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लेखनी/LEKHNI

ऋषभदेव शर्मा की पुस्तकों का लोकार्पण संपन्न

15/11/2015 0

हैदराबाद, 14 अक्टूबर, 2015 साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘साहित्य मंथन’ के तत्वावधान में खैरताबाद स्थित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के सम्मलेन कक्ष में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से पधारे प्रो. देवराज की अध्यक्षता में […]

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लेखनी/LEKHNI

वैश्विक हिन्दी सम्मेलन की दस्तक बरमिंघम में

15/11/2015 0

‘११ अक्तूबर २०१५ ‘इंग्लॅण्ड’ में ‘बर्मिंघम’ शहर के ‘गीता भवन’ में श्रीमती शैल अग्रवाल जी की इ पत्रिका ‘लेखनी’  का ‘लेखनी सानिध्य ‘ का वार्षिक कार्यक्रम आयोजित किया गया जहाँ  ब्रिटेन के गणमान्य साहित्य-प्रेमी उपस्थित […]

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साहित्य अकादमी कितनी स्वायत्त, कितनी सरकारी

22/10/2015 3

साहित्य जगत के, मेरे कुछ वरिष्ठ जन यह भूल रहे हैं कि आज से 61 वर्ष पूर्व जिस साहित्य अकादमी की स्थापना ही केन्द्रीय सरकार द्वारा की गई और इतना ही नहीं, उसका सारा विधान […]

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हिन्दी को लेकर न तो शोक सभा की जरूरत है , न कोप भवन में जाकर बैठने कीःडॉ. वर्तिका नन्दा

16/09/2015 0

हिंदी सांस में है, पानी में, पहाड़ में, खेत में, सेल्फी में, शहर में, देहात में। इसलिए जाहिर है कि हिंदी की धमक मीडिया में भी है। 90 के दशक में जब निजी मीडिया भारत […]

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नहीं रहे उत्कट जीवट के धनी बालशौरि रेड्डी

16/09/2015 0

नहीं रहे उत्कट जीवट के धनी बालशौरि रेड्डी (हिंदी-तेलुगु का एक सुदृढ़ सेतु गिर गया) यह अत्यंत दुखद समाचार है कि तेलुगु और हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, ‘चंदामामा’ के पूर्व संपादक और बालसाहित्यकार, उत्कट जीवट […]

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विश्व-हिंदी : मूर्खतापूर्ण बातें:डॉ वेदप्रताप वैदिक

16/09/2015 0

नया इंडिया, 14 सितंबर 2015 विश्व-हिंदी : मूर्खतापूर्ण बातें डॉ वेदप्रताप वैदिक भोपाल में हुए 10 वें विश्व हिंदी सम्मेलन से बहुत आशाएं थीं| विदेशों में होनेवाले विश्व हिंदी सम्मेलनों से इतनी आशा कभी नहीं […]

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साहित्य का महातीर्थ हिन्दी भवन भोपालःलेखनी जून/ जुलाई15

23/08/2015 0

बाइसवीं पावस व्याख्यानमालाः एक रपट -गोवर्धन यादव   साहित्य का महातीर्थ हिन्दी भवन भोपाल. हिन्दी भवन भोपाल में आयोजित बाईसवीं पावस व्याख्यानमाला में, हिन्दी साहित्य के गौरव कवि प्रदीप एवं डा.शिवमंगल सिंह “सुमन” की जन्मशताब्दी […]

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“अँखियाँ पानी पानी ” हिन्दी में भक्ति साहित्य की इकलौती कृति

06/07/2015 0

“अँखियाँ पानी पानी ” हिन्दी साहित्य जगत में भक्ति की इकलौती कृति है , ये शब्द थे पूर्व शिक्षा मंत्री एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डा . नरेन्द्र कुमार सिंह गौर के । उन्होंने […]

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लोकार्पणः’आसमानी आँखों का मौसम ‘

09/05/2015 0

  “दुःख सन्तोष श्रीवास्तव की कहानियों का स्थाई भाव है ।उन्होंने दुःख को जिया है और ज़िन्दगी के कई रंग इनकी कहानियों में शिद्दत के साथ महसूस किये जा सकते हैं ये बातें सूरज प्रकाश […]

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