लेखनी/LEKHNI-नवंबर-दिसंबर 23

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर

Bridging The Gap

( अंक 151 , वर्ष 17)

‘जीवन की चौखट पर दिया जो बार गई                   
 माटी की देह थी नेह भरी, तिल-तिल जली                 
 खुद को ही देखो तुम पर वह वार चली…’

 -शैल अग्रवाल

अपनी बातः  नारी मन
इस अंक मेंः संकलनः शताक्षी। कविता-धरोहर महादेवी वर्मा। गीत तेरेः अमृता प्रीतम। ग़ज़ल योगिता ‘ज़ीनत’। माह की कवियत्रीः अनामिका। कविता आज और अभीः नारी मन-1। नारी मन-2। नारी मन-3। परिचयः शैलेश मटियानी। कहानी धरोहरः मैमूदः शैलेश मटियानी। कहानी समकालीनः औरत की जात-विनोद साव । कहानी समकालीनः श्रद्धा की पाती मनु के नाम- इन्दु झुनझुनवाला । कहानी समकालीनः कोलतार की सड़क पर-अनिता रश्मि। कहानी समकालीनः असाध्य वीणाः शैल अग्रवाल। दो लघुकथाएँः सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा। मंथनः किस ओर-शैल अग्रवाल। । हास्य-व्यंग्यः सेक्स सिंबल का इंटर्व्यूः गोविंद मिश्र । चाँद परियाँ और तितलीः शिशु मन-शैल अग्रवाल, महादेवी वर्मा।
In the English Section: My Column: . Favourite Forever:Maya Angelou Poetri Here & Now:Being a women=Shail Agrawal. Story: Kids’ Corner: Story: Magic of Christmas-Shail Agrawal.

 

परिकल्पना, संपादन व संचालनः शैल अग्रवाल
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