लेखक समकालीन-1

लेखक समकालीन               अख़तर अली जन्म-१४अप्रेल१९६०।रायपुर।शिक्षाःबी.कॉम। मूलत: नाटककार । इसके अतिरिक्त निरंतर व्यग्य लेखन जारी । अमृत संदेश, नवभारत, दैनिक भास्कार, नई दुनिया, रांची एक्सप्रेस, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, वागर्थ, बालहंस,आदि पत्र पत्रिकाओ मे अनेको रचनाए प्रकाशित । हबीब तनवीर, कार्तिक अवस्थी, सलीम आरिफ, जेरालडीन बोन से रंगमंच का प्रशिक्षण । अनेको नाटय स्पर्धाओ एव सम्मेलनो मे शिरकत एवं पुरस्कृत व सम्मानित ।इनके लिखे नाटक देश की अनेको नाटय मंडलियो द्धारा खेले जा रहे है । आपके द्धारा लिखित प्रमुख नाटक है – किस्सा कल्पनापुर का , नंगी सरकार, विचित्रलोक की सत्यकथा , खुल्लम खुल्ला , निकले थे मांगने , नाटक की आड मे, खदान दान, अमंचित प्रस्तुति । इसके अतिरिक्त प्रमुख नाटय रूपांतरण है – किस्सा नागफनी ; बाकी सब खैरियत है; टोपी भाउक्ला;असमंजस बाबू की आत्मकथा। सम्प्रति – क्वालिटी फाउन्ड्री इन्ड़स्ट्रीज नामक संस्थान मे कार्यरत सम्पर्कःअखतरअली फज़लीअर्पाटमेंट आमानाका/रायपुर। मो०-९८२६१२६७email-akhterspritwala.co.in हास्य-व्यंग्य- काटो तो खून नहीं –(लेखनी-मार्च-2009) —————————————————————————————————————————————-                       अनवर सुहैल जन्म: ०९ अक्टूबर`१९६४ /छत्तीसगढ़ के नैला जांजगीर नामक स्थान में/शिक्षा:खनन अभियांत्रिकी में डिप्लोमा  और प्रथम श्रेणी खान प्रबंधक सक्षमता प्रमाणपत्र। प्रकाशित पुस्तकें : कविताएं: गुमशुदा चेहरे, कठिन समय में, जड़ें फिर भी सलामत हैं, और थोड़ी सी शर्म दे मौला कहानी: कुंजड़-कसाई, ग्यारह सितम्बर के बाद, चहल्लुम शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास: पहचान, दो पाटन के बीच सम्पादन: सोनभद्र से प्रकाशित लघुपत्रिका ‘असुविधा` के मनमोहन ठाकौर अंक तथा विश्णुचंद्र शर्मा अंक का सम्पादन। वर्तमान कर्मस्थली बिजुरी से जनवरी २००९ से कविता केंद्रित लघुपत्रिका ‘संकेत` का सम्पादन अभिरूचि: लेखन, अध्ययन, संगीत, रेखांकन, नेट-सर्फिंग तथा कार चालन व्यवसाय: कोल इण्डिया लिमिटेड की अनुशंगी कम्पनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की एक भूमिगत कोयला खदान, बहेराबांध परियोजना में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत। कहानी समकालीनः 1.जीवहत्या ( लेखनी-नवंबर-2009) 2. ग्यारह सितंबर के बाद (लेखनी-अंक- 47- जनवरी-फरवरी 2011) परिचयः  जीवन संघर्ष ( लेखनी-नवंबर-2009) ——————————————————————————————————————————————                      अनिता रश्मि जन्म-25 अप्रैल 1958, राँची, झारखंड। शिक्षा-बी.एस.सी, राँची महिला विद्यालय से। हिन्दी की साहित्यकार। कई पुष्तकों की रचयिता । सृजन की शुरुआत कविता से। दो उपन्यास, दो कहानी संग्रह, एक लघुकथा संग्रह प्रकाशित। अस्सी के दशक में लघुकथा लिखना प्रारंभ किया। पहला उपन्यास 19-20 वर्ष में लिखा। कहानियों व पुष्तकों पर पुरस्कार भी मिले। दोनों उपन्यास प्रकाशन से पूर्व ही पुरस्कृत। उत्कृष्ट लेखन के लिए स्पेनिन, राँची का प्रथम गौरव सम्मान प्राप्त। राजभाषा विभाग, बिहार सरकार से भी पुरस्कृत। हंस के बहुचर्चित विशेषांक ‘ सत्ता विमर्श और दलित ‘ तथा ज्ञानोदय, वागार्थ, कथाक्रम और कुरुक्षेत्र व युद्धरत आदमी में प्रकाशित कहानियाँ काफी चर्चित। कहानियों का तेलगू, मलयालम में अनुवाद। संप्रतिः लेखनरत और नए कहानी संग्रह व लघुकथा संग्रह पर कार्य। संपर्कः  401, ए ब्लॉक, समृद्धि, चौबे बगान, अनंतपुर, रॉंची, झारखण्ड , पिन – 834002 9431701893. ई. मेलः anitarashmi@rediffmail.com लघुकथा कारण- (लेखनी मार्च-वर्ष चार, अंक 37) मौत पर्व -(लेखनी मार्च-वर्ष चार, अंक 37) समझौता ( लेखनी जून- वर्ष 4, अंक 40) लोकतंत्र ( लेखनी जून- वर्ष 4, अंक 40) लोक कथा 1. 2. कहानी समकालीन 1. चिड़िया, पतंग और अंकु     ( लेखनी-मार्च-अप्रैल-2011) 2. सन्यासी ( लेखनी-मई-2012) 3. धरतीः आबू बिरसा ( लेखनी-मार्च-2013) 4. ओस की पहली बूंद ( लेखनी-अगस्त-2013)   समीक्षा- दरवाजे-कथा संकलन, लेखिका पूर्णिमा केडिया (लेखनी-जुलाई-2013) ——————————————————————————————————————————————- अनिल जनविजय जन्म : 28 जुलाई 1957, बरेली, उत्तरप्रदेश। 1982 से मास्को में। फिलहालमास्को विश्वविद्यालय में रूसी छात्रों को हिन्दी साहित्य का अध्यापन और रेडियो रूस में प्रोड्यूसर।अन्तर्जाल पर कविता कोश (www.kavitakosh.org) और गद्यकोश (www.gadyakosh.org) का सम्पादन। हिन्दी में तीन कविता-संग्रह प्रकाशित। दर्जनों रूसी और अन्य विदेशी कवियों का हिन्दी में अनुवाद। कहानी देशांतर चेखव की कहानी- एक छोटा-सा मजाक अनुवादः अनिल जनविजय ( लेखनी-मई-2013) ——————————————————————————————————————————————- अजीत रॉय रपट कान फिल्मोत्सव-1 ( लेखनी-जून-2013) कान फिल्मोत्सव-2 ( लेखनी-जुलाई-2013) —————————————————————————————————————————————————— अर्जुन प्रसाद आकलन कथा रिपोर्ताज/ शैलेन्द्र चौहान ( लेखनी-मार्च-2013) ————————————————————————————————————————————————-   अरुण अस्थाना
जन्म 14 फरवरी-1968. लखनऊ अदब और तहज़ीब के शहर लखनऊ में पैदा अरुण अस्थाना एक संवेदनशील और अच्छे कहानीकार हैं और उनकी कहानियां हंस व कथादेश आदि प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं । हाल ही में आपका एक उपन्यास प्रणाम स. 2003 में वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुआ है और दूसरा  The Sacred Secrets 2008 में आने की तैयारी में है। एक ख्यातिप्राप्त पत्रकार व लेखक अरुण अस्थाना, बी.बी.सी, स्टार व फौक्स आदि सभी प्रमुख चैनल के साथ काम कर चुके हैं।  कुछ वर्ष लंदन में रहने के बाद संप्रति अरुण अस्थाना ने मुंबई को अपना घर बनाया हैं और टी.वी. चैनल्स व मीडिया डेवलपमेंट से जुड़े हैं। कहानी-कैसा आदमी हूं मैं ! (लेखनी-अँक 11-जनवरी 2008)  ————————————————————————————————————————– अशोक आनन्द (देहरादून, भारत) अपना सपना मनी मनी (लेखनी-अंक- 47- जनवरी-फरवरी 2011) ——————————————————————————————————————————————- अशोक गुप्ता (दिल्ली,भारत) परिचय एक छिन छिन बदलने वाली शह है, इसलिये पहले वह, जो कभी बदला नहीं जा सकता…. नाम अशोक गुप्ता। 29 जनवरी को 1947 देहरादून में पैदा हुआ और पिता परिवार की खानाबदोशी के चलते कई शहर कस्बे देखे। सीतापुर ( उत्तर प्रदेश ) आकर कुछ ठहराव मिला. सबने मिल कर कुछ ऐसा झांसा रचा कि विज्ञान और गणित पढ़ कर इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के रास्ते जाना पड़ा, जब कि दसवीं पास होने के पहले ही साहित्य की ललक नें अपना संकेत दे दिया था।  खैर, बनारस यूनिवर्सिटी नें दोनो ही पक्षों को हवा दी. वहां से नौकरी के पाठ के साथ साहित्य की दीक्षा और लेखन की बेचैनी भी ले कर बिदा हुआ। समय के दौर में जीविका इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट  के जरिये मिली लेकिन लेखक बनने से बच नहीं पाया. पुत्र, भाई, पति, प्रेमी, पिता, दोस्त, और अब दो बार नाना तक बन चुका हूं, लेकिन वैसा ही, जैसा लेखन का डसा पात्र होता है. मेरी हर भूमिका में जैसे उस इत्र की गंध रही है। सौ से ऊपर कहानियां, अनेकों कविताएं, दर्जन के करीब समीक्षाएं, दो कहानी संग्रह, एक उपन्यास आ चुका है. एक उपन्यास पर काम चल रहा है. तीसरा कहानी संग्रह भी छप चुका है, बस लोकार्पण का इंतज़ार है.  अभी बेनज़ीर भुटटो की आत्मकथा क़्ठ्ठद्वढ़ण्द्यड्ढद्ध दृढ द्यण्ड्ढ ड्ढठ्ठद्मद्य का अनुवाद हिन्दी में किया जो राजपाल एण्ड सन्ज दिल्ली से प्रकाशित हुआ. अभी बहुत कुछ करना है.. बहुत लेखन, बहुत दोस्ती, बहुत यायावरी, बहुत प्रेम.. और, और भी बहुत कुछ. नौकरी से निवृत्त हो कर अब मन की जिन्दगी जी रहा हूं, जिसके केन्द्र में किताब है, लेखन है और लेखक हैं। परिचय के बहाने एक बचैनी का साझा हो जाय… हमारे चारों ओर बहुत कुछ ऐसा है जो बदला जाना चाहिये, और बहुत लोग ऐसे हैं बदलाव जिनके हित में नहीं जाता….. क्या हम ऐसे लोगों का सोच बदल नहीं सकते ? संपर्क –      मोबाइल: 09871187875 पता :  ए 11/45 सेक्टर  18, रोहिणी  दिल्ली  110089 कहानीः 1. सन्तूर वादक ( लेखनी-अंक 31-सितंबर 2009) 2. दरिद्र ( लेखनी-अंक 43-सितंबर 2010) 3. तितली ( लेखनी-जनवरी-2014) 4. मौसम. उपसंहार ( लेखनी-फरवरी-2014) मुद्दाः ‘ऊंच-नीच’ के निहितार्थ और प्रति-व्यवस्था की भूमिका   ( लेखनी-अगस्त-2011) —————————————————————————————————————————————— अशोक गौतम (सोलन, भारत) २४ जून १९६१ को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला की तहसील कसौली के गांव गाड में जन्म। १९९० में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से भाषा संकाय में पीएच. डी की उपाधि। १९८६ से हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में प्राध्यापन कार्य। भारतवर्ष के गणमान्य दैनिक पत्रों और पत्रिकाओं में विगत २० वर्षों से सक्रिय लेखन। मुख्यत: व्यंग्य और कहानी लेखन। इन दिनों हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित राजकीय महाविद्यालय शिमला में हिंदी संकाय में वरिष्ठ पा्रध्यापक के पद पर कार्यरत। संपर्क सूत्र गौतम निवास,अपर सेरी रोड नजदीक वाटर टैंक,सोलन -१७३२१२ हि.प्र. हास्य व्यंग्य 1.शपथ खाओ , मौज मनाओ (लेखनी-जुलाई 2009) 2. ——————————————————————————————————————————————- अशोक वर्मा (दिल्ली, भारत) थोड़े शब्दों में अधिक कह जाने वाले चुटीले रचनाकार। दो लघु कथाएँ   (लेखनी-जून-2009) 1. धरती घूमती है 2. पूर्ववत   ——————————————————————————————————————————————-     अरुणा घवाना ठाकुर ।   जन्म: 6 जनवरी 1971 , जन्मस्थान: हिमाचल प्रदेश। शिक्षा : पी.एच.डी. शोधार्थी, साइबर पत्रकारिता सम्प्रति : नई दिल्ली,भारत के एक प्रकाशन संस्थान में कार्यरत. बाल पत्रिका चंपक की विभागाध्यक्षा। प्रकाशन : सामाजिक विषयों पर चर्चाएँ, विभिन्न पत्रिकाओं में लेख व कहानियाँ प्रकाशित। चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट द्वारा पुरस्कृत। लेखन में बच्चों की कहानी लिखना सबसे अच्छा लगता है। यूं कभी कलम कविता का रूप और आकार भी ले लेती है। अभी तक बड़ों की कोई सशक्त कहानी लिखने में सफल नहीं हो सकी। रुचि विशेष :  साहित्य के अतिरिक्त दार्शनिकों के विचार पढ़ने में रुचि। संगीत, सम्पर्क : arunaghawana@gmail.com चांद परियां तितली बाल कहानी-  ह्यूरान नदी का ब्रिज और व्ह्यटी (लेखनी -अंक 14-अप्रैल 2008) ——————————————————————————————————————————————-                अजय पाराशर आम आदमी और समाज व पर्यावरण की समास्याओं व कुरूतियों के प्रति जागरूक रचनाकर। जीवन-वृत्त हिमाचल प्रदेश सरकार में पिछले 12 वर्षों से जि़ला लोक संपर्क अधिकारी। इससे पूर्व हिमाचल सरकार में शिक्षक तथा द क्रॉनीकल, भोपाल में उप-संपादक एवं रिर्पोटर। इतिहास में एमफिल तथा वर्तमान में पीएचडी ज़ारी और पत्रकारिता में स्नातक तथा स्नातकोत्तर। एक दशक तक लेखन से दूर रहने के बाद गत वर्ष से पुन: सक्रिय। हिमाचल के प्रथम एवं प्रतिष्ठित दैनिक ‘दिव्य हिमाचल’ में पिछले एक साल से ‘मीडिया वॉच’ कॉलम के लिए लेखन तथा निष्पक्ष, निर्भीक, अर्थपूर्ण एवं गहरे लेखन के लिए सम्मानित।  विभिन्न समाचार-पत्रों तथा साहित्यिक पत्रिकाओं में समीक्षाएं, कविताएं, गज़लें, कहानियां तथा व्यंग्य प्रकाशित। संपर्क सूत्रः जिला संपर्क अधिकारी, हमीरपुर, जिला हमीरपुर। हास्य व्यंग्य गोली- (लेखनी-अप्रैल-2010) सड़कों पर लंगड़ाता राज्यों का गौरव ( लेखनी-जून-2010) एक गरीबी सौ सुख ( लेखनी-सितंबर-2010) सरोकार महा विनाश की अलामत हैं बढ़ते भूकंप (लेखनी-मई-2010) परिदृश्य बिन पानी सब सून (लेखनी-मई-2010) अनजाने में सूखती हरियाली ( लेखनी-जुलाई-2010) पंचायती राज संस्थाओं में फैलता भ्रष्टाचार ( लेखनी-अगस्त-2010) चौपाल अपनी ही गुगली पर बोल्ड खेल जगत ( लेखनी-जून-2010) मोटा अनाज ( लेखनी-नवंबर-2010) ——————————————————————————————————————————————-                अजय नावरिया जन्मः दिल्ली के एक गांव कोटाला मुबारक पुर में। शिक्षा एम.ए. , एम. फिल, पी.एच.डी. कहानी संग्रहः पटकथा और अन्य कहानियां। उपन्यासः उधर के लोग। सम्मानः सुधा साहित्य सम्मान हिन्दी साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा  पुरष्कृत। सम्प्रतिः प्राध्यापक हिन्दी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्मालिया विश्विद्यालय, नई दिल्ली।
कहानी-एक देर शाम– (लेखनी दिसंबर-2008 ) ——————————————————————————————————————————————- अमृता मौर्य रागरंग- लेख -विदेशियों को भाता है भारत का ग्रामीण जीवन- (लेखनी-जनवरी-2009) ——————————————————————————————————————————————– अविनाश वाचस्पति
