्रव करना शुरू कर दिया। किन्हीं ने अन्यों की कारें जलायी  , किन्हीं ने दुकानें और किन्हीं ने अफसरों के पुतले जलाये।  – ` फ्रेडरिक ने हैरानी में अपने गाइड से पूछा – ` ये क्या माजरा है ? ` गाइड ने  बताया – ` हज़ूर , एक कर्मचारी को फैक्टरी  से निकाले जाने के विरोध में ये लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। ` ` पब्लिक   का नुक्सान कर के ? ` ` जी। ` `  बड़ी अजीब बात है ! भारत जैसे शान्तिप्रिय देश में ऐसा प्रदर्शन !!उफ़ !!!    

 

 

 

 

 

अधूरी  परीक्षाः सुधा भार्गव

laghukatha logo

अनेक देवी -देवताओं की मन्नतों के बाद सुरया  के लड़का हुआ था !एक माह के बाद उसके हाथ की हड्डी टूट गई और प्लास्टर चढ़ गया !हंसते -खेलते बच्चे को पीडा से तिलमिलाते   देख सुरया के दिल में दर्दके फफोले  फूट पड़ते ! उसका बेटा पुजारी की कृपा से हुआ था !ऐसे   बच्चे उसके समाज में देवी के चरणों का प्रसाद हैं !वह तभी मिलता है जब माँ बाप परीक्षा में खरेउतरें!पुजारी ने एक दिन शिशु को मंदिर की छत पर खड़े होकर नीचे फ़ेंक दिया !बच्चे को लपक तो लिया गया पर उसकी हड्डी टूट गई !उसकी अस्वस्थयता की  खबर सुन कर सुरया की बुआ आई  और सांत्वना देने लगी !सिर पर हाथ फेरा -बेटी ,परीक्षा तो तुमने पास कर हीली !कुछ दिन में बच्चा ठीक हो जायेगा ! सुरया फूट पडी -‘बुआ ,अभी तो  परीक्षा  अधूरी  है .दूसरा  बच्चा  होने  पर  उसकी  बलि  देनी  होगी !जो  देवी  ने  दिया  उसे  लौटना  होगा !!

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!