भाषा और भूगोल की सीमाएँ तोड़ती, विश्व के उत्कृष्ट और सारगर्भित ( प्राचीन से अधुधिनिकतम) साहित्य को आपतक पहुंचाती लेखनी द्विभाषीय ( हिन्दी और अंग्रेजी की) मासिक ई. पत्रिका है जो कि इंगलैंड से निकलती है। वैचारिक व सांस्कृतिक धरोहर को संजोती इस पत्रिका का ध्येय एक सी सोच वालों के लिए साझा मंच (सृजन धर्मियों और साहित्य व कला प्रेमियों को प्रेरित करना व जोड़ना) तो है ही, नई पीढ़ी को इस बहुमूल्य निधि से अवगत कराना...रुचि पैदा करना भी है।
I am a monthly e zine in hindi and english language published monthly from United Kingdom...A magzine of finest contemporary and classical literature of the world! An attempt to bring all literature and poetry lovers on the one plateform.
दुख-दर्द की कहानी बन जाए उपन्यास, कौन समझता है मुस्कान का महत्व: सावन मधुर साहित्य सामाजिक काव्य संस्था, लक्ष्मीगंज की 122 वीं कवि गोष्ठी साहित्यकार मधुसूदन पांडेय मधुर के आवास पर कवि रामप्रवेश घायल की […]
शिक्षा, साहित्य एवं पारम्परिक भारतीय मूल्यों को समर्पित संस्था ‘हिंदी लेखक संघ तथा अद्विक प्रकाशन के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’ के ग्रेटर नॉएडा में दिनांक 11 मई 2025 को “पुस्तक विमोचन एवं साहित्य […]
मेरी जलियांवाला बाग की यात्रा, रोमांचक और अविस्मरणीय यात्रा थी..अपने विगत को करीब से प्रत्यक्ष देखने और अनुभव करने का पहला अवसर था। हमारी पीढी ने आजादी के बाद का सूरज देखा था.स्वतंत्रता के संघर्ष […]
साहित्यिक संघ, वाराणसी, राजकीय पुस्तकालय, वाराणसी एवं विद्याश्री न्यास द्वारा आयोजित इंग्लैण्ड की वरिष्ठ कवि-कथाकार शैल अग्रवाल के रचना-पाठ पर केन्द्रित संगोष्ठी में अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए प्रो. सुरेन्द्र प्रताप ने कहा कि […]
उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ : प्रो. बी. एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं : गोविंदराजन चेन्नै, 11 जनवरी, 2025 (प्रेस विज्ञप्ति) ‘डॉ रज़िया बेगम की कविताएँ सरल एवं […]
मैं हिन्दी ——— हिन्द की हिन्दी हिन्द का हिन्दू जैसे उड़ती जाए खुशबू डाल से टूटी पत्ती-सी सुदूर किनारों पर जा पहुँची देखा जब अजबनियों ने वही रूप रंग और खुशबू पूछा तुरंत-‘हिन्द की?’ भरपूर […]
कुछ भी शेष नहीं.रहता बस यादें रह जाती हैं। अब शेष रही यादों में रतन टाटा की उज्वल मानवीय छवि देश के हृदय में .अंकित रह गई है। जमशेदपुर. टाटानगर ने सही अर्थों में अपने […]
अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक महोत्सव सह साहित्यिक महाकुंभ में पूरे देश से साहित्यकार पधारे और विभिन्न सत्रों में अपनी रचनाशीलता का जौहर दिखाया। साल्टलेक के सीजे ब्लॉक में आयोजित इस आयोजन […]
“लेखन एक तपस्या है, जिसमें जलकर लेखक कुंदन बनता है। आज जिन लेखकों को सम्मान मिल रहा है, उन्होंने अपने लंबे संघर्ष और निष्ठा से यह मुकाम हासिल किया है।” डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने स्पेनिन […]
जिस भाषा के पास ढाई लाख शब्द का विशद कोष हो ,,जो भाषा पांच करोड़ लोगों की जुबान पर हो ,,जिसका अपना विपुल साहित्य हो ,,जिसका गौरवमयी इतिहास हो ,,,जिसे केंद्रीय साहित्य अकादमी ने भाषा […]