भाषा और भूगोल की सीमाएँ तोड़ती, विश्व के उत्कृष्ट और सारगर्भित ( प्राचीन से अधुधिनिकतम) साहित्य को आपतक पहुंचाती लेखनी द्विभाषीय ( हिन्दी और अंग्रेजी की) मासिक ई. पत्रिका है जो कि इंगलैंड से निकलती है। वैचारिक व सांस्कृतिक धरोहर को संजोती इस पत्रिका का ध्येय एक सी सोच वालों के लिए साझा मंच (सृजन धर्मियों और साहित्य व कला प्रेमियों को प्रेरित करना व जोड़ना) तो है ही, नई पीढ़ी को इस बहुमूल्य निधि से अवगत कराना...रुचि पैदा करना भी है।
I am a monthly e zine in hindi and english language published monthly from United Kingdom...A magzine of finest contemporary and classical literature of the world! An attempt to bring all literature and poetry lovers on the one plateform.
अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक महोत्सव सह साहित्यिक महाकुंभ में पूरे देश से साहित्यकार पधारे और विभिन्न सत्रों में अपनी रचनाशीलता का जौहर दिखाया। साल्टलेक के सीजे ब्लॉक में आयोजित इस आयोजन […]
“लेखन एक तपस्या है, जिसमें जलकर लेखक कुंदन बनता है। आज जिन लेखकों को सम्मान मिल रहा है, उन्होंने अपने लंबे संघर्ष और निष्ठा से यह मुकाम हासिल किया है।” डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने स्पेनिन […]
जिस भाषा के पास ढाई लाख शब्द का विशद कोष हो ,,जो भाषा पांच करोड़ लोगों की जुबान पर हो ,,जिसका अपना विपुल साहित्य हो ,,जिसका गौरवमयी इतिहास हो ,,,जिसे केंद्रीय साहित्य अकादमी ने भाषा […]
आज रविवार की इत्मीनान वाली सुबह में घर की बालकनी में हल्की ठंडक के बीच गरम चाय की चुस्कियां लेते हुए अखबार पढ़ रहे थे| अन्दर के किसी चौथे पांचवे प्रष्ठ पर छपी एक छोटी […]
राम किसी दिव्य पुरुष का नाम नहीं है । राम मनुष्य की आस्था, शक्ति और सौंदर्य का उज्ज्वल नाम है । यह भी सत्य है कि राम मूर्तियों में नहीं, हमारे जीवन में हैं । […]
नरेन्द्र गोवर 3 अप्रैल 1937- 12 फरवरी 2024. बरमिंघम का एक मुस्कुराता चेहरा और सहृदय इन्सान व उम्दा गीतकार नरेन्द्र ग्रोवर जी हमें 12 फरवरी को अलविदा कह गए। बरमिंघम वासी होने की वजह से […]
पाठ लेखन के समय लेखक को स्वयं शिक्षार्थी लर्नर बनना ही होगा – प्रो. गोपाल शर्मा “एस एल एम (सेल्फ लर्निंग मेटीरियल) या स्व-अध्ययन सामग्री ऐसी सामग्री है जिसे आदि से लेकर अंत तक छात्रकेंद्रित […]
लंदन, 09 दिसंबर 2023: वातायन-यूके के तत्वावधान में संगोष्ठी-161 के अंतर्गत रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे के साहित्यिक अवदान और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान पर व्यापक चर्चा हुई; वैश्विक […]
सिन्धु के प्रवाह में जन्मी हैं सिन्धी संस्कृति और अदम्य जीवन-शक्ति के वारिस हैं सिन्धी। विभाजन के रेगिस्तान में रास्ता बनाता चला आ रहा है सिन्धी साहित्य। सिन्धी, सिन्धु घाटी सभ्यता के मानव जाति के […]
साहित्यिक मासिक ‘कविकुंभ’ का सातवां वार्षिक दो दिवसीय ‘शब्दोत्सव’ पिछले दिनो डीआईटी यूनिवर्सिटी देहरादून (उत्तराखण्ड) के वेदांता ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। पहले दिन मुख्य अतिथि डीआईटी चांसलर एन. रविशंकर, कवि-साहित्यकार विभूति नारायण राय, लीलाधार जगूड़ी, […]