लेखनी/Lekhni- मार्च-अप्रैल17

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap
लेखनी/LEKHNI
Ten years on…
~ अंक 108, वर्ष 11~
(खिलने और महकने की ऋतु में)

ख्वावों की झोली बीच हकीकत
जैसे तारों बीच चंद्रमा,आधा अधूरा
पूरा होने को बेचैन यूँ चमके-दमके
पूरा होते ही पर घट फिर से खाली
हुलस-हुलस बीने जादूगर ने
जाने कितने उलझे सपने
शैल अग्रवाल

इस अंक में- अपनी बातः खिलने और महकने की ऋतु में। कविता धरोहरःहरिवंशराय बच्चन। माह विशेषः मनोज आजिज, विजय सिंह, पद्मा मिश्रा, शैल अग्रवाल। माह के कविः अमर परमार। कविता आज और अभीः सरस्वती माथुर, दीपक मशाल, पंकज त्रिवेदी, शैल अग्रवाल, सुशांत सुप्रिय । माह का संकलनः रंग तरंग ( होली पर नई पुरानी कविताएँ और हायकू)।
गद्य में- ललितः सखि बसंत आया-पद्मा मिश्रा। कहानी समकालीनः गिनीपिग्सःअशोक गुप्ता। कहानी समकालीनः कायर-शैल अग्रवाल। दो लघुकथाएँः सपना मांगलिक। मंथनः हिन्दी से शर्म नहीं गर्व कीजिए- युद्धवीर सिंह लाम्बा ‘भारतीय’ । पढ़ते पढ़तेः कहानी संग्रह दलदल ( पुस्तक समीक्षा)- सुषमा मुनीन्द्र। तीज त्योहारः होली का महत्व- गोवर्धन यादव। हास्य व्यंग्यःहोली का महिलाकरण-प्रेम जन्मेजय। चांदपरियाँ और तितलीः बाल कहानी-रंग बरसे और बाल कविता-शैल अग्रवाल।
In the English Section: My Column: Blooming Dreams. Favourite Forever: William Blake. Poetry Here & Now: Binu Bhatnagar. Story Classic- The Story Of Little Red Lizard -C.S. Lewis. Kids’ Corner: Story-Toy Box & Poem: Birdie on my window sill- Shail Agrawal.

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