हास्य-व्यंग्यः सच जैसे झूठ- अख्तर अली

बहुत से ऐसे झूठ है जिन्हें सच मान लिया गया है | इन्हें बोलना पाप नहीं है बल्कि इन्हें न बोलना असभ्यता की निशानी है | जो ये झूठ नहीं बोलते उन्हें बत्तमीज़ और जाहिल इंसान माना जाता है | ये मान्यता प्राप्त , ओ. के. टेस्टेड झूठ है | इसके बोलने से रिश्ते मज़बूत होते है इन्हें न बोला जाये तो प्रेम और सदभावना का खात्मा हो जायेगा | इन्हें बोलना नहीं पड़ता कुदरत ने इन्हें आदमी के अंदर रिकार्ड कर दिया है इसमें आटोप्ले सिस्टम है जो सही समय पर आँन हो जाता है |

मृतक के संबंध में यही कहा जाता है बहुत अच्छा आदमी था , किसी से उसकी खैरियत पूछो तो वह कहता है अच्छा हूं | कहीं जाते हुए शख्स से पूछो कहां जा रहे हो तो कहता है कहीं नहीं | दुल्हन को देख कर औरते कहती है चाँद जैसी बहू है | प्रेमी कहता है मैं तुम्हारे लिये आसमान से तारे तोड़ कर ला सकता हूं , छात्र से पूछो पढाई कैसी चल रही है , पेपर कैसे बने इनके जवाब शुद्ध झूठ है , इन पर सच का पानी भी नहीं चढ़ा है , इन पर सच का परफ्यूम भी नहीं छिड़का गया है फिर भी इनमें सच की राहते है | प्रेम की छत झूठ की बल्ली पर टिकी हुई है , प्रेम वार्ता में से झूठ को हटा दिया जाए तो संबंधो की छत की हालत गृह निर्माण मंडल की छत जैसी हो जायेगी समझ ही नहीं आयेगा कि छत में कही कही दरारे है या दरारों के बीच में कहीं कहीं छत है |

कोई पुराना दोस्त बहुत दिनों बाद रास्ते में मिल जाये तो कहा जाता है मैं कल ही तेरे को बहुत याद कर रहा था | किसी रिश्तेदार का फोन आये तो कहते है मैं तेरे को फ़ोन करने की सोच ही रहा था और तुम्हारा फ़ोन आ गया | पड़ोसन सब्जी भेजे तो पत्नी कहती है – भाभी क्या टेस्टी सब्जी बनी थी , ये तो हर निवाले पर तारीफ़ कर रहे थे , किसी को हाथ भी नहीं लगाने दिया , चाट चाट कर खाये हैं |

बोलने वाला भी जानता है और सुनने वाला भी जानता है कि यह झूठ है | जब दोनों पक्ष झूठ को स्वीकारे तो उसे सच मान लिया जाता है | इस झूठ में किसी का नुकसान नहीं है , इससे कोई आहत नहीं होता | इसलिये इन नन्हे मुन्ने बिस्किट चाकलेट जैसे झूठ को वे लोग भी बोलते है जिन्हें गुल से गुरेज़ है न गुलज़ार से मतलब | इसे सच की तरह अभिव्यक्त और स्वीकृत किया जाता है | वह मुंह से लगी छूटती नहीं ये मुंह से लगा छूटता नहीं है | जो हमेशा सच बोलने का दावा करते है उनकी पत्नी भी जब पूछती है कैसी लग रही हूं तो वे रोमांटिक अंदाज़ में इतनी सहजता से बोलते है मानो झूठ बोलने का उन्हें बरसो का अनुभव है | बकरे की जान बचाने के लिये कसाई से और गृहस्थी बचाने के लिये पत्नी से बोला गया झूठ पुरस्कृत किया जाने वाला झूठ है |
सारे झूठ गद्य में ही नहीं है पद्य में भी झूठ भरे पड़े है जैसे झूठ बोले कव्वा काटे , चौदहवी का चाँद हो या आफताब हो , दिल में है तस्वीर यार की जब चाहा गर्दन झुकाई देख ली, सब कुछ ख़ुदा से मान लिया तुमको मांग कर , इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया ,चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है , ऐसे झूठ की हर खुराक सच के विटामिन से भरपूर है | चापलूसी मुहजबानी झूठ है , पुस्तक समीक्षा लिखित झूठ है , सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रशंसा आंखो देखा झूठ है |

सच कह रहा हूं झूठ ने हमें बचा लिया | हमारी व्यवस्था में चंद प्यारे से झूठ नहीं होते तो दुनियां नफ़रत से भर गई होती | इन झूठ में जो वाईब्रेशन है वह सुनने वाले के अंदर झंकार पैदा करता है जिससे अहम नष्ट होता है और प्रेम की स्थापना होती है | ये वो नमकीन है जिनसे जीवन मीठा हो गया है | ये ऐसे झूठ है जिनसे झूठ की परिभाषा बदल गई है |

अखतर अली
निकट मेडी हेल्थ हास्पिटल
आमानाका , रायपुर ( छत्तीसगढ़ )
मो.न. 9826126781

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