बोतल में बन्द जीनी हैं
आजाद हों अब बेटियाँ
कम मत मापना तुम इन्हे
चूल्हे चौके और बरतन भांडे
खिलौने हुए पुराने
गुड़ियों से ना बहलेंगी अब ये
तोड़ चूड़ी और बिन्दी की कारा
उन्मुक्त आकाश में बिचरेंगी
तितली-सी खिलखिल बेटियाँ
खिलने दो महकने तो दो
झरीं भी तो,
खुशबू ही बिखेरेंगी बेटियाँ….
( बेटी दिवस पर 19 वर्षीय जारा रथफर्ड से प्रेरित , जिसने अकेले ही पूरे विश्व की उड़ान भरी और 20 जनवरी को साहस और क्षमता का एक नया विश्व रिकौर्ड कायम किया।)
शैल अग्रवाल
Leave a Reply