लेखनी/Lekhni-सितंबर-अक्तूबर 21

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap

‘ फल फूल और टहनी जड़
एक दूजे बिन जी पाएँ कब
आँखों के आगे बिखरी यह दुनिया
यात्रा है आदि से अनंत की
नेह डोर से ही रहती सधी।’
-शैल अग्रवाल
अपनी बातः समाज की नींवः रिश्ते- शैल अग्रवाल
इस अंक में कवितायें- धरोहरः रघुबीर सहाय। एक नजरिया यह भीः रघुबीर सहाय, शैल अग्रवाल। माह विशेषः ज्योति चावला की कवितायें। माह की कवियत्रीः इंदु झुनझुनवाला, दोहे रामेश्रर काम्बोज ‘हिमांशु’। कविता आज और अभीः रिश्ते-ज्योत्सना अडवानी, श्यामल सुमन, नरेश अग्रवाल, देवी नागरानी, अनिता रश्मि, पद्मा मिश्रा, सुधांशु कुमार मिश्र, आशा मिश्रा’मुक्ता’, शैलेन्द्र चौहान, मंजुल सिंह, शैल अग्रवाल, ज़हीर अली सिद्दकी।लेखनी संकलनः हिन्दी हम सबकी परिभाषा।
गद्य मेंः मुद्दाः सुनो भारत, यहाँ हिन्दी रोती है-अखिलेश श्रीवास्तव। परिचर्चाः हिन्दी की विश्व-व्यापकता-गोवर्धन यादव। मंघनः महात्मा गांधी के विचारों के आलोक में राज्यभाषा कार्यान्वयन-डॉ. वी बालाजी। विमर्षः हमारे जीवन में स्त्री की अहमियत-गोवर्धन यादव। व्यक्तित्वः संदीप तोमर-मेघा राठी। कहानी समकालीनः चन्द्रकांत-सुशांत सुप्रिय। कहानी समकालीनः प्रयोग-शैल अग्रवाल। कहानी समकालीनः श्रद्धा के फूल-देवी नागरानी। धानी चूनर हरी चूड़ियाँ-पद्मा मिश्रा। कहानी समकालीनः चुटकी भर सिंदूर-निरुपमा सिन्हा वर्मा। दो लघुकथायें-मिन्नी मिश्रा। पढ़ते-पढतेः साहित्य, संस्कृति और समाज- ऋषभ देव शर्मा की पुष्तक पर गुर्रमकोंडा नीरजा। संस्मरणः प्रियंवदा देवी-नीरजा द्विवेदी। हास्य-व्यंग्यः झगड़ा-नरेन्द्र कोहली। चांद परियाँ और तितलीः चार बाल गीतः पूनम गुजराती, प्रभुदयाल श्रीवास्तव।
In the English Section:My Column-How to start eelating again.Favourite Forever: Li po. Talk About: Gandhi ON Geeta. Poetry Here & Now: Shail Agrawal. Kids’Corner: Story-Toy-Box, Poem-Birdie on Window Sill by Shail Agrawal.
माह का विचारः ” राष्ट्रभाषा के बिना राष्ठ्र गूंगा है।”
-महात्मा गांधी

ब्रिटेन से प्रकाशित द्विमासीय, द्विभाषीय (हिन्दी-अंग्रेजी) पत्रिका
परिकल्पना, संपादन व संचालनः शैल अग्रवाल
संपर्क सूत्रः shailagrawal@hotmail.com

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