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लेखनी/LEKHNI

हिन्दी को लेकर न तो शोक सभा की जरूरत है , न कोप भवन में जाकर बैठने कीःडॉ. वर्तिका नन्दा

16/09/2015 0

हिंदी सांस में है, पानी में, पहाड़ में, खेत में, सेल्फी में, शहर में, देहात में। इसलिए जाहिर है कि हिंदी की धमक मीडिया में भी है। 90 के दशक में जब निजी मीडिया भारत […]

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लेखनी/LEKHNI

नहीं रहे उत्कट जीवट के धनी बालशौरि रेड्डी

16/09/2015 0

नहीं रहे उत्कट जीवट के धनी बालशौरि रेड्डी (हिंदी-तेलुगु का एक सुदृढ़ सेतु गिर गया) यह अत्यंत दुखद समाचार है कि तेलुगु और हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, ‘चंदामामा’ के पूर्व संपादक और बालसाहित्यकार, उत्कट जीवट […]

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विश्व-हिंदी : मूर्खतापूर्ण बातें:डॉ वेदप्रताप वैदिक

16/09/2015 0

नया इंडिया, 14 सितंबर 2015 विश्व-हिंदी : मूर्खतापूर्ण बातें डॉ वेदप्रताप वैदिक भोपाल में हुए 10 वें विश्व हिंदी सम्मेलन से बहुत आशाएं थीं| विदेशों में होनेवाले विश्व हिंदी सम्मेलनों से इतनी आशा कभी नहीं […]

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