लेखनी / Lekhni- अप्रैल मई 2015
“एक खंडहर के हृदय सी एक जंगली फूल सी,
आदमी की पीर गूंगी ही सही गाती तो है।”
-दुष्यंत कुमार
-खिलती महकती ऋतु की आस में-
( अंक 96- वर्ष 9 )
इस अंक मेः
अपनी बात। माह विशेषः सुभद्रा कुमारी चौहान। कविता धरोहरः रघुवीर सहाय। कविता आज और अभीः सरस्वती माथुर, तेजराम शर्मा, अरुण देव, मोतीलाल, शैल अग्रवाल, मनोज आजिज, डंडा लखनवी । माह की कवियत्रीः पंखुरी सिन्हा। गीत और गजलः अहमद फराज। श्रद्धांजलिः ललित शुक्ल।
संस्कृतिः गोवर्धन यादव। परिचर्चाः कौशल श्रीवास्तव । मुद्दाः दीप्ति शर्मा। कहानी समकालीनः ड़ॉ. बच्चन पाठक सलिल। कहानी समकालीनः शैल अग्रवाल । दो लघुकाथाः अपर्णा शाह। धारावाहिक मिट्टीः शैल अग्रवाल। परिदृश्यः रामसिंह यादव । हास्य-व्यंग्यः अशोक गौतम । चांद परियाँ और तितलीः बालकहानीः शमशेर अहमद खान ।
In the English Section:
My Colume . In Focus: Earthquake in Nepal: Basudev Adhikari. Favourite Forever: William Blake. Poetry Here & Now: Basudev Adhikari. A Rajasthani Story: Meetesh Nirmohi/ Translation by Dr. Megh Raj Khatri. Kids’ Corner: Chinese Folk Song.
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