जन्म- 14 दिसंबर 1958 शिक्षा- दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक। भारतीय जन संचार संस्थान से ‘संचार परिचय’, तथा हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन, परंतु व्यंग्य, कविता एवं फ़िल्म पत्रकारिता प्रमुख उपलब्धियाँ, सैंकड़ों पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। जिनमें नई दिल्ली से प्रकाशित दैनिक नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, जनसत्ता अनेक चर्चित काव्य संकलनों में कविताएँ संकलित। हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों ‘गुलाबो’, ‘छोटी साली’ और ‘ज़र, जोरू और ज़मीन’ में प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म ‘ज्योति संकल्प’ में सहायक निर्देशक। राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में से एक। सामयिक साहित्यकार संगठन, दिल्ली तथा साहित्य कला भारती, दिल्ली में उपाध्यक्ष। केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के शाखा मंत्री रहे, वर्तमान में आजीवन सदस्य। सर्वोदय कन्या विद्यालय नई दिल्ली में अभिभावक शिक्षक संघ में उप-प्रधान। ‘साहित्यालंकार’ , ‘साहित्य दीप’ उपाधियों और राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान’ से सम्मानित। काव्य संकलन ‘तेताला’ तथा ‘नवें दशक के प्रगतिशील कवि कविता संकलन का संपादन। ‘हिंदी हीरक’ व ‘झकाझक देहलवी’ उपनामों से भी लिखते-छपते रहे हैं। संप्रति- फ़िल्म समारोह निदेशालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, नई दिल्ली से संबद्ध। संपर्कः   avinashvachaspati@gmail.com व्यंग्य- व्यंग्य- 1.गांधीगिरी के वर्तमान फंडे (लेखनी-अंक 10-दिसंबर-2007) 2. रसगुल्ला खाइये, मोटापा भगाइये ( लेखनी-अंक-31-सितंबर-2009) 3. गरीबी की कबहुँ घटेगी ना चोटी ( लेखनी-अंक 61-अप्रैल-2012) ——————————————————————————————————————————————- अश्विनी कुमार आलोक लघुकथाः बेटी ( लेखनी-मई-2009) ——————————————————————————————————————————————- अजीत रॉय रपट कान्स फिल्म फेस्टिवल 1   ( लेखनी-जूनृ-2013) कान्स फिल्म फेस्टिवल 2  ( लेखनी जुलाई-2013) ———————————————————————————————————————————————- अज्ञात चांद परियां और तितली नीतिकथा   ( लेखनी-जनवरी फरवरी-2011) —————————————————————————————————————————————– — आरती झा लघुकथा- प्यार ( लेखनी- अंक 21- नवंबर 2008) ——————————————————————————————————————————————- आलोक पुराणिक हास्य व्यंग्य आधुनिक महाभारत ( लेखनी-जनवरी-2012) सुक्खी लाला की याद आती है ( लेखनी-अप्रैल-2012) ———————————————————————————————————————————————- आलोक कुमार सातपुते जन्म – 26/11/1969 षिक्षा- एम.काॅम. प्रकाषित रचनाएंॅ-दैनिक भास्कर ,राजस्थान पत्रिका ,अमर उजाला, राष्टीय सहारा, दैनिक जागरण, नवभारत, देषबन्धु, हरिभूमि, आदि लोकप्रिय समाचार-पत्रों में रचनाओं का प्रकाषन । साहित्यक पत्रिकाओं में- हंस , वागर्थ कथादेष ,नया ज्ञानोदय, आम आदमी , कथाक्रम, पाखी, पुनर्नवा, कादम्बिनी , वर्तमान साहित्य, कथाबिम्ब ,संवेद , अपेक्षा,, समरलोक ,आदि आन्दोलित करने वाली पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाषन । संग्रह का प्रकाषन- षिल्पायन समूह के नवचेतन प्रकाषन,से लघुकथा संग्रह अपने-अपने तालिबान का प्रकाषन। 2 Samayik Prakashan-Vetal Fir Dal Par 3 Diamond Books- Mohara छायाचित्रों/रेखाचित्रों का पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाषन अनुवाद – English उड़िया ,उर्दू एवम् मराठी भाषा में रचनाओं का अनुवाद एवं प्रकाषन । निर्देषन – छत्तीसगढ षासन, पंचायत एवम् ग्रामीण विकास विभाग के लिए राष्टीय रोज़गार गारण्टी योजना पर आधारित टेलीफिल्म का निर्देषन । सम्प्रति – छत्तीसगढ़ षासन, पंचायत एवम् ग्रामीण विकास विभाग की मासिक पत्रिका पंचमन का विगत पांच वर्षों से सम्पादन । निःषक्तजन परामर्ष केन्द्र, कलेक्टोरेट परिसर, रायपुर-492001 छत्तीसगढ़ सम्पर्क -एल आई जी 832 सेक्टर 5 हाउसिंग बोर्ड कालोनी सढढू रायपुर – 492007 छत्तीसगढ़ India mobile 009827406575 लघुकथाएँ 1. औरतें-(लेखनी-फरवरी-2008) 2. मूल्यांकन ( लेखनी-मई-2009) 3. धर्मींतरण का राज ( लेखनी अक्तूबर 2009) 4. चढ़ावा ( लेखनी-जुलाई-2010) 5. फ्यूजन ( लेखनी-जुलाई-2010) 6. कारण ( लेखनी-अक्तूबर-2010) 7. संदेह ( लेखनी-अक्तूबर-2010) 8. पाप (लेखनी-अंक- 47- जनवरी-फरवरी 2011) 9. योग्यता ( लेखनी-जनवरी-2012) 10. सेवकपुर ( लेखनी-जनवरी-2012   —————————————————————————————————————————————————–     ओम प्रकाश कश्यप सन 1959, जिला बुलंदशहर, भारत के एक गांव में. शिक्षा परास्नातक दर्शनशास्त्र. विगत तीस-बतीस वर्ष से शब्दों से दोस्ती. उपन्यास, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, लेख, विज्ञान, नाटक, कविता, बालसाहित्य, समाज, सहकारिता, जीवनी आदि विधाओं में नियमित लेखन-प्रकाशन. अभी तक तीस पुस्तकें प्रकाशित. अन्य चार प्रकाशनाधीन. साप्ताहिक समाचारपत्रों में व्यंग्य का॓लम तथा मासिक पत्रिका ‘सहकार संचय’ में सहकारिता आंदोलन पर करीब तीन साल तक नियमित लेखन. अभी तक प्रकाशित पुस्तकों में चार उपन्यास, चार नाटक संग्रह, तीन कहानी संग्रह, जीवनी, विज्ञान तथा व्यंग्य संग्रह, सहकारिता आंदोलन सहित करीब एक दर्जन पुस्तकें बालसाहित्य पर प्रकाशित. हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा सन 2002 में कविता पुस्तक ‘वृक्ष हमारे जीवनदाता’ के लिए ‘बाल एवं किशोर साहित्य सम्मान’. ‘बालसाहित्य समीक्षा’ के ‘शिवकुमार गोयल विषेषांक’ का अतिथि संपादन (अक्टूबर- 2005). साथ ही विभिन्न साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में सहस्राधिक रचनाएं प्रकाशित एवं चर्चित! प्रकाशित कृतियां उपन्यासः  जुग-जुग जीवौ भ्रष्टाचार, विजयपथ, ढाई कदम, जहरबाद, मिश्री का पहाड़ कहानी-संग्रहः नन्ही का बटुआ, सोन मछली और हरी सीप, कहानी वाले बाबा, फरिश्ते. व्यंग्य-संग्रहःमनोबल बना रहे नाटक-संग्रहः पुल कहां नही है, स्वयंवर में लड़की, उत्सर्ग बालकविता-संग्रहः वृक्ष हमारे जीवनदाता जीवनी : जननायक डा॓. भीमराव आंबेडकर विज्ञानःआइंसटाइन और आपेक्षिकता का सिद्धांत लघुकथा-संग्रहः पगडंडियां सहकारिताः सहकारिता आंदोलन : उदभव एवं विकास (दो खंड) बालनाटिकाएः हलवाई की दुकान से, दो राजा अलबेले तथा बच्चों के लिए करीब दर्जन-भर पुस्तकें प्रकाशनाधीनः निगद (उपन्यास), तुम बिन(गीत संग्रह), समाजवादी आंदोलन की पृष्ठभूमि : प्लेटो से मार्क्स तक सहकारिताःसिद्धांत, स्वरूप और संभावनाएं ब्लागः आखरमाला एवं संधान Email- opkaashyap@gmail.com   opkaashyap@indiatimes.co संपर्क सूत्र – जी- 571, अभिधा, गोविंदपुरम, गाजियाबाद- उत्तर प्रदेश, भारत चांद परियाँ और तितली बाल कहानी- 1. नन्हा बहादुर ( लेखनी-अप्रैल-2010) 2. कथा गणतंत्र   ( लेखनी-अगस्त-2010) ——————————————————————————————————————————————- ओम निश्चल कवि गीतकार, आलोचक और भाषाकर्मी जन्म 15 दिसंबर, 1958 , प्रतापगढ़ ( उ.प्र.) शिक्षाः एम.ए. ( हिन्दी व संस्कृत), पी.एच. डी. , पत्रिकारिता में डिप्लोमा। प्रकाशन- शब्द सक्रिय हैं ( कविता संग्रह) द्वारिका प्रसाद माहेश्वरीः सृजन और मूल्यांकन (आलोचना) साठोत्तरी हिन्दी कविता में विचार तत्व (शोध) बैंकिंग वांग्मय  ( पांच खण्डों में) सहित भाषा विषयक अनेक पुस्तकें प्रकाशित। द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी रचनावली ( तीन खण्ड) का संपादन और मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित तत्सम् शब्दकोश के सहयोगी संपादक। हाल में नेशनल पब्‍लिशिंग हाउस नर्हदिल्‍ली से प्रकाशित सप्रसिद्ध कवि आलोचकडॉ.विश्‍वनाथप्रसाद तिवारी पर एकाग्रपुस्‍तक:  विश्वनाथ प्रसाद तिवारीः लेखक का स्वाधीन विवेक का संपादन। व्यावसायिक हिंदी ( दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए) अधुनांतिक बाँग्ला कविता का संपादन , समीर रायचौधुरी के साथ। कविता के स्थापत्य एवं विचार दर्शन पर विशेष कार्य। विदेशी कविताओं के अनुवाद में गहरी दिलचस्पी। पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर अनुशीलन पूर्ण लेखन। अपने समय के अनेक महत्वपूर्ण लेखकों से बातचीत के जरिए बातचीत विधा को रम्य चर्चा में बदलने की पहल। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रकाशित उत्तर प्रदेश मासिक के सहायक संपादक के रूप में लगभग पाँच वर्ष तक कार्यरत रहे। तत्पश्चात मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली में जाने-माने आलोचक एवं भाषाविद् डॉ. नगेन्द्र के पर्यवेक्षण में कोश-संपादन। हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा कविता के लिए सम्मानित। फिलहाल: इलाहाबाद बैंक वाराणसी मंडल में वरिष्‍ठ राजभाषा प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। स्‍थायी पता: जी-1/506ए, उत्‍तम नगर,नईदिल्‍ली-110059 फोन: 011- मंथन 1.एक तस्वीर ऐसी बने तो बना /जो बनारस बनारस बनारस बने  ( लेखनी -अंक 53- जुलाई 2011) 2. मांझी न बजाओ वंशी (लेखनी-अक्तूबर-2011) 3. जिओ उस प्यार से जो मैंने तुम्हें दिया है ( लेखनी-नवंबर-2011) 4. मेरा धन है स्‍वाधीन कलम (  लेखनी-दिसंबर-2011) स्मरण कुमार विमल : एक साधक का अवसान ( लेखनी-दिसंबर-2011)   बैठकी लीलाधर मंडलोई के साथ ( लेखनी-अंक 55- सितंबर 2011) कविता में इन दिनों 1. निज मन मुकुर (नन्दकिशोर आचार्य की कविताएँ )  ( लेखनी-फरवरी-2012) 2.  सदी के संताप की अभिव्यक्ति (अरुण कमल की कविताएँ)    ( लेखनी-मई-2012) 3. एक खयाल की तरह कविता (वर्तिका नन्दा की कविताएँ)   (लेखनी-जून-2012) 4. अमल धवल भाषा से अलग  ( भगवत रावत की कविताएँ)  (लेखनी-जुलाई-2012) 5. कविता सुनती है सताई हुई कौमों की कराह ( विनोद शुक्ल की कविताएँ) ( लेखनी-अगस्त-2012) 6. है कविता की आवाज़ अब भी अशेष…   ( ओम भारती की कविताएँ) ( लेखनी-सितंबर-2012) 7. कविता कटाक्ष और वर्जनाएँ ( प्रतापराव कदम की कविताएँ)  ( लेखनी-अक्तूबर-2012) 8. कविता बातचीत का सहज प्रवाह भी है ( संजय कुंदन की कविताएँ) ( लेखनी-नवंबर-2012) 9. कविता में उतरता जीवन ( तजिन्दर लूथड़ा की कविताएँ) ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013) 10. फूली हुई सरसों का पीताम्बरी शगुन ( पुष्पिता अवस्थी की कविताएँ) ( लेखनी-मार्च-2013) 11. स्त्री चरित्रों की अनूठी चित्रशाला ( ज्ञानेन्द्रपति की कविताएँ) (लेखनी-अप्रैल-2013) 12. सुनो चारुशीला ( नरेश सक्सेना की कविताएँ) ( लेखनी-मई-2013) 13. कहीं कोई दरवाजा -कविता में एक सांस ( अशोक बाजपेयी की कविताएँ) (लेखनी-जून-2013) 14. गुजरना दुख की सरणि से ( एकांत श्रीवास्तव की कविताएँ) (लेखनी-जुलाई-2013) 15. आजादी के अगस्त में गणतंत्र की गुनगुनी धूप ( सवाई सिंह शेखावत की कविताएँ ) ( लेखनी-अगस्त-2013) 16. सुख दुख के झिलमिलाते वलय ( सविता भार्गव की कविताएं)  ( लेखनी-सितंबर-2013)
17. प्रेम के प्रमेय में ( लीलाधर जगूड़ी की कविताएँ ) ( लेखनी-अक्तूबर-2013) 18. समय की वक्रताएँ और विरोधाभास ( प्रभात त्रिपाठी की कविताएँ)  ( लेखनी-नवंबर-2013) 19. अरुण देव की कविताएँ ( लेखनी-दिसंबर-2013) 20. स्वप्न समय पर  (सविता सिंह की कविताएँ) ( लेखनी-फरवरी-2014)   कहानी धरोहर जयशंकर प्रसाद की कहानी दुराशा का नाट्य रूपान्तर (लेखनी-जून-2012)   ———————————————————————————————————————————— ओम सुधा सरोकारः ( लेखनी-अगस्त-2011) ———————————————————————————————————————————— ओम भारती स्मरण जीवन का बखान उन्ही की जुबान में (  लेखनी-जून-2012) ——————————————————————————————————————————————- डॉ. ओमप्रकाश श्रीनिवास येमुल रागरंग लेख –भारत इतरों का उद्गम स्थल ( लेखनी-नवंबर-2009) —————————————————————————————————————————————————-   इला प्रसाद जन्म : ३ जून, रांची , झारखण्ड। शिक्षा : एम एस सी ( भौतिकी) रांची विश्व् विद्यालय , पी एच डी( भौतिकी ) काशी , हिन्दू विश्वविद्यालय। तत्पश्चात, कुछ वर्षॊ तक आई आई टी मुम्बई में शोध कार्य। देश/विदेश की प्रमुख शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित। छात्र जीवन से लेखन की शुरुआत। आरम्भ में कालेज पत्रिका एवं आकाशवाणी तक सीमित। साहित्य की कई विधाओं – कविता , कहानी ,संस्मरण, आलेख आदि में एक साथ  सक्रिय। विवाहोपरान्त अमेरिका आने के बाद लेखन में गति आई। अब तक भारत सहित देश /विदेश की लगभग सभी प्रमुख् पत्रिकाओं/ वेब पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। अमेरिका की पत्रिका “हिन्दी जगत” के सम्पादक मंडल में । कनाडा की पत्रिका ” हिन्दी चेतना ” के कामिल बुल्के विशेषांक में सम्पादन सहयोग। भारत की पत्रिका ” शोध- दिशा” के अमेरिकी प्रवासी कथाकार अंक का सम्पादन। प्रकाशित कृतियाँ : -” धूप का टुकड़ा”( कविता संग्रह) ,  “इस कहानी का अन्त नहीं” ( कहानी संग्रह) । “उस स्त्री का नाम” ( कहानी संग्रह ) व्यवसाय : अध्यापन ( भौतिकी) । लोन स्टार कालेज सिस्टम से सम्बद्ध। पता :   12934 Meadow Run Houston, TX 77066 USA Email :  ila_prasad1@yahoo.com   कहानी मेज ( लेखनी-सितंबर-2011) सेल ( लेखनी-नवंबर-2011) मंथन दूर देश के हिन्दी लेखक ( लेखनी-सितंबर-2011)   ————————————————————————————————————————————————— उमेश सिंह पुत्र अवध बिहारी सिंह निवास-सद्भावना अश्विनीपुरम द्वितीय, देवकाली, फैजाबाद, उ.प्र.,भारत,पिन २२४००१ संपर्क-०९४१५३६८३९१ जन्म-१४ अप्रैल १९७५ फत्तेपुर, अंबेडकरनगर शिक्षा-इलाहाबाद विश्वविद्यालय,परास्नातक हिंदी व इतिहास, अवध विवि से विधि स्नातक, संप्रति-स्वतंत्र लेखन मीडिया में, साहित्य व संस्कृति पर।) व्यक्तित्व ( लेखनी-मई-2012) यात्रा अमरकंटक ( लेखनी-जून-2012)   —————————————————————————————————————————————————- कमला सिंघवी संवेदन शील  कवियत्री और सहज विचारक कमला सिंघवी स्व. लक्ष्मीमल सिंघवी की धर्मपत्नी होने के साथ-साथ स्वयं भी साहित्य का एक जानामाना और वरद हस्ताक्षर हैं। संपर्क सूत्रः 18, मदर टैरेसा क्रिसेंट, नई दिल्ली-110011 लेख संयुक्त परिवार के बदलते परिवेश और नए सीमांत ( लेखनी-सितंबर-2008) ————————————————————————————————————————————————— कालुलाल कुलमी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा 09595614315 परिचर्चा लड़की सपने देखती है ( लेखनी-दिसम्बर 2012) —————————————————————————————————————————————————– कवि कुलवंत सिंह जन्म : ११ जनवरी, १९६७ – रूड़की उत्तरांचल शिक्षा : प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा : करनैलगंज गोंडा (उ. प्र.) उच्च शिक्षा : अभियांत्रिकी, आई. आई. टी. रूड़की , (रजत पदक एवं ३ अन्य पदक) प्रकाशन : पुस्तकें प्रकाशित : १. निकुंज (काव्य संग्रह) २. परमाणु एवं विकास (अनुवाद) ३. विज्ञान प्रश्न मंच पुस्तक (प्रकाशनाधीन) : 1. कण क्षेपण (विज्ञान) 2. चिरंतन (काव्य संग्रह) रचनाएँ प्रकाशित : साहित्यिक पत्रिकाओं परमाणु ऊर्जा विभा ग, राजभाषा विभा ग केंद्र सरकार की विभिन्न गृह पत्रिकाओं , वैज्ञानिक आविष्कार में अनेक साहित्यिक एवं वैज्ञानिक रचनाएँ प्रकाशित पुरस्कार – सम्मान : काव्य लेख विज्ञान लेखों एवं विभागीय हिंदी सेवाओं के लिए सेवाएँ : ‘ हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद ‘ से १५ वर्षों से संबंधित संस्थापक ‘ वैज्ञानिक’ त्रैमासिक पत्रिका विज्ञान प्रश्न मंचों का आयोजन क्विज मास्टर कवि सम्मेल नों में काव्य पाठ एवं मंच संचालन संप्रति : वैज्ञानिक अधिकारी पदार्थ संसाधन प्रभाग भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई – ४०००८५ ईमेल : singhkw@indiatimes.com       singhkw@barc.gov.in वेब पेज www.kavikulwant.blogpost.com     www.PoetryPoem.com/kavikulwant
