रश्मी तरीका
कहानी समकालीन
ममता की सौगात ( लेखनी-नवंबर-2011)
विमर्श
नारी की असली पहचान का कायल है समाज ? ( लेखनी-अप्रैल-2012)
——————————————————————————————————————————————-
रश्मि बड़थ्वाल
संपर्क सूत्रः पताः 21, नील विहार, निकट सैक्टर 14 इन्दिरा नगर, लखनऊ 16
1. एक अच्छी सी कहानी (लेखनी-जुलाई-2010)
2. बहुत कुछ अनकहा ( लेखनी-अप्रैल-2013)
3. बेताल प्रश्नों के बीच ( लेखनी-अगस्त-2013)
हास्य-व्यंग्य
( लेखनी-सितंबर-2012)
——————————————————————————————————————————————-
राजेन्द्र उपाध्याय
संपर्क सूत्र-
62, ब-लॉ अपार्टमेंट्स
ए.जी.सी.आर एन्क्लेव
दिल्ली 110092
ललितः
हिन्दी साहित्य में होली ( लेखनी-मार्च- अंक 37-वर्ष 4)
——————————————————————————————————————————————-
रमेश दबे (मेलबार्न, आस्ट्रेलिया)
कहानी समकालीन
आकाश कुसुम ( लेखनी-मई-2011)
हास्य व्यंग्य-
समोसा (लेखनी-मई-2011)
परिचर्चा
खोज परायों में अपनों की ( लेखनी-जुलाई-2011)
——————————————————————————————————————————————-
राबिन शा पुष्प
आज के युग के बेहद संवेदनशील और तरल कथाकार।
संपर्क सूत्र- रवीन्द्रांगन, 2एल/45, महात्मा गांधी नगर,
बहादुरपुर हाउसिंग कालोनी, पो. लोहिया नगर, पटना। भारत।
कहानी-
अहसास का धागा-( लेखनी-अंक-12-फरवरी-2008)
——————————————————————————————————————————————-
ड़ॉ. रामदरश मिश्र
ड़ॉ. रामदरश मिश्र हिन्दी के जाने माने वरिष्ठ कवि, साहित्यकार और विचारक हैं।
संपर्कः आर-28, वाणी विहार, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059
मन्थन
लेख–दो प्राणियों को तन मन से जोड़ता है विवाह (लेखनी-सितंबर-2008-अंक-4-वर्ष-2 )
——————————————————————————————————————————————-
रामनिवास मानव
संपर्क सूत्र–
लघुकथाएँ
अनलौटे राम ( लेखनी अँक-2-वर्ष 2 अप्रैल 2008.)
टॉलरेंस ( लेखनी अँक-2-वर्ष 2 अप्रैल 2008.)
मुक्ति ( लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008)
खिलौने (लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. रामचन्द्र राय
बंगाल के लोकगीतः बाउल और भटियाली (लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008)
बंगाल के लोक नाट्यः यात्रा (लेखनी अंक 10, वर्ष 2 दिसंबर 2008)
हिन्दी और रविन्द्रनाथ टैगोर ( लेखनी अँक 41, वर्ष चार जुलाई 2010)
युगचेता ठक्कन,बैद्यनाथ मिश्र वैदेह, यात्री से नागार्जुन ( लेखनी-जनवरी-2012)
——————————————————————————————————————————————-
रामेश्वर कम्बोज हिमांशु
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
जन्म : 19 मार्च 1949, बेहट जिला सहारनपुर, भारत में
शिक्षा : एम.ए., बी.एड.
संप्रति : प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय हज़रतपुर, फ़ोरोज़ाबाद (उ.प्र.)
