सुपरिचित वरिष्ठ कवि और साहित्यकार विजय सिंह नाहटा को नाथद्वारा की प्रतिष्ठित संस्था साहित्य मंडल द्वारा हिन्दी कवि मनीषी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। हिन्दी कविता खासकर नयी हिन्दी कविता में भाषा और शिल्प के स्तर पर नये मुहावरे गढने वाले लब्ध प्रतिष्ठित कवि के हिन्दी मे ‘ है यहां भी जल ‘ , लिखना कि जैसे आग ‘ , ‘ अग्नि पाखी ‘ , यह धरती एक छुअन भर है ‘ शीर्षक से चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और भी प्रकाशनाधीन हैं।
देश की सभी नामचीन पत्र पत्रिकाओ में आपकी कविताएं शामिल हुई है। नाहटा को सम्मान में उपाधि पत्र , श्री नाथ जी का चित्र , अंग वस्र , शाल , मेवाड़ी पगड़ी व कंठहार प्रदान किया गया। नाहटा ने सत्र की अध्यक्षता करते हुए पाठकों को ही लेखन की सच्ची अदालत बताया। उन्होंने कहा कि महज सच को दर्ज करना ही कवि का कार्य नहीं है अपितु युग को समाधान देना भी कवि का साध्य है। हर बड़ा कवि यही करता है। कार्य क्रम में देश के कोने-कोने से लेखकों ने शिरकत की। कार्य क्रम का कुशल संचालन श्याम देवपुरा ने किया।
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