लेखनी/Lekhni -सितंबर-अक्तूबर 24

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap

‘धूल आइने पर है या फिर
दृष्टि ही हो गई है मटमैली
प्रश्न अनेक और उत्तर ना एक
आतुर छवि ज्यों धुंधली
कंपित जल में आकर ठिठकी।’
-शैल अग्रवाल

(आत्म अवलोकन विशेषांक)

(अंक 156,वर्ष 18)

अपनी बातः आइने के समक्ष

इस अंक मेंः रागरंगः चितचोर कृष्ण-शैल अग्रवाल। माह का संकलनः कवि और कविता> कविता धरोहरः केदार नाथ अग्रवाल। चार ग़ज़लें-प्राण शर्मा। माह की कवियत्रीः पुष्पिता अवस्थी। कविता आज और अभीः वक़्त के आइने में। लेखनी संकलनः हिन्दी हम सबकी परिभाषा।

गद्य मेंः मंथनः कवि का आत्म संघर्ष-विश्वनाथ प्रसाद तिवारी। परिचर्चाः अंतर्मन के स्तंभ-शैल अग्रवाल। मुहब्बत के महूरत में कविताः मैत्रेयी पुष्पा। स्वयं से साक्षात्कार-लुरेन्द्र कुमार अरोड़ा। लहरों के बीच से-शैल अग्रवाल। कोपल के कंधों पर चमकती धूप-हंसा दीप। कुछ जग की कुछ मन की-इंदु झुनझुनवाला। फिरदौस से गुमसुदा-नगमा जावेद अख्तर। मैं भी कुछ लिखूँ, देवी नागरानी। आत्मव्यथा- बीनू भटनागर। अपने साहित्य के आइने में राजी सेठ-देवी नागरानी। कहानी समकालीनः उसका बेटा- नासिरा शर्मा। कहानी समकालीनः डायन-अर्पणा सन्त सिंह। कहानी समकालीनः निर्झर-राजश्री अग्रवाल। कहानी समकालीनः आखेट-शैल अग्रवाल। मुद्दाः सुनो भारत यहाँ हिन्दी रोती है-अखिलेश श्रीवास्तव। परिचर्चाः पहाड़ों की कराहट और प्रकृति का ताण्डव-अरविंद कुमार संभव। स्मरणः नमन बापू-शैल अग्रवाल। हास्य-व्यंग्यः बेचारा लेखक-पद्मा मिश्रा। आत्म-दृष्टिः व्यंग्य और मैं-नरेन्द्र कोहली। फूल-फूल पर तितलीः कहानी-क्यों, कविता-कैसे-शैल अग्रवाल।

In the English Section- My Column-Weathers Of The Heart. Favourites Forever-Dylan Thomas. Poetry Here & Now: Shaifali Gupta & Shail Agrawal. Reflections by R.D. Cummings. Kids’ Corner: A translated poem Of Surdas and a story -Krishna Rupam by Shail Agrawal

परिकल्पना, संपादन व संचालनः शैल अग्रवाल
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