प्रकाशन : कविता संग्रह: माटी, पानी और हवा, अंजुरी भर आसीस, कुकड़ कूँ, हुआ सवेरा
लघु उपन्यास: धरती के आँसू, दीपा, दूसरा सवेरा
लघुकथा संग्रह: असभ्य नगर
अनेक संकलनों में लघुकथाएँ संकलित तथा गुजराती, पंजाबी, उर्दू एवं नेपाली में अनूदित।
सम्पर्क rd_kamboj@yahoo.com
ब्लॉग : सहज साहित्य
परिचर्चा
कभी बच्चों का चेहरा पढ़ें ,मन पढें ! ( लेखनी-सितंबर-2010)
लघुकथा
एजेंडा ( लेखनी-जनवरी-2014)
——————————————————————————————————————————————-
रेणु ‘राजवंशी’ गुप्ता(यू.एस.ए.)
20 अक्टूबर, 1957 को कोटा, राजस्थान में जन्मी रेणु ‘राजवंशी’ गुप्ता ने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. और संस्कृत में बी.ए. औनर्स की शिक्षा प्राप्त की है। यू.एस.ए. में कई वर्ष कम्प्यूटर-साइंस का अद्यापन करने के पश्चात आप आजकल निजी व्यवसाय और साहित्य में व्यस्त हैं। जहां व्यवसाय उनके बाह्य जीवन को चलाए रखता है, वहीं साहित्य, लेखन और स्वाध्याय अंतःजीवन कोगतिशील रखता है। भटकन, उद्विगनता, व्याकुलता और जीवन-मूल्य की खोज को वह अपनी शक्ति मानती हैं। उनकी धारणा है कि मैं जीवन में सदैव गतिमान रहूं, पत बनाऊं और लक्ष खोजूं।
कृतियां-प्रवासी स्वर (काव्य)
कौन कितना निकट(कहानियां)
जीवन लीला (कहानियां)
पिया वही जो दुल्हन मन भाए (लेखनी अंक-6-अगस्त-2007)
——————————————————————————————————————————————-
रेणु सहाय
कहानी समकालीन
जाल साजी ( लेखनी-दिसंबर-2013)
नमक के लिए ( लेखनी-जनवरी-2014)
——————————————————————————————————————————————–
रूपसिंह चन्देल
कानपुर जनपद के गॉंव नौगवॉं (गौतम ) में १२ मार्च , १९५१ को जन्मे कथाकार रूपसिंह चन्देल के अब तक छ: उपन्यास , दस कहानी संग्रह , तीन किशोर उपन्यास , लघुकहानी संग्रह , यात्रा संस्मरण , दस बाल कहानी संग्रह सहित सैंतीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं , जिनमें ‘रमला बहू’ , ‘पाथरटीला’ ‘नटसार’ और ‘ शहर गवाह है’ (उपन्यास), ‘हारा हुआ आदमी’ , ‘आदमखोर तथा अन्य कहानियॉं ‘ ‘जीनियस’ तथा ‘चौपालें चुप हैं ‘ (कहानी संग्रह ) और ‘ऐसे थे शिवाजी’ तथा ‘क्रान्तिदूत अजीमुल्ला खॉं’ (किशोर उपन्यास) बहु-चर्चित रहे हैं । कुछ रचनाओं के अंग्रेजी , बांग्ला , गुजराती तथा पंजाबी भाशाओं में अनुवाद ।
‘प्रकारातंर’ (लघुकहानी संकलन) तथा ‘बीसवीं शताब्दी की उत्कृश्ट आंचलिक कहानियॉं ‘ (दो खण्ड) का सम्पादन ।
विश्व के महान साहित्यकार लियो तोल्स्तॉय के अंतिम , अप्रतिम और अब तक हिन्दी में अप्रकाशित उपन्यास ‘ हाजी मुराद ‘ का अनुवाद तथा ‘ दॉस्तोएव्सकी के प्रेमपत्र’ प्रकाशित।
संपर्क – बी-३/२३० , सादतपुर विस्तार ,
दिल्ली -११० ०९४
मोबाइल नं० – ०९८१०८३०९५७
स्मृति-शेष
दॉस्तोएव्स्की के प्रेम-पत्र ( लेखनी अँक-2-वर्ष 2 अप्रैल 2008.)
