सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap
(अंक 120-वर्ष 13)
‘ तिनके-तिनके चुनती चिड़िया
हसरत-हसरत आदमी
बनते नहीं आसानी से पर
ये घरौंदे कहीं आजभी…’
-शैल अग्रवाल
अपनी बातः घरौंदा ।
इस अंक मेंः होली विशेषः संकलन रंग तरंग। माह विशेषः घर चन्द भाव पुष्प- डॉ. शाहिद मीर, शैल अग्रवाल, ऋषभ देव शर्मा, मीरा। घीत और ग़ज़लः दुष्यंत कुमार। कविता आज और अभीः बाल स्वरूप राही, श्यामल सुमन, हरिहर झा।
गद्य मेंः मंथनः ये तेरा घर ये मेरा घर-शैल अग्रवाल। परिचर्चाः होली के रंग-शैल अग्रवाल, गोवर्धन यादव, श्याम सुंदर चौधरी, वीरेन्द्र यादव। कहानी समकालीनः सेंध-शैल अग्रवाल। कहानी समकालीनः लेलिया गुनझिक्कू-विभा कुमारी। कहानी समकालीनः अंतिम निर्णय- गोवर्धन यादव। दो लघुकथाएँः मायका-सुशी सक्सेना, शैल अग्रवाल। पढ़ते-पढ़तेः संपादकीयम्- गोपाल शर्मा। हास्य-व्यंग्यः होली-सो-होली- अशोक आनंद।
ब्रिटेन से प्रकाशित द्विमासीय, द्विभाषीय ( हिन्दी-अंग्रेजी ) पत्रिका
परिकल्पना, संपादन व संचालनः शैल अग्रवाल
संपर्क सूत्रः shailagrawal@hotmail.com
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