अमर उजाला शब्द सम्मान-2018 की घोषणाः नामवर सिंह और ‌गिरीश कारनाड को आकाशदीप

अपने लेखन-जीवन के समग्र अवदान के लिए इस वर्ष का सर्वोच्च शब्द सम्मान ‘आकाशदीप’ – हिंदी में प्रख्यात आलोचक डॉ. नामवर सिंह और हिन्दीतर भाषाओं में विख्यात कलाकर्मी-चिंतक गिरीश कारनाड को दिया जाएगा। सम्मान में पांच-पांच लाख रुपए की राशि सम्मिलित है। भारतीय भाषाओं के सामूहिक स्वप्न के सम्मान में अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा स्थापित शब्द सम्मानों की घोषणा हिंदी दिवस की पूर्व-संध्या पर की गई। कन्नड़ के आधुनिक नाटककार, फिल्म निर्देशक, कलाकार, पद्मभूषण से अलंकृत गिरीश कारनाड ने कहा है कि यह सम्मान हिंदी के लिए डॉ. नामवर सिंह के साथ पाकर वे शब्द सम्मान की गरिमा से अभिभूत हैं। नामवर सिंह ने इसे भारतीय भाषाओं के बीच शब्द का आत्मीय पुल निरूपित किया।

शब्द सम्मान के संयोजक और अमर उजाला के समूह सलाहकार यशवंत व्यास ने बताया है कि वर्ष की श्रेष्ठ कृतियों के लिए ‘छाप’ श्रेणी में कथा वर्ग का शब्द सम्मान मनीष वैद्य के संग्रह ‘फुगाटी का जूता’ को दिया गया है। कविता वर्ग में आर चेतनक्रांति के संग्रह ‘वीरता पर विचलित’ और कथेतर वर्ग में अनिल यादव की किताब ‘सोनम गुप्ता बेवफा नहीं है’ को दिया जायेगा। पहली किताब ‘थाप’ के तहत प्रवीण कुमार की कृति ‘छबीला रंगबाज़ का शहर’ चुनी गयी है। अनुवाद की श्रेणी में गोरख थोरात को ‘देखणी’ (मूल कृति भालचंद्र नेमाड़े) के लिए भाषा-बंधु से अलंकृत किया जाएगा। इन सम्मानों में एक-एक लाख रुपये की राशि सम्मिलित है।

प्रख्यात कथाकार ज्ञानरंजन (कथा), वरिष्ठ आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी (कथेतर), विख्यात कवि मंगलेश डबराल (कविता), प्रसिद्ध समीक्षक-कवि प्रयाग शुक्ल (अनुवाद) एवं सुप्रसिद्ध आलोचक सुधीश पचौरी (पहली किताब) के उच्चस्तरीय निर्णायक मंडल ने इन्हें अपनी कसौटी पर परखा।
कथाकार-संपादक ज्ञानरंजन ने कहा, प्रयोग चाहे जो हों लेकिन किसी भी सच्ची रचना से बूढ़े, बच्चे , हाशिये के लोग, अबोध स्त्रियां, आम और दुर्बल आवाज़ें आना अनिवार्य हैं। शब्दसम्मान की यही कसौटी है। अमर उजाला शब्द सम्मान शीघ्र ही एक समारोह में अर्पित किए जाएंगे।

प्रेषकः संजय देव

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