लेखनी/Lekhni-जुलाई-अगस्त 23

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap

( अंक 149- वर्ष 17 )
जुलाई-अगस्त 2023

‘अंधेरा है और रहेगा
सूरज डूबने और उगने के बीच
जरूरी है बस खुद रौशन रहना!’
शैल अग्रवाल

अपनी बातः संस्कार और संस्कृति
इस अंक मेंः अभिनंदनः तुम पर है अभिमान ( 15 अगस्त विशेष)। माह विशेषः रामधारी सिंह ‘दिनकर’। वन्दे मातरम/ लेखनी संकलन। फुहारें/लेखनी संकलन। कविता धरोहरः शमशेर बहादुर सिंह। माह के कविः नरेश अग्रवाल। कविता आज और अभीः संस्कार और संस्कृति। कहानी समकालीनः पिता के नाम पत्र-सुशांत सुप्रिय। कहानी समकालीनः हवा का झोंका थी वो-अनिता रश्मि। कहानी समकालीनः रजनीगंधा-पद्मा मिश्रा। कहानी समकालीनः सूरज-शैल अग्रवाल। दो लघु-कथाएँ आँखों से खोते सपने-अपर्णा शाह, आशा मिश्रा ‘मुक्ता ‘। दो लघु-कथाएँ-सुरेन्द्र अरोड़ा। परिचर्चाः शबरी की भक्ति-संतोष बंसल। बातचीचः साहित्य में भारत-शैल अग्रवाल। वर्णनः मानस में प्रकृति-शैल अग्रवाल। रागरंगः वैक्यूवर की दीवाली- शैलेन्द्र चौहान।
पुस्तक समीक्षाः ग़ज़ल नवरूपा-ताराचन्द नादान। चांद परियाँ और तितलीः चार बाल कविताएँ-प्रभुदयाल श्रीवास्तव।

परिकल्पना, संपादन व संचालनः शैल अग्रवाल
संपर्क सूत्रः shailagrawal@hotmail.com
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