जवाहर चौधरी ( लेखनी-नवंबर-2012)
संस्मरण
1. लियो तौल्सताय का अंतरंग संसार ( लेखनी-दिसंबर-2009)
2. सपने में पिता ( लेखनी-दिसंबर 2010)
3. नन्हे काका ( लेखनी-दिसंबर-2013)
कहानी
1. यह तो वही है– (लेखनी-जुलाई-2009)
2. वो चेहरा ( लेखनी-जून-2010)
3. सब बकवास ( लेखनी-मई-2011)
4. उनकी वापसी ( लेखनी-अक्तूबर-2012)
दो लघु कथाएँ
1. गरीब बौद्धिक ( लेखनी-अप्रैल-2013)
2. हकीकत ( लेखनी-अप्रैल-2013)
——————————————————————————————————————————————-
रोहिताश्व अस्थाना
संपर्क सूत्र- निकट बावन चुंगी, हरदोई, 121-008 (उ.प्र.)
मंथन
बाल कविताः दशा और दिशा (लेखनी-जनवरी-2010)
——————————————————————————————————————————————-
लक्ष्मण सहाय –
संपर्क सूत्र-लक्ष्मीगंज, लश्कर, ग्वालियर, (म.प्र.)
लेख- आज का भारतीय-युवाः दशा और दिशा (लेखनी-अंक-4-वर्ष-2-जून-2008)
——————————————————————————————————————————————-
लावण्या शाह
मेरा परिचय : मै लावण्या, बम्बई महानगर मे पली बडी हुई – शोर शराबे से दूर, एक आश्रम जैसे पवित्र घर मे , मेरे पापाजी, स्वर्गीय पँ. नरेन्द्र शर्मा व श्रीमती सुशीला शर्मा की छत्रछाया मे , पल कर बडा होने का सौभाग्य मिला. मेरे पापाजी एक बुध्धिजीवी, कवि और दार्शिनिक रहे.
मेरी अम्मा , हलदनकर ईनस्टिटयूट मे ४ साल चित्रकला सीखती रही.
१९४७ मे उनका ब्याह हुआ और उन्होने बम्बई मे घर बसा लिया .
मेरा जन्म १९५० नवम्बर की २२ तारीख को हुआ.
मेरे पति दीपक और मै, एक ही स्कूल मे पहली कक्षा से, साथ साथ पढे है.
मैने समाज शात्र और मनोविज्ञान मे, बी.ए. ओनर्स किया.
२३ वर्ष की आयु मे , १९७४ मे ,शादी कर के हम दोनो लॉस ~ ऍजिलीस शहर मे , केलीफोर्नीया , यु. स. ए. ३ साल , १९७४,७५,७६ , तक रुके जहा वे ऐम.बी.ए. कर रहे थे.
उस के बाद हम फिर बम्बई लौट आये. परिवार के पास —
और पुत्री सिदुर का जन्म हुआ. ५ वर्ष बाद पुत्र सोपान भी आ गये.
१९८९ की ११ फरवरी के दिन, पापाजी , सुप्रसिध्ध “महाभारत” सीरीयल को और हम सब को छोड कर चले गये.
घटना चक्र ऐसे घूमे, के हम फिर अमरिका आ गये. अब सीनसीनाटी , ओहायो मे हूँ .
पुत्री सिदुर का ब्याह हो चुका है और मै नानी बन गयी.हूँ पुत्र सोपान , कार्यरत है. गत साल उसका ब्याह हुआ –
जीवन के हर ऊतार चढाव के साथ कविता , मेरी आराध्या , मेरी मित्र , मेरी हमदर्द रही है.
विश्व ~ जाल के जरिये, कविता पढना , लिखना और इन से जुडे माध्यमो द्वारा , भारत और अमरीका के बीच की भौगोलिक दूरी को कम कर पायी हूँ .
स्व ~ केन्द्रीत , आत्मानुभुतीयो ने , हर बार , समस्त विश्व को , अपना – सा पाया है.
पापाजी पँ. नरेन्द्र शर्मा की कुछ काव्य पँक्तिया दीप ~ शिखा सी , पथ प्रदर्शित करती हुई , याद आ रही है.
