सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
लेखनी / Lekhni- जून/जुलाई 2015
” लहर लहर डूबे-उतराए, नित नित सबको पार लगाए
नाविक तेरी यह नैया नयनों में नित स्वप्न जगाए”
शैल अग्रवाल
(ये नावें !)
परिकल्पना, संरचना, संपादन- शैल अग्रवाल
~अंक 97 वर्ष 9~
नए अंक का विषय विदा या separation है । अधिक जानकारी के लिए Contact Us link देखें।
अपनी बात- दूर देश के किस्से कितने इनके हिस्से !
इस अंक में- माह विशेषः अज्ञेय। कविता आज और अभीः स्वामी आनंद प्रसाद मनसा, सरस्वती माथुर, शैल अग्रवाल । कविता धरोहरः सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, जयशंकर प्रसाद, शिवमंगल सिंह सुमन। नाविक मनः सुभाष श्याम हर्ष, राजेश दूबे, दिनेश चन्द्र मुगलसराय, शैल अग्रवाल । गीत और गजलः मीना कुमारी। हायकूः सरस्वती माथुर, शैल अग्रवाल। बाल कविताः शैल अग्रवाल।
लफ्जों की बरसातःअमित बृज। कहानी समकालीनः लकीरः महेन्द्र दवेसर दीपक। कहानी समकालीनः नौका डूबीः शैल अग्रवाल। दो लघुकथाएँ: शबनम शर्मा। धारावाहिक मिट्टी -भाग 18-शैल अग्रवाल। चांद परियाँ और तितलीः बाल कहानीः समृद्धिः गोवर्धन यादव।
In the English Section- My Column. Favourites Forever: John Masefield. Kids’ Corner: Lewis Carroll.
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