भव्य भारती : लेख-लक्ष से जीत तक (लेखनी-मार्च 2008-वर्ष-2-अंक-1) रागरंग काले धन एवं नकली नोटों से छुटकारा-भ्रष्टाचार पूर्णतः खत्म ( लेखनी-फरवरी 2010- अंक 36) ——————————————————————————————————————————————- कविता शर्मा गुलदस्ता वर्तमान संदर्भ में संगीत चिकित्सा में  व्यवसाय की सम्भावनाएं (लेखनी-अगस्त 2009)   ——————————————————————————————————————————————– कादम्बरी मेहरा (यू.के.-लंदन)
कादंबरी मेहरा का नाम ब्रिटेन के उन प्रवासी कथाकारों के साथ लिया जाता है जिन्होंने पिछले दशक में अपनी उपस्थिति से समस्त हिंदी साहित्यकारों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनके लेखन की शुरुआत वाराणसी के आज अखबार से हुई और बाद में वह स्कूल व कॉलेज की साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ी रहीं। अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि लेने के बाद वे लंदन चली गयीं जहां अद्यापन को अपना कार्यक्षेत्र बनाया और 25 वर्षों तक इससे जुड़ी रहीं। अवकाश प्राप्ति के बाद अब फिर से कहानी और उपन्यास की दुनिया में प्रवेश किया है। कुछ जग की नाम से उनका एक कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुआ है। ऋतु-विशेष लेख- वर्षा ऋतु और तीज-त्योहार-(लेखनी-जुलाई-2010) ——————————————————————————————————————————————- किशोर दिवसे चांद परियाँ और तितली अनवादः चेक लोक कथा- सफेद लबादे वाली औरत   ( लेखनी-अक्तूबर-2013) ————————————————————————————————————————————————— कोनी हावर्ड रागरंग-पर्यटन भारत में विश्व का एकमात्र ध्वनिकी स्थल ( लेखनी-अंक 7- सितंबर 2007) ——————————————————————————————————————————————- कृष्ण कुमार अग्रवाल शोधार्थी, हिन्दी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र। संपर्क- 1163, सेक्टर-13, कुरुक्षेत्र-136 118मो-098025-25111.   —————————————————————————————————————————————————– कृष्ण कुमार यादव  उभरते हुए युवा साहित्यकार। सुगढ़ सोच के रचनाकार। अभी आपका लेख संग्रह ‘अनुभूतियां और विमर्श’  2007 में आया है। वरिष्ठ डाक अधीक्षक, कानपुर नगर मंडल, कानपुर (उ.प्र. भारत) स्मृति शेष-अमृता प्रीतम लेख- अमृता प्रीतम एक कालजयी व्यक्तित्व( लेखनी-अंक12-फरवरी-2008) लघु कथा- 1.   (लेखनी-अंक-4-वर्ष-2-जून-2008) लघु कथा-   2.  (लेखनी-अंक-4-वर्ष-2-जून-2008) —————————————————————————————————————————————— डॉ. कृष्णदेव झारी मंथन- कवि पंत की सौंदर्य भावना ( लेखनी अंक 9 , नवंबर 2008) —————————————————————————————————————————————————- खुर्शीद हयात आदमखोर ( लेखनी-अक्तूबर-2012) तूफान में दस्तक  ( लेखनी-अक्तूबर-2012)       —————————————————————————————————————————————————- गिरीष पंकज जन्म-१९५७, वाराणसी, शिक्षा- एम (हिंदी), बीजे( प्रावीण्य सूची  में प्रथम), लोक कला-संगीत में डिप्लोमा, विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि, प्रकाशन- ३ व्यग्य उपन्यास( मिठलबरा कि आत्मकथा, माफिया,पालीवुड की अप्सरा), ८ व्यग्य संग्रह ( ट्यूशन शरणम गच्छामि, भ्रष्टाचार विकास प्राधिकरण, ईमानदारो की तलाश, नेताजी बाथरूम में, मंत्री को  जुकाम, मेरी ५१ व्यग्य रचनाये, हिट होने के फार्मूले, मूर्ती की एडवांस बुकिंग) सहित २९ पुस्तके प्रकाशित. एक ग़ज़ल संग्रह यादो में रहता है कोइ प्रकाश्य . सम्मान-पुरस्कार- अट्टहास सम्मान, लीलारानी स्मृति सम्मान, रमनिका फाउन्देशन  सम्मान, रामेश्वर गुरु सम्मान, करवट सम्मान, समन्वय सम्मान, केपी नारायणन पत्रकारिता सम्मान, हिंदी सेवाश्री सम्मान(त्रिनिदाद) सहित २० से ज्यादा सम्मान. विदेश प्रवास– दस देशो की यात्राए. विशेष- गिरीश पंकज की  व्यंग रचनाओ पर ६ शोध  हो चुके है. इस वक़्त कर्णाटक एवं पंजाब के दो शिक्षक शोध कार्य कर रहे है. अनुवाद – उपन्यास मिठलबरा का उड़िया एवं तेलुगु में  तथा माफिया का कन्नड़ में अनुवाद .   सम्प्रति- संपादक, ” सद्भावना दर्पण”, सदस्य, ” साहित्य अकादमी”, नई दिल्ली, अध्यक्ष-छत्तीसगढ़ रास्त्रभाषा प्रचार समिति.  संपर्क- जी-३१,  नया पंचशील नगर, रायपुर. छत्तीसगढ़. ४९२००१ मोबाइल :०९४२५२ १२७२०, ई मेल – girishpankaj1@gmail.com स्मृति शेष- लेख- ( विष्णु प्रभाकर) – लेखनी अँक-34- दिसंबर 2009) दो लघु कथाएँ 1. छप्पर फाड़ कमाई ( लेखनी-अगस्त-2013) 2. जेंटलमेन प्रामिस ( लेखनी-अगस्त-2013)   ——————————————————————————————————————————————- गिरेन्द्र सिंह भदौरिया परिचर्चाः देवी से वस्तु होती स्त्री की खुशफहमियाँ ( लेखनी अंक 44- अक्तूबर 2010) ——————————————————————————————————————————————-            गोवर्धन यादव नामः गोवर्धन यादव पिताः स्व.श्री भिक्कुलाल यादव जन्म स्थानः मुलताई(बैतुल)म.प्र. जन्म तिथिः १७ जुलाई १९४४ शिक्षाः स्नातक तीन दशक पूर्व कविताओं के माध्यम से साहित्य-जगत में प्रवेश। बाद मे कहानीयाँ, लघुकथाएं,लेख-आलेख,तथा बाल-साहित्य पर लेखन देश की स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का अनवरत प्रकाशन, आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण, करीब पच्चीस साहित्यिक कृतियों पर समीक्षा आलेख। प्रकाशित कृतियाँ- महुआ के वृक्ष (सतलुज प्रकाशन पंचकुला०( हरियाणा) तीस बरस घाटी (वैभव प्रकाशन रायपुर)( छ.ग.)                                                अपना-अपना आसमान  ( शीघ्र प्रकाश्य.  ) सम्मानः देश के पन्द्रह प्रख्यात मंचॊं द्वारा समय-समय पर सम्मानित विशेष   औद्धोगिक नीति और संवर्धन विभाग को सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रगामी प्रयोग से संबंधित विषयों तथा गृह मंत्रालय, राजभाषा द्वारा निर्धारित नीति के बारे में सलाह देने के लिए वाणिज्य और उद्दोग मंत्रालय,उद्धोग भवन नयी दिल्ली में      “सदस्य” नामांकित। केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय( मानव संसाधन मंत्रालय)नयीदिल्ली द्वारा दोनो कहानी संग्रह की खरीद की गई। बैंकाक(थाईलैण्ड) की साहित्यिक यात्रा. संप्रतिः सेवानिवृत पोस्टमास्टर(H.S.G.!) अध्यक्ष राष्ट्रभाषा प्रचार समिति,जिला इकाई छिन्दवाडा संपर्क   103, कावेरी नगर छिन्दवाडा(म.प्र.)480001. दूरभाष 07162-246651 चलित 09424356400 कहानी समकालीन पुष्पा दी ( लेखनी-मई-2012) बेपर आवाजें ( लेखनी-सितंबर-2012) एक मुलाकात ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013 सगुन चिरैया ( लेखनी-मई-2013) चमत्कारी रात ( लेखनी-फरवरी-2014) पर्यटनः शेरों के बीच एक दिन (  लेखनी-जून-2012) धरती पर एक अजूबाः पातालकोट  ( लेखनी-सितंबर-2012) भोरमदेव का मंदिर ( लेखनी-मई-2013)   दो लघुकथाएँ समस्या (  लेखनी-जुलाई-2012) रोटी  (लेखनी-जुलाई-2012) परिदृश्य सावन में पूजित शिव ( लेखनी-अगस्त-2013) चाँद परियाँ और तितली आकाश में उड़ती परियाँ (लेखनी-जून–2013) तितलियों की तलाश में (लेखनी-जुलाई-2013)     ——————————————————————————————————————————————- गोविंद प्रसाद स्मृति-शेष (तलत महमूद) लेख-तेरी हर चापों से जलते हैं खयालों में चिराग ( लेखनी-अँक 10- दिसंबर 2007) ——————————————————————————————————————————————- गोविन्द शर्मा हास्य-व्यंग सेक्स सिम्बल का इंटरव्यू (लेखनी -अप्रैल 2008)  पुनर्पाठ (लेखनी-अक्तूबर -2010)     ——————————————————————————————————————————————-  गोपाल चतुर्वेदी हास्य व्यंग्य उधार का उत्सव   ( लेखनी- अगस्त-2008) भारत महान का अंगूठा प्रधान   ( लेखनी-जनवरी-2009) ब्यूटी और सीटी ( लेखनी-अप्रैल-2009) —————————————————————————————————————————————— गौतम सचदेव (यू.के.) कवि,कहानीकार,व्यंग्यकार, आलोचक, भाषाविद् ,प्रवक्ता.प्रसारक और पत्रकार। जन्मः शेखूपुरा, पश्चिम पंजाब ( अब पाकिस्तान में)। शिक्षाः एम.ए (हिन्दी) पी.एच.डी. दिल्ली विश्वविद्यालय। भाषाएँ- मुख्यतः हिन्दी , लेकिन अंग्रेजी, उर्दू और मातृभाषा पंजाबी में भी लेखन ( सबमें प्रकाशित) प्रकाशित पुष्तकें – (काव्य-संग्रह) 1.अधर का पुल 2..एक और आत्म समर्पण (प्रथम लक्ष्मीमल सिंघवी सम्मान से सम्मानित) 3. बूँद-बूँद आकाश (गीत और गजल संग्रह 4. अपने-अपने तीर्थ  (प्रकाशनाधीन) 5. गीतों भरे   खिलौने (सचित्र बालगीत) भारत के सर्वश्रेष्ठ बाल साहित्य का राष्ट्रीय पुरस्कार) । कहानी संग्रह- कहानी तितली पर हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार। 1.साढ़े सात दर्जन पिंजरे( 33 कहानियां)  पद्मानंद साहित्य सम्मान। 2. अटका हुआ पानी (प्रकाशनाधीन) कहानी 1. वह स्टूपिड और खंडहर ( लेखनी-सितंबर-2008) 2. जीरे वाला गुड़ ( लेखनी-सितंबर-2011) चौपाल- सभ्य समाज का कलंकित चेहरा   ( लेखनी-सितंबर-2011) परिचर्चा बदलाव की अधूरी आस ( लेखनी-जुलाई-2012) ——————————————————————————————————————————————- घनश्याम अग्रवाल गांधीवादी चेतना और गहरी मानवीय संवेदनाओं में डूबी घनश्याम अग्रवाल जी की लेखनी की उनके व्यक्तित्व की तरह ही एक सशक्त अनुगूंज है। लघुकथाः सबका मालिक एक ( लेखनी-जुलाई 2009) ——————————————————————————————————————————————- चित्रा मुद्गल आज के दुहरे मूल्यों वाले समाज में एक बेहद संवेदनशील और सजग लेखिका, जो लिखती ही नहीं, उसे जीती भी हैं। आपने महिलाओं और यूनियन वर्ग के पक्ष में सक्रिय व सार्थक योगदान दिया है। रचनाएं सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी से भरपूर। सम्मानित कथाकारा चित्रा मुद्गल का जन्म गांव निहालीखेड़ा जिला उन्नाव में हुआ। उत्पीड़ित और समाज के असुरक्षितों के लिए एक आवाज, एक आन्दोलन उठाती इनकी रचनाएँ मन पर गहरा असर छोड़ती हैं। इनके ‘आवां’ उपन्यास को  काफी पसंद किया गया है। इस हमाम में, जहर ठहर हुआ आदि इनके अन्य प्रसिद्ध कहानी संग्रह हैं। असंख्य कहानियों की रचयिता चित्रा मुद्गल का नाम आज पाठक और साहित्यकार दोनों ही वर्गों में आदर के साथ लिया जाता है। लघु कथा- मर्द ( लेखनी-अंक10-दिसम्बर 2007) ——————————————————————————————————————————————- चंद्रकान्ता कश्मीर खंडित है, विवश है, क्षुब्ध है, उदास है लेकिन चंद्रकान्ता का प्रश्न है अपने उपन्यास में कि कश्मीर जो पृथ्वीरुपी नाव है उसमें विघटन के इन छेदों को रोके तो रोके कौन और कश्मीर को उसके कश्मीरत्व में लौटाए तो लौटाए कौन। ‘ कथा सतीसर’ उपन्यास से बहुचर्चित और विख्यात चन्द्रकान्ता बेहद संवेदनशील और सुलझी सोच की लेखिका हैं। आपकी लेखनी बेहद सरल तरीके से सवालों को उठाती और उनके हल ढूंढती  हैं। सुलगते कश्मीर के एक पंडित परिवार में जन्मी चंद्रकांता को यह विचारों का मंथन बचपन से ही शायद सांस-सांस और घूंट-घूंट के साथ मिला। मंथन- लेख-नई शताब्दी में हिन्दी कथा साहित्य (लेखनी-अँक 18- अगस्त-2008) लेख- स्त्री-विमर्श ( लेखनी- अंक-26- अप्रैल-2009)   ——————————————————————————————————————————————- चंद्रसेन यादव लेख-लोककाव्य बिरहा लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008)   ——————————————————————————————————————————————- चंद्रेश छत्तानी चौपाल हल्दी के प्रयोग ( लेखनी-अक्तूबर-2012) ————————————————————————————————————————————————-                         जयनंदन जन्मः  २६ फरवरी, १९५६ नवादा (बिहार) के मिलकी गांव में। शिक्षाः  एम ए (हिन्दी) कृतियां: अब तक कुल तेरह पुस्तकें प्रकाशित। ‘श्रम एव जयते’, ‘ऐसी नगरिया में केहि विधि रहना’, ‘सल्तनत को सुनो गांववालो’ (तीनों उपन्यास), ‘सन्नाटा भंग’, ‘विश्व बाजार का ऊंट’, ‘एक अकेले गान्ही जी’, ‘कस्तूरी पहचानो वत्स’,’दाल नहीं गलेगी अब’, ‘घर फूंक तमाशा’, ‘सूखते स्रोत’, ‘गुहार’ (आठों कहानी संग्रह), ‘नेपथ्य का मदारी’ तथा ‘हमला’ (दोनों नाटक)। देश की प्रायः सभी श्रेष्ठ और चर्चित पत्रिकाओं में लगभग सौ कहानियां प्रकाशित। कुछ कहानियों का फ्रेंच, स्पैनिश, अंग्रेजी, जर्मन, तेलुगु, मलयालम गुजराती, उर्दू, नेपाली, मराठी, पंजाबी आदि भाषाओं में अनुवाद। कुछ कहानियों के टीवी रूपांतरण टेलीविजन के विभिन्न चैनलों पर प्रसारित। नाटकों का आकाशवाणी से प्रसारण और विभिन्न संस्थाओं द्वारा विभिन्न शहरों में मंचन। पुरस्कारःराधाकृष्ण पुरस्कार, विजय वर्मा कथा सम्मान, बिहार सरकार राजभाषा सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा सर्वश्रेष्ठ चयन के आधार पर युवा लेखक प्रकाशन सम्मान, बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, झारखंड साहित्य सेवी सम्मान आदि। संप्रतिःटाटा स्टील की गृह पत्रिकाओं का संपादन। संपर्कःएस एफ-३/११६, टिस्को बाराद्वारी फ्लैट्‌स, साकची, जमशेदपुर-८३१००१ (झारखंड) दूरभाषःआवास – (०६५७) २४३०१५६, २१४३९४२, ऑफिस – २४३११०२, २१४५४२७ मोबाइल – ०९४३१३२८७५८ मेरा शहर-2 जमशेदपुर का सम्मोहन लाजवाब है ( लेखनी-जुलाई-2011) ——————————————————————————————————————————————- जितेन्द्र सहाय हास्य व्यंग्य-यस सर (लेखनी अंक-11-जनवरी 2008) ——————————————————————————————————————————————- जूली स्करडेनिस (अमेरिकन यात्रा लेखिका) रागरंग-पर्यटन- राजस्थान की चित्रित हवलियां (लेखनी-अंक11- जनवरी 2008) ——————————————————————————————————————————————- तारा चन्द आहूजा सरोकार खुला पत्र ( लेखनी अंक 44- अक्तूबर 2010) ( लेखनी-नवंबर-2011) ———————————————————————————————————————————————- तेजेन्द्र शर्मा(यू.के.-लंदन)
