लेखनी/Lekhni-जनवरी-फरवरी 18

लेखनी/Lekhni

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap

( मुखपृष्ठ छायांकनः शैल अग्रवाल)
“मंगल पर घूम आए चांद पर खेती करी
बूढ़ी धरती माँ की पर हमें सुध ही ना थी”
शैल अग्रवाल

हमारी यह विकास-यात्रा
Controlling Factors
वर्ष 11/ अंक 113

परिकल्पना, संपादन व संचालनः शैल अग्रवाल

इस अंक मेंः अपनी बात। एक पाती प्रवास से प्रवासी और हिन्दी दिवस विशेष-शैल अग्रवाल। माह का संकलनः स्वागत नववर्ष। मेरी पसंदः रघुवीर सहाय। गीत और ग़ज़लः गुलजार। कविता आज और अभीः शैल अग्रवाल, चिराग जैन, चंद्रकला त्रिपाठी, ज्योति चौहान, राजेश्वर वशिष्ठ, ध्रुव सिंह “एकलव्य”। माह के कविः सुशांत सुप्रिय।
परिचर्चाः डूबते सूरज की विदाई, नववर्ष का स्वागत कैसे करें-डॉ.नीलम महेन्द्र। रूबरूः रामदेव धुरंधर-गोवर्धन यादव। कहानी धरोहरः मलवे का मालिक-मोहन राकेश। कहानी समकालीनः पारिजात के फूलः विजय सप्पत्ति। कहानी समकालीनः डर-सुशांत सुप्रिय। कानी समकालीनः जंजीरें-देवी नागरानी। दो लघुकथाएँ-चंद्रेश छत्तानी। हास्य-व्यंग्यः श्री श्री एक सौ साठ श्री-अशोक गौतम। चांद परियाँ और तितलीः शैल अग्रवाल।

In the English section: My Column . Favourite Forever: James Joyce. Talk about Developing Nation: Shail Agrawal. Poetry here & Now: Gautam Sachdev. Kids’ Corner: T.S. Eliot.

error: Content is protected !!