लेखनी/ Lekhni- जुलाई-अगस्त 2016

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
लेखनी/Lekhni
Bridging The Gap

जुलाई-अगस्त 2016
” झूठी थी सारी अनिवार्यता भविष्य की।
केवल कर्म सत्य है
मानव जो करता है, इसी समय

उसी में निहित है भविष्य
युग-युग तक का!”

– धर्मवीर भारती
महाभारतः अंधे युग का गूंगा सच
(वर्ष 10, अंक 103)

अपनी बात । माह के कविः राजेश्वर वशिष्ठ । कविता आज और अभीः वन्दना मुकेश शर्मा, रजनीश शुक्ला, राजेश्वर वशिष्ठ,शैल अग्रवाल। । कविता धरोहरः भवानी प्रसाद मिश्र ।
मंथनःमहाभारतःशैल अग्रवाल। विमर्षः युद्ध करो अर्जुन-डॉ.इन्द्रदत्त शर्मा। कहानी धरोहरः सद्गति-मुंशी प्रेमचन्द। कहानी समकालीनः अधिरथ की उदासी-बच्चन पाठक सलिल । कहानी समकालीनः मत्स्यगंधा- शैल अग्रवाल। नाटक धरोहरः अंधा युग- धर्मवीर भारती। नाटक समकालीनः अग्निस्नान-संजीव निगम। महाभारत के पात्रः विदुर-सुरेश शर्मा। महाभारत के पात्रः शिखंडी-शील निगम। पर्यटनः फूलों की घाटी- गोवर्धन यादव। हास्यव्यंग्यः भीष्म की प्यास-संजीव निगम। हास्यव्यंग्य- सरकारी महाभारतः आलोक पुराणिक। चाँद-परियाँ और तितलीः बाल कहानी- एकलव्य और बाल कविता-उठो ।
In the English Section ; My Column. Talk About: Bhisma pratigya- Pradip Bhattacharya. An Enigma Called Draupadi-Archana. Kids’ Corner: Abhimanyu- Shail Agrawal.

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