जन्म / बचपन 21 अक्टूबर 1952 को पंजाब के शहर जगरांव के रेल्वे क्वार्टरों में. पिता वहां के सहायक स्टेशन मास्टर थे. उचाना, रोहतक (अब हरयाणा में) व मौड़ मंडी में बचपन के कुछ वर्ष बिता कर 1960 में पिता का तबादला उन्हें दिल्ली ले आया . पंजाबी भाषी तेजेन्द्र शर्मा की स्कूली पढाई दिल्ली के अंधा मुगल क्षेत्र के सरकारी स्कूल में हुई.शिक्षा दिल्ली विश्विद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) अंग्रेज़ी, एम.ए. अंग्रेज़ी, एवं कम्पयूटर कार्य में डिप्लोमा . प्रकाशित कृतियां कहानी संग्रह : काला सागर (1990), ढिबरी टाईट (1994 – पुरस्कृत), देह की कीमत (1999), ये क्या हो गया ? (2003), यह घर तुम्हारा है (कविता संग्रह – 2007) पंजाबी में अनूदित कहानी संग्रह ढिम्बरी टाईट प्रकाशित. नेपाली मे अनूदित कहानी संग्रह पासपोर्ट का रंगहरू प्रकाशित. उर्दू मे अनूदित कहानी संग्रह ईटो का जंगल प्रकाशित. भारत एवं इंगलैंड की लगभग सभी पत्र पत्रिकाओं में कहानियां, लेख, समीक्षाएं, कविताएं एवं गज़लें प्रकाशित. कहानियों का पंजाबी, मराठी, गुजराती, उड़िया और अंग्रेज़ी में अनुवाद प्रकाशित. अंग्रेज़ी में : 1.Lord Byron – Don Juan 2. John Keats – The Two Hyperions अन्य लेखनः दूरदर्शन के लिये शांति सीरियल का लेखन गतिविधियां अन्नु कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म अभय में नाना पाटेकर के साथ अभिनय . बीबीसी लंदन, ऑल इंडिया रेडियो, व दूरदर्शन से कार्यक्रमों की प्रस्तुति, नाटकों में भाग एवं समाचार वाचन. ऑल इंडिया रेडियो, व सनराईज़ रेडियो लंदन से बहुत सी कहानियों का प्रसार‌ण पुरस्कार / सम्मानढिबरी टाइट के लिये महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार – 1995 प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों सहयोग फ़ाउंडेशन का युवा साहित्यकार पुरस्कार – 1998. सुपथगा सम्मान – 1987. कृति यूके द्वारा वर्ष 2002 के लिये बेघर आंखें को सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार. विशेष कथा (यूके) के माध्यम से लंदन में निरंतर कथा गोष्ठियों, कार्यशालाओं एवं साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन . लंदन में कहानी मंचन की शुरू‏ आत वापसी से की. लंदन एवं बेंज़िंगस्टोक में, अंहिदीभाषी कलाकारों को लेकर एक हिंदी नाटक हनीमून का सफल निर्देशन एवं मंचन . अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान एवं पद्मानंद साहित्य सम्मान का प्रति वर्ष लंदन में आयोजन. अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन 1999 में छठे हिन्दी विश्व हिंदी सम्मेलन में हिन्दी और आगामी पीढ़ी विषय पर एक पर्चा पढ़ा जिसकी भूरी भूरी प्रशंसा हुई. सम्मेलन के एक सत्र का संचालन किया और कवि सम्मेलन में कविता पाठ किया. 2002 में त्रिनिदाद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी एवं इंगलैंड का पाठयक्रम विषय पर एक पर्चा पढ़ा। वहीं आयोजित एक कवि सम्मेलन में कविता पाठ किया. लंदन, मैनचेस्टर, ब्रैडफ़र्ड व बरमिंघम में आयोजित कवि सम्मेलनों में कविता पाठ . यॉर्क विश्विद्यालय में कहानी कार्यशाला करने वाले ब्रिटेन के पहले हिन्दी साहित्यकार कहानी- 1.कड़ियां–(लेखनी-अंक-2- अप्रैल-2007) 2. पासपोर्ट का रंग ( लेखनी-अगस्त-2011) 3. चरमराहट ( लेखनी-दिसंबर-2011) ————————————————————————————————————————————————— दयानंद पाण्डेय अपनी कहानियों और उपन्यासों के मार्फ़त लगातार चर्चा में रहने वाले दयानंद पांडेय का जन्म ३० जनवरी, १९५८ को गोरखपुर जिले के एक गांव बैदौली में हुआ। हिंदी में एम.ए. करने के पहले ही से वह पत्रकारिता में आ गए। ३३ साल हो गए हैं पत्रकारिता करते हुए। उन के उपन्यास और कहानियों आदि की कोई पंद्रह पुस्तकें प्रकाशित हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘लोक कवि अब गाते नहीं’ उपन्यास पर प्रेमचंद सम्मान तथा ‘एक जीनियस की विवादास्पद मौत’ पर यशपाल सम्मान। वे जो हारे हुए, हारमोनियम के हजार टुकडे, लोक कवि अब गाते नहीं, अपने-अपने युद्ध, दरकते दरवाजे, जाने-अनजाने पुल (उपन्यास), बर्फ  में फंसी मछली, सुमि का स्पेस, एक जीनियस की विवादास्पद मौत, सुंदर लडकियों वाला शहर, बडकी दी का यक्ष प्रश्न, संवाद (कहानी संग्रह), सूरज का शिकारी (बच्चों की कहानियां), प्रेमचंद व्यक्तित्व और रचना दृष्टि (संपादित) तथा सुनील गावस्कर की प्रसिद्ध किताब ‘माई आइउल्स’ का हिंदी अनुवाद ‘मेरे प्रिय खिलाड़ी” नाम से प्रकाशित। बांसगांव की मुनमुन (उपन्यास) तथा हमन इश्क मस्ताना बहुतेरे (संस्मरण) शीघ्र प्रकाश्य। संपर्क : ५/७, डालीबाग़, ऑफिसर्स कॉलोनी, लखनउ फोन नं. :  ०५२२-२२०७७२८ मोबाइल नं. :  ०९३३५२३३४२४ ०९४१५१३०१२७ e-mail : dayanand.pandey@yahoo.com व्यक्तित्व अरविंद कुमार ( लेखनी-जुलाई-2011) स्मृति शेष कन्हैया लाल नंदन (लेखनी-जुलाई-2011) श्रीलाल शुक्ल यानी साहित्यपुर के संत ( लेखनी-नवंबर-2011) श्रद्धांजलि अदम गोंडवी ( लेखनी-जनवरी-2012) सरोकार अमरकांत जी को मिले ज्ञानपीठ के बहाने (लेखनी-अक्तूबर-2011) त्रिवेणी का विलाप ( लेखनी-मार्च-2014) कहानी फेसबुक में फंसे चेहरे ( लेखनी-अगस्त-2011) भूचाल ( लेखनी-मार्च-2014) उपन्यास- बांस गांव की मुनमुन भाग-1 (लेखनी-मई-2011 ) भाग 2 ( लेखनी-जून-2011) भाग 3 ( लेखनी-जुलाई-2011) भाग 4 ( लेखनी-अगस्त-2011) भाग 5 ( लेखनी-सितंबर-2011) भाग 6 ( लेखनी-अक्तूबर-2011) भाग 7 ( लेखनी-नवंबर-2011) भाग 8 ( लेखनी-दिसंबर-2011) भाग 9 ( लेखनी-जनवरी-2012) भाग 10 ( लेखनी-फरवरी-2012) भाग 11 ( लेखनी-अप्रैल-2012) भाग 12  ((लेखनी-मई-2012) भाग 13 ( लेखनी-जून-2012) भाग 14 ( लेखनी-जुलाई-2012) ——————————————————————————————————————————————- दामोदर सिंह चांद परियां और तितली प्रेरक प्रसंगऊँच-नीच-(लेखनी-अगस्त-2009) ——————————————————————————————————————————————- दिनेश ध्यानी जन्म तिथि-   ०८अगस्त, १९६६ पिता का नाम-  स्वर्गीय गोबर्द्धन प्रसाद ध्यानी माता जी का नाम-  स्वर्गीय माहेश्वरी देवी ध्यानी निवास-   ७६-ड़ी. संसदीय आवास, वसंत विहार, नई दिल्ली-११००५७ शैक्षिक योग्यता-  एम.ए. हिन्दी अन्य-   अनुवाद सिद्धान्त में स्नातकोत्तर ड़िप्लोमा। लेखन-   सन् १९८६ से शुरू पर्वतीय टाईम्स, पाक्षिक, से शुरू कार्यकारी सम्पादक-  शैलसाक्षी पत्रिका, जनविकास साप्ताहिक, देवभूमि की पुकार पाक्षिक समाचार पत्र, वर्तमान में लेखन-  आज समाज दैनिक, प्रभासाक्षी पोर्टल पर लेखन सम्प्रति-   राज्य सभा सचिवालय में सेवारत। परिवार-   पत्नी व दो बेटे बड़ा बेटा केन्द्रीय विद्यालय में १०वीं कक्षा में छोटा ६वीं कक्षा में पत्नी-   गृहणी सामाजिक-   उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में सक्रिय वर्तमान में गढ़वाल की सबसे पुरानी संस्था- गढ़वाल हितैषिणी सभा, स्थापित- १९२३, के उपाध्यक्ष सदस्य-   कादम्बिनी क्लब राज्य सभा, उत्तराखण्ड पत्रकार संघ अभिरूचि –   लेखन तथा घूमना विशेष-   हिन्दी में एक कविता संग्रह मुझे मत मारो प्रकाशनाधीन, कन्याभ्रूण हत्या पर । सम्पर्क-   ०९९६८५०२४९६ e.mail – dineshdhyani@hotmail.com मुद्दा – 1.पानी बिन प्यासे लोग ( लेखनी-नवंबर 2008) 2. गंगा ( लेखनी-सितंबर 2009) 3. बदलती जीवनशैलीः बढ़ते अपराध ( लेखनी-अगस्त -2010) स्मृति शेष 1. गौरा देवीः चिपको आन्दोलन की जननी ( लेखनी-दिसंबर 2008) 2. पड़ाव ( लेखनी-जनवरी-2009) संस्मरण 1. जीवन की सार्थकता (लेखनी-मई-2010) पर्यटन 1. सीतावनस्यूं: सीता जी का दूसरा वनवास ( लेखनी-फरवरी-2009) पुनर्पाठ ( लेखनी-सितंबर 2009) 2. जिम कौरबेट पार्क ( लेखनी-अप्रैल-2009) 3. भागसू मंदिर ( लेखनी-सितंबर 2009) परिदृश्य 1. बदलती जीवनशैली: बढ़ते अपराध   ( लेखनी-अँक 28-जून- 2009)  2.सावधान पहाड़ गरमा रहे हैं ( लेखनी-सितंबर 2009) कहानी अपना अपना दर्द ( लेखनी- अंक36-फरवरी 2010) ——————————————————————————————————————————————- दिलीप भाटिया संपर्क सूत्रः ७ घ १२ जवाहर नगर, जयपुर – ३०२००४ ०९४६१५९१४९ कहानी समकालीन खाली नहीं छलकता गिलास (  लेखनी-जून-2012) टकराव नहीं समझौता (  लेखनी-जुलाई-2012) लघु कथाएं   1. बेवकूफ ( लेखनी-अक्तूबर-2011) 2. शिक्षा (लेखनी-अक्तूबर-2011) 3. मनी आर्डर ( लेखनी-नवंबर-2011) 4. कुपुत्र ( लेखनी-नवंबर-2011) चांद परियाँ और तितली एकला चलो रे ( लेखनी-नवंबर-2011) पुष्तक समीक्षा-अम्मा पापा (लेखनी-जून-2013) चौपाल भरी कलाई, भीगी पलकें ( लेखनी-अगस्त-2013)     ——————————————————————————————————————————————- दिव्या माथुर दिव्या माथुर : संक्षिप्त परिचय जन्म एवं शिक्षा दीक्षा : दिल्ली में। एम. ए. (अँग्रेज़ी) के  तिरिक्त दिल्ली एवं ग्लास्गो से पत्रकारिता में डिप्लोमा। चिकित्सा पाण्डुलिपि का स्वतंत्र  अध्ययन । कर्मक्षेत्र : १९८५ में  आप भारतीय उच्चायोग से जुड़ीं  और १९९२ से नेहरु केंद्र में वरिष्ठ कार्यक्रम  अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। पिछले ढाई सालों में उन्होने ५०० से भी  अधिक कार्यक्रमों का  आयोजन किया है, उनका सालाना रिकार्ड  भी आज तक शायद ही कोई तोड़ पाया हो.  आपका लंदन के सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में  पूर्व योगदान रहा है। रॉयल सोसाइटी  औफ आर्टस की फ़ेलो हैं। नेत्रहीनता से संम्बंधित कई संस्थायों में इनका  भूतपूर्व योगदान रहा है.  इसी विषय पर इनकी कहानियाँ  व कविताएँ ब्रेल लिपि में प्रकाशित हो चुकीं हैं। वातायन : साउथ बैंक पर कविता की संस्थापक,  आशा फ़ाउंडेशन की संस्थापकसदस्य, यू के हिंदी समिति की उपाध्यक्ष, नाज़िया हसन फ़ाउंडेशन  और विंडरश पुरस्कार समितियों की सदस्य, कथा यू के की पूर्व  ध्यक्ष  और  अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की सांस्कृतिक  अध्यक्ष, दिव्या माथुर प्रवासी टाईम्स की प्रबंध संपादक हैं  और कई पत्र, पत्रिकाओं के संपादक मंडल में शामिल हैं, जैसे कि अक्षरम, पुरवाई आदि। प्रकाशित रचनाएँ : कविता संग्रह : अंतसलिला, रेत का लिखा, ख़्याल तेरा, चंदन पानी ११ सितम्बर : सपनों की राख तले,  जिसका विमोचन भारतीय प्रवासी कवि सम्मेलन के दौरान श्रीमती सुषमा स्वराज के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ  और प्रधानमंत्री अ टल बिहारी वाजपेयी जी ने  अपनी प्रतिक्रिया भी भिजवाइ,  आक्रोश (कहानी संग्रह  प्रो. स्टु र्ट मैक्ग्रेगर द्वारा विमोचित एवं पदमानंद साहित्य सम्मान द्वारा सम्मानित),   कहानी समकालीन 2041   ( लेखनी-मई–2011) अंतिम तीन दिन ( लेखनी-जनवरी-2012) 2050 (लेखनी-जून-2013) ———————————————————————————————————————————————- दीपक मशाल लघुकथा सहजीविता (  लेखनी-जून-2012) ताकत (  लेखनी-जून-2012) तसल्ली ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013 रेजर ब्लेड ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013 ———————————————————————————————————————————————– दीपिका जोशी (कुवैत)
जन्म : 10 जून 1957 को नागपुर, महाराष्ट्र में। शिक्षा : विज्ञान स्नातक कार्यक्षेत्र : पढ़ने लिखने और साहित्य में विशेष रुचि। हिंदी व मराठी दोनों भाषाओं में समान अधिकार। लेख, कविताएँ और कहानियाँ सभी कुछ प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने हिंदी से मराठी अनुवाद का कार्य भी किया है जो विभिन्न मराठी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ है। 1993 से कुवैत में। कंप्यूटर से विशेष लगाव। संप्रति : अभिव्यक्ति व अनुभूति टीम की सदस्य। बाल कहानी- एक हास्य, एक स्पर्श (मराठी लोक कथा पर आधारित) (लेखनी-अंक 11-जनवरी 2008) —————————————————————————————————————————————————– देवमणि पाणडे चौपालः वर्षा ऋतु-शब्द चित्र ( लेखनी-अंक 31-सितंबर-2009) —————————————————————————————————————————————————- देवी नागरानी संपर्क सूत्रः पता:  ९-डी॰  कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358   लघुकथाः 1.ममता का कर्ज ( लेखनी-अंक 31-सितंबर-2009) 2. समय की दरकार ( लेखनी अंक 36-फरवरी-2010) 3. दो गज जमीन चाहिए ( लेखनी अंक 36-फरवरी-2010) 4. दानिशमंद ( लेखनी- अक्तूबर-2012) 5. शर्तों पर शादी ( लेखनी- अक्तूबर-2012)   कहानी समकालीन क्षितिज के पार (  लेखनी-अप्रैल-2012) आधे अधूरे स्वप्न /अधूरा मिलन    ( लेखनी-मई-2013) अनुवादः सिंधी कहानीः बदनाम बस्तीः आनंद टहलरामाणी (  लेखनी-अक्तूबर-2013) आकलन पराया देशः लेखक-प्राण शर्मा   —————————————————————————————————————————————————– देवेन्द्र इस्सरः हिंदी के बेहतरीन गद्यकार देवेन्द्र इस्सर जिनकी मादरी ज़बान पंजाबी है , पेशे से अंग्रेजी पठन-पाठन करते रहे, उर्दू में लिखना शुरू किया और हिंदी में प्रतिष्ठा पाईं। मंथन समंदर पर पुल बांधने का  वक्त आया ( लेखनी-जुलाई-2012) —————————————————————————————————————————————————– धर्मपाल महेन्द्र जैन (न्यूयार्क0 व्यंग्य- सहमति की संस्कृति (लेखनी-सितंबर-2008) ——————————————————————————————————————————————- नगमा जावेद अख्तर रूबरु फिरदौस से गुमशुदा (लेखनी-अक्तूबर-2011) डॉ. अम्बेडकर के विचार (लेखनी-अक्तूबर-2011) भारतीय समाज:महिला उत्पीड़न कल और आज  ( लेखनी- जनवरी-2012) ——————————————————————————————————————————————-   नदीम अहमद नदीम लघुकथा-बहू-बेटी-लेखनी-फरवरी-2008 ——————————————————————————————————————————————– नरेन्द्र कोहली 
