अद्भुतः आँखों की अनोखी दुनियाः गोवर्धन यादव

आँखों की अनोखी दुनिया.

इटली के एक 43 वर्षीय गिवनी गैलेन्ट की आँखें उल्लू की जैसी थी.. सन 1928 में उसने अपने माता-पिता से मिलने हरमिन जाने के लिए बीसा के लिए आवेदन किया. उसे अस्वीकार करते हुए पब्लिक हैल्थ इन्सपेक्टर ने कहा- आपको दिन के अन्धेपन का रोग है, इसलिए यात्रा की अनुमति नहीं दी आ सकती. सचमुच ही वह केवल रात में ही देख सकता था, उसे दिन में कुछ भी दिखाई नहीं देता था. इस प्रकार उसे अमान्य कर दिया गया.
फ़्रांस में सबेलनासी आक्स में एक ऎसा लड़का जन्मा था जिसके एक भी आँख नहीं थी. आँखों का स्थान सपाट था. उस लड़के के छः और भाई-बहने थी, जिसमे से किसी में भी इस तरह का कोई चिन्ह नहीं था.

मोमिन्स का डब्ल्यू.जे.बासर्ड नामक एक व्यक्ति की एक आँख नीली और दूसरी भूरी थी. उसके माता-पिता के वशंजों में किसी की नीली या भूरी आँखें रही हों और उसके फ़लस्वरूप कभी नीली आँखों वाली तो कभी भूरी आँखों वाली सन्तान पैदा होती रही हो, पर बासर्ड इन सभी वैज्ञानिक मान्यताओं का अपवाद था अर्थात उसकी एक आँख तो नीली थी और एक भूरी, ऎसा किस कारण हुआ ? पता नहीं चल पाया, आँखों की इस अनोखी दुनिया में ,भौरें की आँखों का लेन्स ऎसा होता है कि वह पहले एक आकृति की हजार आकृतियाँ बनाकर भेजती है, तब दिखाई देती है अन्त में वही एक वस्तु.. मक्खियों और तितलियों की आँखें भी ऎसी ही होती है. भेड़िया और मकड़ी को किस तरह भुलाया जा स्कता है, जिसके आठ आँखें होती हैं, इन आठॊं आँखों का उपयोग वह अपने चारों तरफ़ के क्षेत्र की जाँच और अपने शिकार की टोह में करती हैं.

5 फ़रवरी 1866 को स्काटलैण्ड के इनवर्नस स्थान में विलियम मैकफ़र्सन नामक एक लड़का पैदा हुआ, जो जन्म से अंधा था. उसके हाथ भी नहीं थे फ़िर भी वह मूनटाइप के उभरे हुए अक्षरों को अपनी जीभ की नोक से पढ़ लेता था.
शांसी प्रान्त के राज्य मंत्री श्री लूमन की आँखों में दो-दो पुतलियां थीं, जो जीवविज्ञान का अविजित आश्चर्य ही बनी रही. लमिन बाद में गवर्नर हो गये पर उनकी आँखों से काम लेने की क्षमता में कोई अन्तर नहीं आया
फ़्रांस के टूरकोइंग स्थान में सन 1793 में एक ऎसी लड़की ने जन्म लिया जिसकी केवल एक आँख थी, वह 15 वर्ष तक “क्लीमें चाइल्ड” के नाम से विख्यात रही

वेदन के सम्राट ग्रैंड डची के उत्तराधिकारी कास्पर हासर विसके के बारे में कहा जाता है वह दिन में सितारे देख व गिन सकता है. कास्पर हासर का बाल्यावस्था में अपहरण कर लिया गया था. उसे 18 वर्ष तक लगातार अंधेरी काल कोठरी में रखा गया. एक रात वह चुपके से काल कोठरी से निकल भागा तब वह 18 वर्ष का था. अन्सपच साइबेरिया में पहली बार उसने प्रकाश के दर्शन किए पर तब न जाने उसकी किस आन्तरिक शक्ति का विकास हो चुका था कि वह दिन में भी बखूबी तारे देख सकता था.

सन 1024 को राजसिंहासन पर बैठे इंग्लैण्ड के सम्राट “ एडवर्ड दि कनफ़ेसर” जिसने 1066 तक राज्य किया- की आंखें लाल थीं, चमड़ी दूध के समान तथा बाल और दाढ़ी बर्फ़ के समान सफ़ेद थे.

डेट्रोमेट, मिचीराना (अमेरिका) का एक नागरिक अल्फ़्रेड लेंजवेन एक अनोखी शारीरिक विशेषता से सम्पन्न था, जिस प्रकार दूसरे लोग नथुनों से साँस लेते हैं वह आँखों से ले सकता था और छॊड़ सकता था. परीक्षा के तौर पर वह जलता दीपक और मोमबत्तियाँ मुँह और नाक बन्द करके मात्रा आँखों से देखकर बुझा देता था.
मनुष्यों और जीव-जन्तुओं में दृष्टिगोचर होने वाली ये विचित्र विलक्षणताएँ सिद्द करती है कि जीवन का विकास और स्वरूप किन्ही नियमों के अन्तर्गत नहीं होता.

गोवर्धन यादव.
103, कावेरी नगर,छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
480-001
094243-56400

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