6 जनवरी 1940 में सियालकोट, पंजाब ( अब पाकिस्तान) में जन्मे और आज के तुलसीदास की उपाधि से विख्यात श्री नरेन्द्र हिन्दी साहित्य में एम.ए. के बाद  1970 में पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की। 1995 में स्वैच्छिक अवकाश लेकर साहित्य आन्दोलन पर कार्यरत योद्धा और समाज के उत्थान में जीवन समर्पित। करीब 100 पुष्तकों की रचना। कहानी, लेख ,नाटक, व्यंगय, बाल साहित्य सभी। महर्षि विवेकानन्द से विशेषतः प्रभावित।  कोहली जी की कलम तलवार की धार-सी तेज है। समाज की कुरीतियों पर न सिर्फ उनकी नजर है अपितु उन्हें जड़ से उखाड़ने के लिए उनकी लेखनी सतत प्रयत्न-शील भी है। व्यंग्य-विधा द्वारा भी वह अपना गूढ़ चिंतन और संदेश दोनों ही पाठकों तक पहुंचाने में भली-भांति सक्षम है। पुरस्कार तथा सम्मान 1. राज्य साहित्य पुरस्कार 1975-76 ई. (साथ सहा गया दुख) शिक्षा विभाग, उत्‍तरप्रदेश शासन, लखनऊ। 2. उत्‍तरप्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार 1977-78 ई. (मेरा अपना संसार), उत्‍तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ। 3.इलाहाबाद नाट्य संघ पुरस्कार, 1978 ई. (शंबूक की हत्या), इलाहाबाद नाट्य संगम, इलाहाबाद। 4. उत्‍तरप्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार, 1979-80 ई. (संघर्ष की ओर) उत्‍तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ। 5. मानस संगम साहित्य पुरस्कार, 1978 ई. (समग्र रामकथा), मानस संगम, कानपुर। 6. श्रीहनुमान मंदिर साहित्य अनुसंधान संस्थान विद्यावृत्ति – 1982 ई. (समग्र रामकथा), श्रीहनुमान मंदिर साहित्य अनुसंधान संस्थान, कोलकाता। 7.साहित्य सम्मान 1985-86 ई. (समग्र साहित्य), हिंदी अकादमी, दिल्ली। 8. साहित्यिक कृति पुरस्कार, 1987- 88 ई. (महासमर-1, बंधन), हिंदी अकादमी, दिल्ली। 9.डॉ. कामिल बुल्के पुरस्कार 1989-90 ई. (समग्र साहित्य), राजभाषा विभाग, बिहार सरकार, पटना। 10. चकल्लस पुरस्कार, 1991 ई. (समग्र व्यंग्य साहित्य), चकल्लस पुरस्कार ट्रस्‍ट, 81 सुनीता, कफ परेड, मुंबई । 11. अट्टहास शिखर सम्मान – 1994 ई. (समग्र व्यंग्य साहित्य), माध्यम साहित्यिक संस्थान, लखनऊ। 12. शलाका सम्मान 1995- 96 ई. (समग्र साहित्य), दिल्ली हिंदी अकादमी, दिल्ली। 13. साहित्य भूषण – 1998 (समग्र साहित्य), उत्‍तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ। 14. डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान – 2000 ई. (समग्र साहित्य), श्रीबड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय, कोलकाता । 15. रामकथा सम्मान – 2003 ई. (अभ्युदय), साकेत निधि, दिल्ली। 16. भाषा भूषण – 2004 ई., साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, (राजस्थान) 17. हिंदी गौरव – 2005 ई., साहित्य सभा, सीतापुर (उत्‍तरप्रदेश) 18. पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान – 2004 ई. (समग्र साहित्‍य), उत्‍तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ। पुस्तकों का अनुवाद 1.दीक्षा (नेपाली) 1978 ई., अनुवादक : सुवास दीपक, प्रकाशक: सुधा (पत्रिका), अक्तूबर 1978 ई. गांतोक 2.दीक्षा (कन्नड़)1981 ई.,अनुवादक: तिप्पेस्वामी तथा नागराज, प्रकाशक: आनन्द प्रकाशन, 1055 देवपार्थिव रोड, चामराज मुहल्ला, मैसूर। 3.निर्णय रुका हुआ (मराठी)1984 ई., अनुवादिका: श्रीमती लीला श्रीवास्तव, प्रकाशक: श्रीविशाख प्रकाशन, 58 शनिवार पेठ, पुणे। 4.आत्मदान (कन्नड़) 1987 ई., अनुवादक: श्री.रा.ना.ना. मूर्ति, प्रकाशक: संक्रांति पब्लिशर्स, फोर्ट, आजमपुर (कर्नाटक) 5.दीक्षा (उड़िया) 1988 ई., अनुवादक: डॉ. अजयकुमार पटनायक, प्रकाशक: उडिया हिंदी परिवेश, सूताहाट, कटक – 1 6.दीक्षा (मराठी) 1990 ई. अनुवादक: द. प. जोशी, प्रकाशक: मराठी साहित्य परिषद्, हैदराबाद। 7. बंधन (महासमर-1) – उड़िया- 1996 ई., अनुवादक: सुभाषचंद्र महापात्र, प्रकाशक: प्रजातंत्र प्रचार समिति, कटक। 8. अभिज्ञान (कन्नड़) 1997 ई., अनुवादक: डी.एन. श्रीनाथ,  प्रकाशक: काव्यकला प्रकाशन,1273,सातवां क्रॉस, चंद्र लेआउट, विजयनगर, बंगलूरु – 560040 9. दीक्षा (अंग्रेजी) 1997 ई., अनुवादक : सोमदेव कोहली, प्रकाशक : क्रिएटिव बुक कंपनी, ई 4/24 ए, मॉडल टाउन, दिल्ली- 110009 10. अभिज्ञान (मलयालम – कर्मयोगम्) 1999 ई., अनुवादक: डॉ. के. सी. अजयकुमार,डॉ.(श्रीमती) के.सी. सिंधु, प्रकाशक: अमृतसागर,आतिथ्य, एट्टूमानूर 11. अभिज्ञान (मलयालम – कर्मयोगम्) 2006 ई., अनुवादक: डॉ. के. सी. अजयकुमार, डॉ.(श्रीमती) के.सी. सिंधु, प्रकाशक: श्री शबरीगिरि पब्लिकेशंस, कदापरा, कुंबनाड, (केरल) 12. बंधन (महासमर-1) – मलयालम – 2004 ई., अनुवादक : डॉ. शशिकुमार, प्रकाशक: सांस्कृतिक विभाग, केरल सरकार, तिरुवनन्तपुरम् 13. अभ्युदय (मलयालम – अभ्युदयम्), 2003 ई., अनुवादक : डॉ. (श्रीमती) के.सी.सिंधु तथा डॉ.के.सी. अजयकुमार, प्रकाशक : डी. सी. बुक्स, तिरुवनन्तपुरम् 14. दीक्षा (अंग्रेज़ी – इनिशिएशन) 2007 ई. अनुवादक : सोमदेव कोहली, प्रकाशक : डाय:मंड बुक्‍स, नई दिल्‍ली 15. साथ सहा गया दुख (पंजाबी), (प्रकाश्य), अनुवादक: डॉ. बलदेवसिंह बद्दन, प्रकाशक: भाषा विभाग पंजाब, पटियाला। 16. अधिकार (महासमर – 2) – उडिया – (प्रकाश्‍य), अनुवादक : सुभाषचंद्र महापात्र, प्रकाशक : प्रजातंत्र प्रचार समिति, कटक। 17. दीक्षा (कन्‍न्‍ड़ – दीक्षे), 2006 ई. (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव तथा डॉ. तिप्‍पेस्‍वामी), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 18. अवसर (कन्‍नड – संदर्भ), 2006 ई., (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 19. संघर्ष की ओर ( कन्‍नड – संघर्ष ), 2006 ई. (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 20. साक्षात्‍कार (कन्‍नड – साक्षात्‍कारा), 2006 ई. (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 21. पृष्‍ठभूमि (कन्‍नड़ – भूमिके), 2006 ई. (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 22. अभियान (कन्‍नड – अभियाना), 2006 ई. (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 23. युद्ध (कन्‍नड – युद्ध), 2006 ई. (अनुवादक: एम. वी. नागराजा राव), प्रकाशक : हेमंत साहित्‍य, राजाजी नगर, बंगलूर – 560010 व्यंग्य- पकड़े गये( लेखनी-अंक-4-वर्ष-1-जून-2007) शतब्दि का टिकट( लेखनी-अंक-6-वर्ष-1, अगस्त-2007) खाली करने वाले ( लेखनी-अंक-3-वर्ष 2-मई 2008)                                                                                                                                                                                                            चिंता दलाई लामा के लिए( लेखनी-अंक-5- वर्ष 2- जुलाई 2008)                                                                                                                                                                                                            केरल के वन ( लेखनी-अंक 9-वर्ष-2-नवंबर 2008)                                                                                                                                                                                                                झगड़ा (लेखनी अंक10, वर्ष 2-दिसंबर 2008) महबूबा से ….( लेखनी अँक 1, वर्ष 3-मार्च 2009) आत्मदृष्टि- व्यंग्य और मैं ( लेखनी-अंक-5- वर्ष 2- जुलाई 2008) मुद्दा – ऐतिहासिक रामसेतु ( लेखनी-अंक 8 -वर्ष 2-अक्तूबर 2008) परिचर्चीः –हिन्दी, अन्य भारतीय भाषाएँ और हमारी सांस्कृतिक एकता (लेखनी-दिसंबर-2009) उपन्यास (वासुदेव) अंश-पिता का नाम (लेखनी-अंक-7-सितंबर 2007) ——————————————————————————————————————————————- नरेश माटिया परिचर्चा जब सब बह गया तो…एक प्रश्न ( लेखनी-अगस्त-2013) —————————————————————————————————————————————- नर्मदा प्रसाद उपाध्याय ललित- रंग के रूपायन ( लेखनी-अप्रैल- अंक 37-वर्ष 4) ई-1, महाशेवेता नगर, सेल्स टैक्स कॉलोनी उज्जैन-456010 ———————————————————————————————————————————————— नर्मदा प्रसाद सिसौदिया मंथन- लेख- सृजन में जल  (लेखनी-जुलाई-अंक-5-वर्ष-2)   ——————————————————————————————————————————————- नादिया तेसिच यूगोस्लाविया की हैं और आजकल न्यूयौर्क में रहती हैं लेकिन न्यूयौर्क में रहते हुए भी अपनी जमीन से जुड़ी हैं। उनके अपने परिवार के काफी सदस्य युद्ध में मारे गये। इसलिए उनकी रचनाओं में मार्मिक अभिव्यक्ति पायी जाती है। ये अभी भी यूगोस्लाविया जाती रहती हैं। उन्होंने न्यूयौर्क की पृष्ठभूमि पर भी नाटक और कहानियां लिखी हैं। गोरिल्ला युद्ध पर उनका उपन्यास पार्टी-सन हाल ही में प्रकाश में आया है।   सम्प्रति न्यूयौर्क में रहते हुए सामाजिक स्थितियों पर लेखन में व्यस्त। आपकी निम्नांकित कहानी का हिन्दी में अनुवाद प्रसिद्ध लेखिका मृदुला गर्ग ने किया है। कहानी समकालीन- आखिरी बयान की तलाश में ( लेखनी-दिसंबर-2009) —————————————————————————————————————————————— नरोत्तम नागर मंथन क्या है साहित्य का उद्देश्य – अनुवादः मैक्सिम गोर्की ( लेखनी जून-2010)   ——————————————————————————————————————————————- डॉ. नलिनी कुमार नायक अवकाश निवृत्त प्रधान शिक्षक नायक साहि, कटक- 753009, ओड़िशा परिचर्चाः क्षुद्र गल्प की भूमिका– (लेखनी-जून-2010) ——————————————————————————————————————————————- निर्मला सिंह जन्म स्थान, तिथि : बरेली, ०९ अप्रैल, १९४३ शिक्षा : एम.ए., एल.टी. प्रकाशित पुस्तकें : उपन्यास – पिघलता सीसा, अक्षम्य लघुकथा संग्रह – बबूल का पेड़, सांप और शहर। कहानी संग्रह – पिंजरा खुल गया, क्षितिज के पार, धुंए के पहाड़, संजीवनी बूटी, धुंए की इमारत, सन-सेट-व्यू, मुठ्ठी में बंद खुशबू। सम्मान : भारत व यूके की अनेक संस्थाओं द्वार सम्मानित प्रकाशन : लगभग सभी भारतीय पत्र-पत्रिकाओं एवं पत्रिका पुरवाई (लन्दन) तथा बी.बी.सी., व आकाशवाणी से रचनाएं प्रकाशित प्रसारित कहानी समकालीनः आँखें ( लेखनी-नवंबर-2012) लघुकथाः प्रतिरूप (लेखनी-अंक24-फरवरी 2009) खेल ( लेखनी-अंक 38-अप्रैल 2010) गुरु दक्षिणा ( लेखनी-अंक 38-अप्रैल 2010) दाह संस्कार ( लेखनी-अंक 46 दिसंबर 2010) बाल कहानीः सही रास्ता ( लेखनी-अंक 36- फरवरी 2010) रंग-बिरंगे फूल ( लेखनी-अँक 39 -मई-2010)   ————————————————————————————————————————————————— नीना पॉल जन्म/ परवरिश: 30 जून हरियाणा के शहर अम्बाला में और परवरिश लखनऊ में हुई। शिक्षा: लखनऊ विश्वविद्यालय से बी.ए, पंजाब विश्वविद्यालय से बी.एड, कानपुर विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए। बड़े उस्तादों से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा। प्रकाशित कृतियां अटखेलियां ( कहानी संग्रह ), कसक (1999 ) ग़ज़ल संग्रह, नयामत ( 2001 ) ग़ज़ल संग्रह, अंजुमन ( 2003 ) ग़ज़ल संग्रह, चश्म-ए-ख़्वादीदा ( 2005 ), ग़ज़ल संग्रह, रिहाई (2007 ) उपन्यास, तलाश ( 2010 ) उपन्यास, मुलाकातों का सफ़र ( 2010 ) ग़ज़ल संग्रह, फ़ासला एक हाथ का (2011 ) कहानी संग्रह, एक कैसट `कसक` ( कुछ ग़ज़लें नीना की ज़ुबानी ) अन्य लेखन ऑल्टर्नेटिव रेमेडीस फ़्रॉम इंडियन सबकॉन्टिनेंट ( 1985 अंग्रेज़ी में ) रेडियो के लिए कहानियां व संस्मरण व ग़ज़लों का लेखन गतिविधियां ब्रिटेन के रेडियो व टेलिविज़न कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान, रेडियो पर गाकर सम्मपूर्ण रामायण का प्रसारण, विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर न्यू जर्सी, न्यूयार्क, कैनेडा, दिल्ली, गाज़ियाबाद, लखनऊ आदि में सक्रिय भागीदारी, दिल्ली के टी.वी चैनलों पर ग़ज़लों का प्रसारण, ग़ज़लों व भजनों को कई भारतीय गायकों ने अपना स्वर भी दिया है। पुरुस्कार व सम्मान 9वर्ष की आयू में कविता के लिए “मिलाप” हिंदी समाचार पत्र व रेडियो द्वारा सम्मानित, हिंदी सम्मेलन दिल्ली उपन्यास `रिहाई` के लिए सम्मानित, भातखंडे सम्मान, लखनऊ से सुमित्रा कुमारी सिन्हा सम्मान, उपन्यास `तलाश` के लिए 2011 में कथा यूके द्वारा पद्मानंद साहित्य सम्मान से ब्रिटेन के हाऊस ऑफ़ कॉमन्स में सम्मानित। सम्पर्क Mrs Neena Paul, 19 Rosedene Avenue, Thurmaston, Leicester LE4 8HR, UK Email: neenapaul@live.co.uk Mobile: 0044-7929858408 कहानी समकालीन पुराना पैकेज   (लेखनी-अप्रैल-2013)   —————————————————————————————————————————————————- नीरज नैथानी 15 जून 1961 एम. ए. अँग्रेजी, समाज शास्त्र, इतिहास। पर्यटन में स्नातकोत्तर डि., बी.एड. रंगमंच पर अभिनय, हिमालय में पथारोहण, पर्यटन, पर्यावरणीय अभियानों का संचालन। इँगलैंण्ड, मारीशस, बहरेन, मस्कट, नेपाल की विदेश यात्रा। लेखन- कविता, यात्रा-संस्मरण, लघुकथा, ललित निबंध, आलेख। 24 वें तथा 26 वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी अधिवेशन मारीशस व 29 वें अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन इंगलैंड में प्रतिभाग। भारत वर्ष के अनेक अखिल भारतीय हिन्दी सम्मेलनों में काव्यपाठ व आलेख वाचन। अनेक अंतर्ऱाष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। संपर्क सूत्रः bZ esy-  h_heato@yahoo.com लघु कथा- किराये का मकान (लेखनी-अंक 10-2007) ——————————————————————————————————————————————- डी. बालसुब्रमण्यम ज्ञान-विज्ञान चीटियों का अद्भुत ट्रैफिक सेन्स (लेखनी-जनवरी-2010) ———————————————————————————————————————————————– डोमन साहू समीर मन्थन लेखः रवीन्द्रनाथ ठाकुर के काव्य में पावस परिदृष्य ( लेखनी- जुलाई-2007 ——————————————————————————————————————————————- डॉ. पदमचन्द्र काश्यप   मंथन क्या है संस्क़ति (लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008) देवी-देवता ( लेखनी-सितंबर 2009) ——————————————————————————————————————————————- पद्मा मिश्रा –स्वतन्त्र लेखन, अध्ययन ,अध्यापन –विधा -कहानी ,कविता,ललित निबन्ध –अनेक राष्ट्रिय ,स्थानीय पात्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित -कहानी संग्रह –”साँझ का सूरज” LIG-114,row house ,आदित्यपुर -2,जमशेदपुर-13[झारखण्ड –09955614581
परंपरा डोमकचः एक क्षेत्रीय नाट्य परंपरा ( लेखनी-अक्तूबर-2012) कहानी समकालीन 1. वर्दी ( लेखनी-नवंबर-2012) 2. बदलाव  ( लेखनी-सितंबर-2013) 3. पतझड़ के बाद ( लेखनी-नवंबर-2013) 4. थकान ( लेखनी-दिसंबर-2013) 5. मेरा टूसू ( लेखनी-फरवरी-2014) लघुकथा एक नयी शुऱुआत ( लेखनी-जनवरी-2014) संस्मरण यादें…. ( लेखनी-नवंबर-2012) समुद्र तट पर (लेखनी-जून-2013) मेरी सिक्किम यात्रा ( लेखनी-दिसंबर-2013) माँ  ( लेखनी-मार्च-2014) ——————————————————————————————————————————————– डॉ. परमानन्द पांचाल हिन्दी के जाने-माने वरिष्ट साहित्यकार। हिंदी भूषण, राष्ट्रीय गौरव, हिन्दी सेवी सम्मान, उत्तरांचल रत्न, हिंदी गौरव सम्मान से सम्मानित संपर्क सूत्र- 232, ए, पॉकेट, मयूर बिहार, दिल्ली-110091 शब्द-भारती हमारी भाषा और संस्कृति पर शतरंज का प्रभाव ( लेखनी-अंक-7-सितंबर-2007) —————————————————————————————————————————————————– प्रकाश गोविंद विमर्श इस्लाम बनाम वैदिक मान्यताएं  ( लेखनी-नवंबर-2012) —————————————————————————————————————————————————– प्रकाश मनु संपर्क सूत्रः 545 सेक्टर, 29 फरीदाबाद, 121-008 (हरियाणा) परिचर्चा बच्चों की दुनिया का हर रंग है आज की बाल कहानियों में ( लेखनी-जनवरी-2010) —————————————————————————————————————————————————– प्रतिभा मुदलियार. 
रीडर हिंदी विभाग, मैसुर विश्वविद्यालय, मानस गंगोत्री, मैसुर जन्मः बेलगाँव, कर्नाटक, शिक्षाः एम.ए., पीएच.डी. डी.लिट, डिप्लोमा इन ट्रान्सलेशन प्रकाशितकृतियाँ – ★नरेश मेहता के काव्य का अनुशिलन ★लेख और आलेख ★नाच री घुमा (अनुवाद) ★क्षण हवे नको ते (हिंदी उपन्यास का  मराठी अनुवाद) ★खण्ड खण्ड अग्नि (हिंदी काव्य नाटक का  मराठी अनुवाद) ★नदी संगे वाहताना (कन्नड कविताओं का  मराठी अनुवाद) ★हाशिए पर (कविता संग्रह) पुरस्कारः ★राष्ट्रीय पुरस्कार, केन्द्रीय हिंदी निदेशालय , दिल्ली.1996 ★सारस्वत सम्मान, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग. ★हिंदी मार्तंड, भाषा परिषद, प्रयाग आकलन लेख– समकालीन कविता और गजल की प्रासंगिकता (दुष्यंत कुमार के विशेष संदर्भ में) (लेखनी-अँक10-दिसंबर 2007) लेख- त्रिलोचन की कविताः ठेठ का ठाठ ( लेखनी- अंक 28-जून-2009)
————————————————————————————————————————————————– प्रदीप अग्रवाल जन्मः 18 मई 1955 शिक्षा बी.एस. सी. चांद परियां और तितली कछुआ और खरगोशः पंचतंत्र की नीतिकथा नए संदर्भ में   (लेखनी-अप्रैल-2009) —————————————————————————————————————————————————– प्रतापसिंह सोढ़ी प्राचार्यपद से सेवा निवृत्त प्रतापसिंह सोढ़ी पत्र पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। लघुकथा संग्रह त्रिवेणी में संकलित और समप्रभ का आपने सह सम्पादन किया है।   लघुकथा- सहनशीलता (लेखनी-जनवरी-2009) ————————————————————————————————————————————————— प्रवीण प्रभाकर परिचर्चा लोकनाट्य चुनौती और संभावना (लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008) —————————————————————————————————————————————————–              प्रभु जोशी   जन्म12 दिसंबर, 1950 देवास मध्यप्रदेश के राँवा गांव में जन्मे प्रभु जोशी बहु प्रतिभा धनी हैं।  आपने जीवविज्ञान में स्नातक तथा रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर के उपरांत अंग्रेज़ी साहित्य में भी प्रथम श्रेणी में एम.ए. किया। अंग्रेज़ी की कविता स्ट्रक्चरल ग्रामर पर विशेष अध्ययन।[ पहली कहानी 1973 में धर्मयुग में प्रकाशित। ‘किस हाथ से’, ‘प्रभु जोशी की लंबी कहानियाँ’ तथा उत्तम पुरुष’ कथा संग्रह प्रकाशित। नई दुनिया के संपादकीय तथा फ़ीचर पृष्ठों का पाँच वर्ष तक संपादन। पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी तथा अंग्रेज़ी में कहानियों, लेखों का प्रकाशन। चित्रकारी बचपन से। जलरंग में विशेष रुचि। सरोकार लेख-इसलिए विदा करना चाहते हैं हिन्दी को…( लेखनी-अप्रैल-2010) —————————————————————————————————————————————————-  प्रभु दयाल श्रीवास्तव जन्म      4 अगस्त 1944 धरमपुरा दमोह {म.प्र.] शिक्षा      वैद्युत यांत्रिकी में पत्रोपाधि लेखन      विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन प्रकाशन     लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं में भी कई रचनाएं प्रकाशित कृतियां 1 दूसरी लाइन [व्यंग्य संग्रह]शैवाल प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित 2 बचपन गीत सुनाता चल[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित 3 बचपन छलके छल छल छल[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल से प्रकाशित प्रकाशनाधीन 1 बिल क्लिंटन का नाम करण संस्कार[व्यंग्य संग्रह}शैवाल प्रकाशन 2 शाला है अनमोल खजाना[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केन्द्र     भोपाल 3      बच्चे सरकार चलायेंगे[बाल गीत संग्रह]बाल कल्याण………………… प्रसारण आकाशवाणी छिंदवाड़ा से बालगीतों,बुंदेली लघु कथाओं एवं जीवन वृत पर परिचर्चा का प्रसारण सम्मान राष्ट्रीय राज भाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा “भारती रत्न “एवं “भारती भूषण सम्मान” श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान वैदिक क्रांति देहरादून एवं हम सब साथ साथ पत्रिका दिल्ली द्वारा “लाइफ एचीवमेंट एवार्ड” भारतीय राष्ट्र भाषा सम्मेलन झाँसी द्वारा” हिंदी सेवी सम्मान” शिव संकल्प साहित्य परिषद नर्मदापुरम होशंगाबाद द्वारा”व्यंग्य वैभव सम्मान” युग साहित्य मानस गुन्तकुल आंध्रप्रदेश द्वारा काव्य सम्मान विशेष बुंदेली लोक गीत,गज़लें बुंदेली साहित्य  पर लेख| वर्ष 2009 में साहित्य अकादमी दिल्ली में आयोजित बुंदेलखंड साहित्य परिषद भोपाल के कार्यक्रम में रवींद्र भवन दिल्ली में बुंदेली की दक्षिणी सीमाऐं विषय पर आलेख का पाठन| फरवरी 2011 में सृजन सम्मान संस्था रायपुर के साथ तृतीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन  बैंकाक‌ में शिरकत की एवं बाल साहित्य सम्मान से सम्म्मानित‌ संप्रति सेवा निवृत कार्यपालन यंत्री म. प्र.विद्युत मंडल छिंदवाड़ा से संपर्कः 12, शिवम सुंदरम नगर छिंदवाड़ा[ म.प्र.]  हास्य व्यंग्यः 1. मंत्री जी और वारे लाल (लेखनी-अँक-9-नवम्बर-2007) 2.  हरि अनंत हरिकथा अनंता ( लेखनी-अगस्त-2011) 3. भ्रष्टाचार की योग‌ पाठशाला ( लेखनी-दिसंबर-2011) 4. सुरा प्रेमियों का प्रांतीय सम्मेलन  ( लेखनी-अप्रैल-2012) 5. प्रतियोगिताएँ, आज के संदर्भ में ( लेखनी-अक्तूबर-2013) दो लघुकथाएं 1. बचत ( लेखनी-अगस्त-2011) 2. सरकारी फंड ( लेखनी-अगस्त-2011) बाल कथाः 1. मुर्गाभाई और कौअेराम की कथा    ( लेखनी-मई-2012) 2. जो सूरज ऐसो तप रओ है बाल नृत्य नाटिकाः  ( लेखनी-जून-2012) 3. उछलू की चित्रकारी ( लेखनी- अक्तूबर-2012) 4. खेल खेल भावना से ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013) 5. करनी का फल ( लेखनी-मार्च-2013) 6. लंपू और गुलाबी ( लेखनी-अगस्त-2013) 7. गुलशन  ( लेखनी-जनवरी-2014) ———————————————————————————————————————————— प्राण शर्मा  (यू. के) विविधा प्रेरक प्रसंग-शिष्टता (लेखनी-अंक-6-अगस्त-2007) ——————————————————————————————————————————————–                प्रियंका गुप्ता जन्म- ३१ अक्टूबर, (कानपुर) शिक्षा- बी.काम लेख़न यात्रा- आठ वर्ष की उम्र से लिख़ना शुरू किया, देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित विधा- बचपन से लेखन आरम्भ करने के कारण मूलतः बालकथा बड़ी संख्या में लिखी-छपी, परन्तु बडी कहानियां, हाइकु, कविता और ग़ज़लें भी लिखी और प्रकाशित कृतियां- १) नयन देश की राजकुमारी ( बालकथा संग्रह) २) सिर्फ़ एक गुलाब (बालकथा संग्रह) ३) फुलझडियां (बालकथा संग्रह) ४) नानी की कहानियां (लोककथा संग्रह) ५) ज़िन्दगी बाकी है (बड़ी कहानियों का एकल संग्रह) पुरस्कार- 1) “नयन देश …” उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा “सूर अनुशंसा” पुरस्कार प्राप्त 2) “सिर्फ़ एक गुलाब” प्रियम्वदा दुबे स्मृति पुरस्कार-राजस्थान 3) कादम्बिनी साहित्य महोत्सव-९४ में कहानी “घर” के लिए तत्कालीन राज्यपाल(उ.प्र.) श्री मोतीलाल वोहरा द्वारा अनुशंसा पुरस्कार प्राप्त ई- मेल : priyanka.gupta.knpr@gmail.com Blog : www.priyankakedastavez.blogspot.com Mobile no: 09919025046 संपर्क सूत्रः एम.आई.जी-२९२, कैलाश विहार, आवास विकास योजना संख्या-एक, कल्याणपुर, कानपुर-२०८०१७ (उ.प्र) हास्य व्यंग्यः भीख मांगना एक सरल व्यवसाय ( लेखनी-अप्रैल-2012) ————————————————————————————————————————————————– प्रियंवद् जन्म 22 दिसंबर , प्राचीन इतिहास में एम.ए.। आज के बहुचर्चित, सशक्त रचनाकार। आपकी कुछ कहानियों पर अभद्रता का भी आरोप लगा है, पर एक बात निश्चित है कि प्रियंवद की कहानियाँ अपनी एक निश्चित छाप छोड़ती हैं…उद्वेलन में भी एक संतोष के साथ। संप्रतिः स्वतंत्र लेखन व कानपुर में निजी व्यवसाय। चर्चित व प्रकाशित कृतियाँ- वे वहाँ कैद हैं। खरगोश। परछांई नाच आदि। कहानी – दर्शक (लेखनी अंक-49-50- मार्च-अप्रैल 2011) दावा ( लेखनी-मई-2012) —————————————————————————————————————————————————- प्रेम जनमेजय     जन्मः  18 मार्च, 1949,  इलाहाबाद , उ. प्र. , भारत । प्रेम जनमेजय व्यंग्य- लेखन के परंपरागत विषयों में स्वयं को सीमित करने में विश्वास नहीं करते हैं। उनका मानना है कि व्यंग्य लेखन के अनेक उपमान मैले हो चुके हैं। बहुत आवश्यक है सामाजिक एवं आर्थिक विसंगतियों को पहचानने तथा उन पर दिशायुक्त प्रहार करने की। व्यंग्य को एक गंभीर कर्म तथा सुशिक्षित मस्तिष्क के प्रयोजन की विधा मानने वाले प्रेम जनमेजय आधुनिक हिंदी व्यंग्य की तीसरी पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं। पिछले चौंतिस वर्षों से साहित्य रचना में सृजनरत इस साहित्कार ने हिंदी व्यंग्य को सही दिशा देने में सार्थक भूमिका निभाई है। परंपरागत विषयों से हटकर प्रेम जनमेजय ने समाज में व्याप्त अर्थिक विसंगतियों तथा सांस्कृतिक प्रदूषण को चित्रित किया है। प्रकाशित कृतियां- व्यंग्य संकलन — राजधानी में गंवार , बेर्शममेव जयते , पुलिस ! पुलिस ! , मैं नहीं माखन खायो, आत्मा महाठगिनी , मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएं, शर्म मुझको मगर क्यों आती ! डूबते सूरज का इश्क, कौन कुटिल खल कामी । संपादन – प्रसिद्ध  व्यंग्य पत्रिका ‘व्यंग्य यात्रा’ के संपादक बींसवीं शताब्दी उत्कृष्ट साहित्यः व्यंग्य रचनाएं । नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ‘हिंदी हास्य व्यंग्य संकलन ‘ श्रीलाल शुक्ल के साथ सहयोगी संपादक। बाल साहित्य —   शहद की चोरी , अगर ऐसा होता , नल्लुराम । नव -साक्षरों के लिए  खुदा का घडा, हुड़क, मोबाईल देवता । सम्मान, पुरस्कार – ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ -2009 कमला गोइन्का व्यंग्यभूषण सम्मान- 2008 संपादक रत्न सम्मान- 2006 ;हिंदी साहित्य समिति,नाथद्वारा हिन्दी निधि तथा भारतीय विद्या संस्थान; त्रिनिडाड एवं टुबैगो  द्वारा विशिष्ट  सम्मान – 2002 अवन्तिका सहस्त्राब्दी सम्मान – 2001 हरिशंकर परसाई स्मृति पुरस्कार-1997 हिंदी अकादमी साहित्यकार सम्मान – 1997 – 98 अंतराष्ट्रीय बाल साहित्य दिवस पर ‘इंडो रशियन लिट्रेरी क्लब ‘सम्मान -1998 प्रकाशवीर शास्त्री सम्मान   — 1997 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों  साहित्य अकादमी, सांस्कृतिक संबंध् परिषद् एवं अक्षरम् के संयुक्त तत्वावधन में आयोजित कार्यक्रमों में भागीदारी।   ‘प्रवासी हिंदी उत्सव -2006’ एवं 2007 की अकादमिक समिति के संयोजक वेस्ट इंडीज+ विश्वविद्यालय , हिन्दी निधि तथा भारतीय उच्चायोग द्वारा त्रिनिडाड में 17 से 19 मई 2002 तक आयोजित त्रिदिवसीय ‘ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन ‘ के आयोजन में अकादमिक – समिति के अध्यक्ष तथा आयोजन समिति केसदस्य के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका। यू.के., न्यू जर्सी , मिआमी , वेस्ट इंडीज और भारत में  आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में आलेख पाठ एवं चर्चाओं में अध्यक्षता, आलेख पाठ एवं  भागेदारी। संगोष्ठियां एवं सम्मेलन- दिल्ली विश्वविद्यालय तथा रानीदुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा आयोजित ‘ पुनश्चर्या पाठ्यक्रम ‘ में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान । लखनउ, चंडीगढ , भोपाल , रायपुर, दुर्ग, हरदा , बरेली , राजमहेंद्री , जालंधर, बम्बई , बडौदा , कलकता ,जयपुर,उदयपुर, जबलपुर , इलाहाबाद , इंदौर , गाजियाबाद , दिल्ली, शहडोल आदि नगरों की साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आयोजित  साहित्यिक गोष्ठियों तथा सम्मेलनों की अध्यक्षता, रचना पाठ, आलेख पाठ। हिंदी की  सभी शीर्ष पत्र -पत्रिकाओ, धर्मयुग, सारिका, दिनमान, पराग, नवभारत टाईम्स, शंकर्स वीकली आदि में लगभग दो  सौ रचनाएं प्रकाशित । दूरदर्शन’ के लिए धरावाहिकों का लेखन अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों में भागेदारी आकाशवाणी के राष्ट्रीय प्रसारण से अनेक नाटक प्रसारित । अनेक रचनाओं का अंग्रेजी , पंजाबी,गुजराती तथा मराठी में अनुवाद । सम्प्रति-  रीडर , हिन्दी विभाग , कालेज आफ वोकेशनल स्टडीज , दिल्ली विश्वविद्यालय । सम्पर्क  -73 साक्षर अपार्टमेंट्स ए – 3 पश्चिम विहार नई दिल्ली 63 दूरभाष  – 25264227     चल दूरभाष- 9811154440 — Dr. Prem Janmejai 73 Saakshara Appartments A- 3 Paschim Vihar, New Delhi – 110063 Phones:(Home) 011-91-11-25264227 (Mobile) 9811154440 व्यंग्य- हम निंदा करते हैं-(लेखनी-अँक-25-मार्च-2009) व्यग्य- ज्यों ज्यों बूड़े श्याम रंग- (लेखनी-अँक-28- जून-2009) व्यंग्य- तुम ऐसे क्यों आयीं लक्ष्मी ( लेखनी अंक-45-नवंबर-2010) ——————————————————————————————————————————————— प्रीत अरोरा दृष्टिकोण सब पढ़ें, आगे बढ़ें ( लेखनी-दिसंबर-2011) सरोकार संभालना होगा हमें अपनी बिरासत को ( लेखनी-अप्रैल-2013) संपर्कः मकान नम्बर—405,गुरूद्वारे के पीछे दशमेश नगर,खरड़ जिला–मोहाली पँजाब पिन नम्बर—140301 फोन—08054617915
  ————————————————————————————————————————————————— प्रेम विज संपर्क सूत्रः मकान नं. 1284, सेक्टर 37-बी चंडीगढ़ 160 036
लघुकथाः निरुत्तर लेखनी-अंक-11-वर्ष-2-(जनवरी 2009) —————————————————————————————————————————————— पूर्णिमा वर्मन         (जन्म 27 जून, 1955, पीलीभीत , उत्तर प्रदेश), जाल-पत्रिका अभिव्यक्ति और अनुभूति की सम्पादिका है। पत्रकार के रूप में रूप में अपना कार्य-जीवन प्रारंभ करने वाली पूर्णिमा का नाम वेब पर हिंदी की स्थापना करने वालों में अग्रगण्य है। उन्होंने प्रवासी तथा विदेशी हिंदी लेखकों को प्रकाशित करने तथा अभिव्यक्ति में उन्हें एक साझा मंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण काम किया है। माइक्रोसॉफ़्ट का यूनिकोडित हिंदी फॉन्ट आने से बहुत पहले सन 2000 में ही उनकी जाल पत्रिकाएँ अंतर्जाल पर अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी थीं। वेब पर हिंदी को लोकप्रिय बनाने के अपने प्रयत्नों के लिए उन्हें 2006 में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, साहित्य अकादमी तथा अक्षरम के संयुक्त अलंकरण अक्षरम प्रवासी मीडिया सम्मान तथा 2008 में रायपुर छत्तीसगढ़ की संस्था सृजन सम्मान द्वारा हिंदी गौरव सम्मान से विभूषित किया जा चुका है। उनका एक कविता संग्रह “वक्त के साथ” नाम से प्रकाशित हुआ है। वे संप्रति संयुक्त अरब इमारात के शारजाह शहर में निवास करती हैं तथा हिंदी के अंतर्राष्ट्रीय विकास के अनेक कार्यों से जुड़ी होने के साथ साथ हिंदी विकिपीडिया के प्रबंधकों में से भी एक हैं। पता- पूर्णिमा वर्मन, पी ओ बाक्स 25450, शारजाह, यू ए ई ई मेल –  abhi_vyakti@hotmail.com कहानी-समकालीन – यूं ही चलते हुए (लेखनी- अंक-16-वर्ष-2 -जून 2008) ——————————————————————————————————————————————- फजल इमाम मल्लिक     जन्म– 19 जून, 1964 को बिहार के शेखपुरा जिला के चेवारा में। पिता/माता–  जनाब हसन इमाम और माँ सईदा खातून। शिक्षा– स्कूली शिक्षा श्री कृष्ण उच्च विद्यालय, चेवारा (शेखपुरा)। इंटर रांची युनिवसिर्टी के तहत रांची कालेज से । ग्रेजुएशन भागलपुर युनिवसिर्टी के रमाधीन कालेज (शेखपुरा)। व्यवसायिक शिक्षा पटना के आईआईबीएम से होटल प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएशन। लेखन–  उर्दू और हिंदी में समान रूप से लेखन। लघुकथाएँ, कविता, कहानी, समीक्षा और सम-सामयिक लेखन। साहित्य-संस्कृति पर नियमित लेखन। पत्रकारिता– लंबे समय से पत्रकारिता। 1981 से जनसत्ता में बतौर खेल पत्रकार करियर की शुरुआत। इससे पहले सेंटिनल (गुवाहाटी), अमृत वर्षा (पटना), दैनिक हिंदुस्तान (पटना) और उर्दू ब्लिट्ज (मुंबई) से जुड़ाव। बतौर खेल पत्रकार विश्व कप क्रिकेट, विश्व कप हाकी, एकदिवसीय व टैस्ट क्रिकेट मैचों, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैचों, राष्ट्रीय टेनिस, एथलेट्किस वालीबाल, बास्केटबाल सहित दूसरे खेलों की रिपोर्टिंग। इलेक्ट्रानिकमीडिया– एटीपी चैलेंजर टेनिस, राष्ट्रीय बास्केटबाल, कोलकाता फुटबाल लीग, राष्ट्रीय एथलेटिक्स का दूरदर्शन के नेशनल नेटवर्क पर लाइव कमेंटरी। कविताएँ-इंटरव्यू दूरदर्शन पर प्रसारित। आकाशवाणी के लिए लंबे समय तक सहायक प्रोड्यूसर (अंशकालिक) के तौर पर काम किया। कविताएँ-कहानियाँ कोलकाता व पटना, गुवाहाटी के आकाशवाणी केंद्र से प्रसारित।  प्रकाशन– लधुकथा संग्रह मुखौटों से परे और कविता संग्रह नवपल्लव का संपादन।  संपादन– साहित्यक पत्रिका श्रृंखला व सनद का संपादन। सम्मान- साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कवि रमण सम्मान, रणधीर वर्मा स्मृति सम्मान, सृजन सम्मान और रामोदित साहु सम्मान।संप्रति– जनसत्ता में वरिष्ठ उपसंपादक।   संपर्क- फ़ज़ल इमाम मल्लिक 4-बी, फ्रेंड्स अपार्टमेंट्स, पटपड़गंज, दिल्ली-110092। फोन: 9868018472/9350102013। ईमेल: fazalmallick@gmail.com दो लघुकथाएँ सबेरा   ( लेखनी-नवंबर-2010) पनाह  ( लेखनी-नवंबर-2010) —————————————————————————————————————————————————- बलराम अग्रवाल जन्म: 26 नवम्बर, 1952 को उत्तर प्रदेश(भारत) के जिला बुलन्दशहर में। शिक्षा : एम ए (हिन्दी), अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। पुस्तकें : सरसों के फूल(1994), दूसरा भीम(1997), जुबैदा(2004), चन्ना चरनदास(2004), संस्कृत नाट्य:चिन्तन परम्परा और समाज (अप्रकाशित), समकालीन हिन्दी लघुकथा का मनोविश्लेषणात्मक अध्ययन (अप्रकाशित)। सम्पादन व अन्य : मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ(1997) के अतिरिक्त प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, रवीन्द्रनाथ टैगोर, बालशौरि रेड्डी आदि वरिष्ठ कथाकारों की कहानियों के लगभग 15 कहानी-संकलनों एवं ‘वर्तमान जनगाथा’ सहित कुछेक पत्रिकाओं का संपादन/अतिथि संपादन। ‘अण्डमान व निकोबार की लोककथाएँ’ का अंग्रेजी से अनुवाद व पुनर्लेखन(2000)। 1997 से हिन्दी साहित्य कला परिषद, पोर्ट ब्लेयर(अण्डमान-निकोबार द्वीप-समूह) की पत्रिका ‘द्वीप लहरी’ के संपादन में सहयोग। कुछेक कहानियों का अँग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद। अनेक वर्षों तक हिन्दी-रंगमंच से जुड़ाव। हिन्दी फीचर फिल्म ‘पोस्टर’(1983) व ‘कोख’(1992) के संवाद-लेखन में सहयोग। हिन्दी ब्लॉग जनगाथा(Link:http://www.jangatha.blogspot.com), कथायात्रा(Link: http://kathayatra.blogspot.com) एवं लघुकथा-वार्ता(Link: http://wwwlaghukatha-varta.blogspot.com) का संपादन/संचालन। सम्प्रति : अध्ययन और लेखन। संपर्क : एम-70, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 (भारत) दूरभाष : 011-22323249
दो लघुकथाएं 1. गुलमोहर ( लेखनी-मई-2013) 2. लड़ाई  ( लेखनी-मई-2013)       ———————————————————————————————————————————————————— डा. बलदेव सिंह खहरा 658 फेज़-3बी-1, मोहाली, जिला-रोपड़-160058 फोन :0172-2273728, 09872007658 लघुकथा– पराया देश, अपना चांद-  पंजाबी से अनुवादः सुभाष नीरव ( लेखनी-दिसंबर-2009) ——————————————————————————————————————————————————– बीनू भटनागर राम झरोखे आत्म व्यथा (लेखनी-अक्तूबर-2011) चौपाल संवेदना के स्तर ( लेखनी-जनवरी-2014) ————————————————————————————————————————————————— बृजेन्द्र श्रीवास्तव उत्कर्ष आत्मकथ्यः मात्-पिता, मातृ-भूमि, मातृ-भाषा, जीवन नैया की मेरी खेवन हार  है, इनके  चरणों में जीवन निछावर मेरा, यही उत्कर्ष का पहला प्यार है। इनके आँचल में ही मै फूला-फला, मेरा जीवन तो इनका कर्जदार है, इनकी  सेवा  जीवन भर करता रहू, ये ही चाहत मेरी बारम्बार है॥ बृजेन्द्र श्रीवास्तव ‘उत्कर्ष’ संपर्क सूत्रः Brajendra  Srivastava “Utkarsh” 206, Type-2 IIT Kanpur-208016 INDIA Mo.9956171230 Mo.9598860882 Ph.0512-2598638Email: kaviutkarsh@gmail.com http://kaviutkarsh.blogspot.com
चौपाल वैलेंटाइन डे ( लेखनी -मार्च -2010) ————————————————————————————————————————————————— भगवती शरण उपाध्याय भव्य भारती लेख-ताजमहल-(लेखनी-अंक12-फरवरी 2008) ——————————————————————————————————————————————- प्रो. भगवती सिंह आकलनः अनमोल हास्य क्षण ( लेखनी-जून-2012) SIDDHARTH FOUNDATION 6, SAMSMRUTA APARTMENTS, NEAR AZAD SOCIETY, AMBAWADI, AHMEDABAD-380 015, GUJRAT – INDIA
—————————————————————————————————————————————– डॉ.भाऊसाहेब नवनाथ नवले परियोजना सहायक, बृहत्‌ हिंदी शोध  परियोजना,      हिंदी विभाग, महावीर महाविद्‌यालय, कोल्हापुर (महाराष्ट्र) ई-मेल-bhausahebnavale83@gmail.com
आकलन नागार्जुन की कविता का वैचारिक पक्ष  ( लेखनी-अगस्त-2011) ————————————————————————————————————————————————— डॉ. भारती खुवालकर संपर्क सूत्रः टिकरापार। रामदास नगर। बिलासपुर (म.प्र.) 495004 लघु कथाः सच झूठ ( लेखनी अक्तूबर 2009) ——————————————————————————————————————————————-   बी. एन . गोयल   जन्म – उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर के  गाँव शाहजहाँपुर में १९४१  में भारत सरकार में लगभग ३९ वर्ष बिताये |  २९ वर्ष सूचना प्रसारण मंत्रालय (आकाशवाणी) में और ५ / ५ वर्ष रक्षा और विदेश मंत्रालय में – २००१ में आकाशवाणी महानिदेशालय से कार्मिक निदेशक के पद से सेवा निवृत्तमूल स्वभाव घुमक्कड़ी  और नौकरी के वशीभूत लगभग ३/४ भारत का भ्रमण ( ट्रांस्फर्स) त्रिनिदाद और टोबागो में हिंदी और सांस्कृतिक अधिकारी – इस बहाने से अमेरिका, यूरोप, फ़्रांस, स्विटज़रलैंड, इटली,  केरिबन तथा अन्य देशो की यात्रा की  शिक्षा दीक्षा – आगरा विश्व विद्यालय और राजस्थान विश्व विद्यालय  – (चंचल मन के कारण एक नहीं …..) समाज शास्त्र, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, हिंदी  साहित्य में ऍम० ए०; -पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा –    ज्योतिष में अलंकार की डिग्री ली नेशनल बुक ट्रस्ट और कुछ अन्य प्रकाशको की कृपा से कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित सम्प्रति  – अध्ययन – कठिन विज्ञान के सिवाय सभी कुछ पढने  की लालसा आज कल आध्यात्मिक  अध्ययन अध्यापन –   स्थानीय तीन वि वि में प्रसारण पत्रकारिता का अध्यापन लेखन – फुटकर विषयों पर कुछ लिखना और उसे संभाल कर रख देना – कुछ प्रकाशित और कुछ नहीं | वर्तमान पता  :  15 , डोरसेट ड्राइव, अल्फ्रेडटन , बेलारेट , विक्टोरिया  3350 आस्ट्रेलिया स्थायी  पता  :  138 , एम् आई  जी, पल्लवपुरम फेज़ – 2 , मेरठ  250 110  भारत agnihotriravindra@yahoo.com परिचर्चा 1. शब्द संभारे बोलिए  ( लेखनी-अप्रैल-2010) 2. ——————————————————————————————————————————————- बी.एल. प्रजापति परिचर्चा वसंत पंचमी ( लेखनी-मार्च-2013) ——————————————————————————————————————————————————– मनमोहन कसाना कहानी समकालीन वार त्योहार ( लेखनी-अक्तूबर-2012) आखिर कब तक (लेखनी-अप्रैल-2013) —————————————————————————————————————————————————– मनीष कुमार सिंह जन्‍म 16 अगस्‍त,1968 को पटना के निकट खगौल (बिहार) में हुआ। भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में प्रथम श्रेणी अधिकारी। विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं यथा-हंस,कथादेश,समकालीन भारतीय साहित्‍य,साक्षात्‍कार,पाखी,दैनिक भास्‍कर, नयी दुनिया, नवनीत, शुभ तारिका,लमही, कथाक्रम, परिकथा, शब्‍दयोग, नवनीत ‍इत्‍यादि में कहानियॉ प्रकाशित। चार कहानी-संग्रह-‘आखिरकार’,’धर्मसंकट’,’अतीतजीवी’ और ‘वामन अवतार’ प्रकाशित। पता- कमरा नं. 148-बी, प्रथम तल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, संसद मार्ग,नयी दिल्‍ली-110001 मोबाइलः 9868140022 ईमेलःmanishkumarsingh513@gmail.com कहानी समकालीन कोहरा       ( लेखनी-मार्च-2014) ————————————————————————————————————————————————————- मनोज आजिज़ दो लघुकथाएँ जड़ की समझ ( लेखनी-अक्तूबर-2013) सौ पचास का कमाल ( लेखनी-अक्तूबर-2013) पता- इच्छापुर, ग्वालापाड़ा , पोस्ट-आर आई टी जमशेदपुर- 831014 , झारखण्ड ( भारत) फोन- 09973680146 ————————————————————————————————————————————————–   मनोहर चमोली मधु बाल कहानीः जैसे को तैसा (लेखनी-अंक 8- अक्तूबर 2007) ——————————————————————————————————————————————- मनोहर पुरी हास्य व्यंग्य बिल में उलझा दिल ( लेखनी-फरवरी-2009)   ———————————————————————————————————————————– मनोहर श्याम जोशी हास्य व्यंग्य नेता जी का लक्ष्यः एक करोड़ रुपया ( लेखनी-अप्रैल-2012) ———————————————————————————————————————————– मनोज मिश्रा एशोसिएट प्रोफेसर भौतिक विज्ञान विभाग, डी०ए-वी० कालेज, कानपुर। लेख देश के सभी प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों के सम्पादकीय पृष्ठ पर छपते रहतें हैं।  चुनाव विश्लेषक के तौर पर हिन्दी अंग्रजी मीडिया में लेख और वार्तायें प्रकाशित और प्रसारित होती रहती हैं। संपर्क सूत्रः डॉ० मनोज मिश्र ‘सृष्टि शिखर` ४० लखनपुर हाउसिंग सो०, कानपुर – २४ फोन नं० ०९४१५१३३७१०, ०९८३९१६८४२२ परिचर्चाः पर्यावरण का नॉलेज नेटवर्क: शोषण से निजात ( लेखनी-फरवरी -2010) ओबामा की चिन्ता के केन्द्र में भारतीय छात्र ( लेखनी-नवंबर-2010) चौपाल भारत का मेडिकल टूरिज्म और ओबामा की चिन्ता  (लेखनी-मई-2011) जुगनू और एस. आर सैट का प्रक्षेपण ( लेखनी-नवंबर-2011)   ——————————————————————————————————————————————- मधुर नज्मी पता-गोहना, मुहम्मदाबाद, जि.मउ, उ.प्र. भारत। साहित्य भारती- समकालीन हिन्दी गजल-(लेखनी-अँक-10-दिसंबर 2007) ——————————————————————————————————————————————- मन्नू भंडारी स्त्री सुबोधनी  (लेखनी-अप्रैल-2013) —————————————————————————————————————————————————- ममता कालिया आज के युग की सशक्त महिला कथाकार। संवेदनशील व रोचक शैली व भावों की सूक्ष्म पकड़। 2 नवंम्बर 1940 को वृंदावन में जन्मी ममता कालिया की शिक्षा दिल्ली, मुंबई, पुणे, नागपुर और इन्दौर शहरों में हुई। उनके पिता स्व. श्री विद्याभूषण अग्रवाल पहले अध्यापन में और बाद में आकाशवाणी में कार्यरत रहे। वे हिंदी और अंग्रेजी साहित्य के विद्वान थे और अपनी बेबाकबयानी के लिए जाने जाते थे। ममता पर पिता के व्यक्त्वि की छाप साफ दिखाई देती है। कहानी – आजादी-   (लेखनी -अंक-30- अगस्त-2009) मेला ( लेखनी-अंक-53- जुलाई-2011)   ——————————————————————————————————————————————— महेन्द्र दवेसर ‘ दीपक’ (यू.के)                                                                             जन्म: नई देहली, 14 दिसम्बर, 1929 मातृ-भाषा: पंजाबी शिक्षा तथा संक्षिप्त जीवन चित्रण: 1947 में विभाजन के समय डी॰ए॰वी॰ कॉलेज, लाहौर में  F.Sc. (Final)  के विद्यार्थी। सांप्रदायिक उथल-पुथल के कारण लाहौर त्याग और संक्षिप्त शिक्षा-विराम। प्रभाकर (पंजाब वि॰ वि॰- 1950), बी॰ए॰ पंजाब वि॰ वि॰- 1950), पंजाब युनिवर्सिटी कैम्प कॉलेज में M.A. (Final) के विद्यार्थी। परीक्षा पूर्व भारतीय विदेश मंत्रालय की विदेश सेवा में चयन पश्चात जाकार्ता, इन्डोनेशिया में भारतीय दूतावास में नियुक्ति। 1952 से 1956 तक जाकार्ता, इन्डोनेशिया में निवास। विदेश सेवा अवधि में इन्डोनेशिया सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार की विशेश आज्ञा पर Radio Republic Indonesia (Voice of Indonesia) के हिन्दी यूनिट के संचालन तथा प्रसारण का अतिरिक्त भार संभाला। रेडियो जाकार्ता से दैनिक समाचारों, चर्चाओं, वार्ताओं और इन्डोनेशिया जीवन-संबन्धी अपनी लिखी कहानियों का प्रसारण किया जो बहुत प्रशंसित हुआ। 1956 में स्वदेश वापसी। स्कूल, कॉलेज के दिनों से ही लेखन कार्य में रुचि। लेखक द्वारा लिखित कहानियां स्कूल, कॉलेज की पत्रिकाओं में छपीं और प्रशंसित हुईं। 1956 से 1959: भारत सरकार के संभरण मंत्रालय में नियुक्ति। इस अवधि में छुट-पुट कहानियां समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में छपती रहीं। जुलाई 1971 में भारतीय हाई कमीशन, लंडन में नियुक्ति। 1971 से लंडन में निवास। 1976 से अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी (Reuters World Service) में नियुक्ति। 1991 में नौकरी से अवकाश-ग्रहण। उस समय वे कंपनी में Senior Technical Buyer के पद पर नियुक्त थे। प्रकाशन- कहानी-सग्रह: 1॰ “ पहले कहा होता (स्टार पब्लिकेशंज़, नयी देहली, 2003)॰ 2॰ “बुझे दीये की आरती (मेधा बुक्स, 2007, देहली) पता: 70, Purley Downs Road, South  Croydon, Surrey, CR2 ORB.                                                                                                                                                                                                   Phone: 00(44) 208 8660 4750. e.mail: mpdwesar  @yahoo.co.uk         लघु कथा पगडंडी ओर झरना  (लेखनी-जुलाई-अंक-5-वर्ष-2) कहानी 1.सोना लाने पी गए ( लेखनी-अक्तूबर-अंक-8-वर्ष-2) 2.बीस पाउँड         ( लेखनी-  अँक 27-मई- 2009) 3. बुझे दिये की आरती ( लेखनी- अँक 37- मार्च 2010) 4. सौ का नोट ( लेखनी- अंक-44-अक्तूबर 2010) 5. पुष्प दहन (लेखनी-जुलाई-2013) ——————————————————————————————————————————————- महेश चंद्र द्विवेदी  शिक्षा- एम.एससी.(फिजिक्स) लखनऊ एवं एम.एससी.(सोशल प्लानिंग) तथा लंदन स्कूल ऑफ़ एकॉनॉमिक्स से। 1961-1962 तक लखनऊ के आई. टी. कॉलेज में अध्यापन किया। उसके 1963 बाद भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए और 2001 में डायरेक्टर जनरल, पुलिस के पद से सेवानिवृत्त हुए। संवेदन शील और चुटीले रचनाकार महेश चन्द्र द्विवेदी जी की रचनाएँ नियमित रूप से कादंबिनी, मनोरमा, मनोहर कहानियाँ, उत्तरप्रदेश, पुरवाई, वर्तमान साहित्य आदि पत्रिकाओं तथा हिंदुस्तान, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा जैसे दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रही हैं। महेश जी ने मंच पर भी अपनी कविताएँ प्रस्तुत की हैं। प्रकाशित पुस्तकें उपन्यास: ‘उर्मी’ कहानी संग्रह: एक बौना मानव, सत्यबोध व्यंग्य संग्रह: क्लीयर फंडा कविता संग्रह: सरजना के स्वर संपर्क :  mcdewedy@yahoo.com कहानी आपदकर्म  ( लेखनी-मई-2010)   ——————————————————————————————————————————————-   मीरा कान्त जन्मः 1958, श्रीनगर काश्मीर। पिछले दो दशक से साहित्य की अनवरत सेवा में रत मीराकांत की लेखनी से निम्नांकित पुष्तकें आई हैः कहानी संग्रहः ङाइफेन, कागजी बुर्ज, गली दुल्हनवाली । उपन्यासः थथा किम, उर्फ हिटलर, एक कोई था कहीं नहीं सा। नाटकः इहामृग, नेपथ्यराग, भुवनेश्वर-दर-भुवनेश्वर, कंधे पर बैठा था शाप, हम को उड जाने दो, पुनर्पि दिव्या। शोध कार्यः अंतर्राष्ट्रीय महिल दशक और हिंदी पत्रकारिता। बाल साहित्यः नाम था उसका आसमानी, ऐसे जमा रेल का खेल। संपादनः मीराः मुक्ति की साधना(दोहा संग्रह)  
        सम्मानः मोहन राकेश सम्मान 2003- नेपथ्य राग सेठ गोविन्ददास सम्मान 2003- इहामृग अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति पुरस्कार 2004-तथाकिम साहित्यकार सम्मान 2005-6 हिन्दी अकादमी, देहली। मोहन राकेश सम्मान, 2008, साहित्य कला परिषद-उत्तर प्रश्न। संपर्क सूत्रः Editor at NCERT, New Delhi Home address: B 95 Gulmohar Park, New Delhi 110-049. Tel:Home:26514586; Mobile: 9811335375 Website: www.meerakant.com   कहानी गली दुल्हन वाली ( लेखनी अंक 36-फरवरी 2010) ——————————————————————————————————————————————- मुजफ्फर हुसैन परिचर्चाः दुनिया की ढाई हजार भाषाओं पर मंडराता संकट ( लेखनी-जुलाई-2009) (संपर्क सूत्रः सी 1/ 8 पार्क साइट कालोनी, विक्रोली पश्चिम , मुंबई -400 079) ——————————————————————————————————————————————- मैत्रेयी पुष्पा नवंबर सन 44 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में जन्मी मैत्रेयी पुष्पा आज की महिला रचनाकारों में बहुचर्चित और प्रमुख नाम हैं। आपने बहुत संवेदनशीलता और बेबाकी के साथ महिला संघर्ष और शोषण पर लिखा है। आत्मदृष्टिः लेखनी मार्च-अप्रैल 2011( अंक 49-50 , वर्ष 5) ——————————————————————————————————————————————- मोहसिन खान स्मृति-शेष-  लेख- क्यों याद किया जाए (धर्मवीर भारती) – लेखनी-जून-2008- अंक-4-वर्ष-2)   ——————————————————————————————————————————————- यश मालवीय इलाहाबाद….      ( लेखनी-अँक 53-2011) ——————————————————————————————————————————————- योगेश्वर जन्मः 10 जनवरी 1934, जिला-शेखपुरा, गाँव-गडुआ। शिक्षाः हिन्दी विध्यापीठ, देवघर से साहित्यालंकार उत्तीर्ण करने के बाद युगेश्वर वाराणसी आ गये। यहाँ हाईस्कूल से पी.एच.डी तक की शिक्षा पूर्ण की। हिन्दी में एम.ए. उत्तीर्ण  होते ही काशी विध्यापीठ के हिन्दी विभाग में पाराध्यापन। 10 जनवरी 1994 को आचार्य पद से सेवा निवृत्त। कृतित्वः सन 49 से ही लिखते आ रहे हैं। कितना, कैसा-कैसा और कहाँ-कहाँ लिखा, गणना कठिन है। आवश्यक भी नहीं। कल्पना, चौखम्भा और जन में नियम से लिखा। राजनीति, शिक्षा, साहित्य, आध्यात्म, भाषाशास्त्र आदि लेखन के मुख्य विषय हैं। इनके उन्नीस सांस्कृतिक उपन्यास प्रकाशित और कई प्रकाशन क्रम में हैं। रामायण मेला और अंग्रेजी हटाओ से विशेष लगाव रहा है। मुख्य प्रेरणा और चिंता राष्ट्रता, समता और लोकतंत्र है। डॉ. युगेश्वर की अपनी शैली है। विचारों की तीव्रता, स्पष्टता और दिशा निर्देश के कारण आपका लेखन आकर्षित करता है। प्रकाशित ग्रन्थः भाषा शास्त्रः  1.मगही भाषा  2. हिन्दी कोश विज्ञान का उद्भव और विकास। समीक्षाः 3. तुलसीदास आज के संदर्भ में 4. तुलसी का प्रतिपक्ष 5. 111 मानस निबंध 6. भक्ति आज के संदर्भ में 7. सबके प्रेमचन्द 8. प्रसाद काव्य का नया मूल्यांकन 9. कबीर समग्र (दो भाग) 10. कबीर साहब 11. तुलसी काव्य की भूमिका 12. तुलसी के गयारह ग्रन्थ ( दो खंडों में) 13. गीता तीर्थ 14. रैदास समग्र। विचार प्रधानः 15. समाजवादः आचार्य नरेन्द्र देव, लोहिया, जयप्रकाश नारायण की दृष्टि में 16. आपादकाल का धूमकेतु राजनारायण 17. कामदेव 18. कामदेव का पत्र शिव के नाम। उपन्यासः 19. सीता एक जीवन 20. राम एक जीवन 21. भरत एक जीवन 22. हनुमान एक जीवन 23. रावण एक जीवन 24. संत साहेब 25. पर्वत पुत्री 26. पंचानन 27. दूसरा कृष्ण 28. पार्थ 29. दूसरा इंद्र 30. विदेह 31. भवानीनंदन श्री गणेश 32. कृष्णा 33. देववृत 34. महाभारत का शूद्र महामात्य 35. सुमित्रानन्दन 36. आल्हादिनी 37. दक्षिणेश्वर का परमहंस। पुराणः 37. सम्पूर्ण पुराण। लेख- वृंदावन जाऊंगी (लेखनी-अंक 6-अगस्त 2007) ——————————————————————————————————————————————-  योगेश नवीन राग-रंग (पर्यटन) भारत का राष्ट्रीय चिन्ह -अशोक स्तंभ, सारनाथ, वाराणसी।  ——————————————————————————————————————————————
रचना श्रीवास्तव जनमः ५ सेप्टेम्बर लख्ननऊ, भारत शिक्षाः स्नातक साइंस परास्नातकः हिन्दी लेखन प्रेरणाः स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय राम चरित्र पांडे एवं माँ विद्यावती पांडे कविताः सामायिक एवं सवेदंशील रेडियो संचालक १६०० ऍम, रेडियो कवियत्री २००४ से अब तक, रेडियो सलाम नमस्ते और फ़नएइसिया  पर कविता पाठ, मंच संचालन  मनोरंजन (फ्लोरिडा)संगीत रेडियो (हिउस्टन)पे कविता पाठ। बाल कहानीः 1.हलवा (लेखनी-अंक1-वर्ष 2-मार्च 2008) 2. मुझे मां के पास सोना है ( लेखनी-अंक-3-वर्ष-2-मई-2008) 3. मुझे फेयरी गॉड मदर नहीं बनना ( लेखनी-अंक-4-वर्ष-2-जून-2008) 4. खेलने की जगह   ( लेखनी -अक्तूबर-2009) —————————————————————————————————————————————— ·        डाँ. रजनीश कुमार शुक्ल, जन्म २५ नवम्बर १९६६, बुद्ध की निर्वाण भूमि कुशीनगर, शिक्षा, दर्शन शास्त्र में पी-एच्.डी उपाधि, संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में तुलनात्मक धर्मदर्शन विभाग के एसोसियेट प्रोफेसर, १० वर्षों तक भारत के सबसे प्राचीन तथा सर्वाधिक प्रसार वाली दार्शनिक शोध पत्रिका “दार्शनिक त्रैमासिक” का संपादन किया। तीन ग्रन्थ प्रकाशित, सौन्दर्यशास्त्र, संस्कृति दर्शन् एवं व्याख्या विज्ञान में अभिरुचि तीन दर्जन से अधिक शोध निबन्ध विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित है। हिन्दी संस्कृत एवं अंग्रेजी तीन भाषाओं में लेखन। आण्विक संकेत- rshuklavns@gmail.com —————————————————————————————————————————————————– रवि शर्मा डॉ . रवि शर्मा हिन्दी के एक्सपर्ट हैं। आपने एमए , एमफिल के अलावा डॉक्टरेट भी किया है। पिछले 12 साल से डॉ . शर्मा श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ा रहे हैं। आप हिन्दी डिपार्टमंट के अध्यक्ष भी हैं और हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और नव उन्नयन के उपाध्यक्ष भी। समय समय पर आपके आलेख साहित्य की जानी-मानी विमर्श पत्रिकाओं में छपते रहते हैं। मंथन साहित्य की संभावनाएँ-1 (वर्तमान उत्तरशती के संदर्भ में भावी पूर्व शती का साहित्य)  (लेखनी-अंक- 47-48- जनवरी-फरवरी 2011) साहित्य की संभावनाएँ-2 (वर्तमान उत्तरशती के संदर्भ में भावी पूर्व शती का साहित्य (लेखनी-अंक- 49-50- मार्च-अप्रैल 2011) ——————————————————————————————————————————————————    रवीन्द्र अग्निहोत्री सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार सेवानिवृत्त अध्यक्ष, राजभाषा विभाग, भारतीय स्टेट बैंक, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई पूर्व प्रोफ़ेसर एवं  सलाहकार, राष्ट्रीय बैंक प्रबंध संस्थान (NIBM) पुणे पी / 138 , एम आई जी, पल्लवपुरम – 2 , मेरठ 250 110 ) agnihotriravindra@yahoo.com 11 मई  1937  लखनऊ  में जन्म, पर बचपन जबलपुर में बीता जहाँ पिताजी  टी बी सेनिटोरियम  में चीफ मेडिकल आफिसर  थे ;    इंडस्ट्रियल  इंटर कालेज , लखनऊ ,  राजकीय इंटर कालेज, बरेली  और  स्त्रीशिक्षा  की प्रसिद्ध सावासी   संस्था  वनस्थली विद्यापीठ  ( जयपुर ) डीम्ड  विश्वविद्यालय   में अध्यापन  करने के पश्चात्  भारतीय स्टेट बैंक , केन्द्रीय  कार्यालय, मुंबई  में राजभाषा विभाग के अध्यक्ष  पद  से 1995 में सेवानिवृत्त  ; सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी  बैंक  में  सलाहकार ;    राष्ट्रीय बैंक प्रबंध संस्थान, पुणे में प्रोफ़ेसर – सलाहकार ; एस बी आई  ओ  ए   प्रबंध संस्थान , चेन्नई  में वरिष्ठ प्रोफ़ेसर ; अनेक विश्वविद्यालयों  एवं   बैंकिंग उद्योग   की विभिन्न संस्थाओं से सम्बद्ध ;  हिंदी – अंग्रेजी – संस्कृत  में  500 से अधिक लेख – समीक्षाएं,  10 शोध – लेख  एवं  40 से अधिक पुस्तकों के लेखक – अनुवादक ; कई  पुस्तकों पर अखिल भारतीय पुरस्कार ;   राष्ट्रपति  से सम्मानित ;  विद्या वाचस्पति , साहित्य शिरोमणि  जैसी मानद  उपाधियाँ /  पुरस्कार/ सम्मान ;   राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर   का   प्रतिष्ठित  लेखक सम्मान,   उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ,  लखनऊ  का   मदन मोहन मालवीय पुरस्कार,  एन सी ई  आर टी  की शोध  परियोजना  निदेशक  एवं   सर्वोत्तम शोध पुरस्कार ,  विश्वविद्यालय  अनुदान आयोग का अनुसन्धान अनुदान ,    अंतर -राष्ट्रीय कला एवं साहित्य  परिषद् का  राष्ट्रीय एकता  सम्मान । स्थायी पता    :   पी / 138 , एम् आई जी , पल्लवपुरम  फेज़ – 2 , मेरठ 250 110  (उ. प्र.) E-Mail I D        :     agnihotriravindra@yahoo.com   मंथन अपराधी कौन?  मैकाले या हम?  ( लेखनी-सितंबर-2010) चौपाल लार्ड मैकाले का तर्पण  ( लेखनी-अक्तूबर-2010) रूबरू भारत में  ( लेखनी-नवंबर-2010) मिस्टर से महात्मा तक ( लेखनी-अंक 56 -अक्तूबर 2011) परिचर्चा हमारी पहचान (लेखनी-अंक- 47- जनवरी-फरवरी 2011) परिदृश्य शब्द शक्ति की महिमा (लेखनी-जुलाई-2012) विमर्श 300 रामायणः कथ्य और तथ्य ( लेखनी- अक्तूबर-2012)  परिचर्चाः संविधान निर्माता  ( लेखनी-अप्रैल-2013) —————————————————————————————————————————————————– रघुवेन्द्र सिंह हन्टर से हालात तक (  लेखनी-अगस्त 2010) उधार का सिंदूर ( लेखनी-सितंबर-2010) चीन द्वारा भारत की घेराबंदी ( लेखनी नवंबर 2010) छात्र राजनीति (लेखनी-अंक- 47- जनवरी-फरवरी 2011) —————————————————————————————————————————————————–

1 Comment on लेखक समकालीन-1

  1. मेरी 52 वीं पुस्तक कच्चे चिट्ठे एवं अन्य लघुकथाएं का केंद्रीय विद्यापीठ के सभागार में विश्व हिंदी दिवस के दिन हुआ लोकार्पण। मुख्य अतिथि हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हौसला प्रसाद सिंह रहे।

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