” धरित्री पुत्री तुम्हारी, हे अमित आलोक
जन्मदा मेरी वही है स्व्रर्ण गर्भा कोख !”
और
” आधा सोया , आधा जागा देख रहा था सपना,
भावी के विराट दर्पण मे देखा भारत अपना !
गाँधी जिसका ज्योति ~ बीज, उस विश्व वृक़्श की छाया
सितादर्ष लोहित यथार्थ यह नही सुरासुर माया !”
अस्तु विश्व बन्धुत्व की भावना , सर्व मँगल भावना ह्र्दय मे समेटे , जीवन के मेले मे हर्ष और उल्लास की द्रिष्टी लिये , अभी जो अनुभव कर रही हूँ , उसे मेरी कविताओ के जरिये , माँ सरस्वती का प्रसाद समझ कर , मेरे सहभागी मानव समुदाय के साथ बाँट रही हूँ .
पापाजी की लोकप्रिय पुस्तक ” प्रवासी के गीत ” को मेरी श्राधाँजली देती , हुई मेरी प्रथम काव्य पुस्तक ” फिर गा उठा प्रवासी ” प्रकाशित हो गयी है .
स्वराँजलि पर मेरे रेडियो वार्तालाप स्वर साम्राज्ञी सुश्री लता मँगेषकर पर व पापाजी पर प्रसारित हुए है.
मैंने ,” महाभारत” सीरीयल के लिये १६ दोहे पापाजी के जाने के बाद लिखे थे !
एक नारी ह्रदय से उत्पन्न , सँवेदना , हर कृति के साथ सँलग्न है. विश्व के प्रति देश के प्रति , परिवार और समाज के प्रति वात्सल्य भाव है. भविष्य के प्रति अटल श्रध्धावान हूँ .
और आज अपनी रचना , आप के सामने प्रस्तुत कर रही हूँ आशा है मेरी त्रुटियोको आप उदार ह्रदय से क्षमा कर देँगे —
विनीत,लावण्या
कहानी दो भागों में-जिन्दगी ख्वाब है- (लेखनी-मार्च- अप्रैल 2008)
शहरनाम-लास एंजलेस ( लेखनी-जुलाई-2011)
——————————————————————————————————————————————-
लेखराम चिले ऩिःशंक
हास्य-व्यंग्य-
मन की अटक जहाँ, रूप को विचार कहाँ? (लेखनी-अँक12-फरवरी 2008)
——————————————————————————————————————————————-
वाल्मीकि प्रसाद सिंह
मन्थन
लेख –भारत का नव निर्माण ( लेखनी-अगस्त-2009)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. विमला उपाध्याय
लेखः साहित्य में पर्यावरण की महत्ता (लेखनी अंक 4, जून-2007)
——————————————————————————————————————————————-
विजय कुमार दुबे
मंथन
जागो, जागो, वसंत आ गया ( लेखनी-अंक 24- फरवरी-2009)
संपर्क सूत्रः
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. विजय कुमार शिंदे
चौपाल
अंतर्प्रेरणा और अभिव्यक्ति (लेखनी-जून-2013)
विचार
बादल के बहाने बारत का वर्तमान और भविष्य ( लेखनी-अगस्त-2013)
———————————————————————————————————————————————————–
विजेन्द्र शर्मा
जन्म —– 15 अगस्त 1972 हनुमान गढ़ ( राजस्थान)
शिक्षा —- बी टेक (विद्युत् ) एम् बी ए ( मानव संसाधन )
सम्प्रति — सीमा सुरक्षा बल में सहायक कमांडेंट ( विद्युत् ) के पद पे बीकानेर में कार्यरत । विभिन्न अखबारों के लिए आलेख , शायरी पे तनक़ीद एवं दोहा लेखन
ई मेल —-vijendra.vijen@gmail.com
रूबरुः
एक सख्शियतः आलम खुर्शीद ( लेखनी-जून-2012)
एक सख्शियतः मुनव्वर राना (लेखनी-जुलाई-2012)
एक शख्शियतः अखिलेश तिवारी ( लेखनी-अगस्त-2012)
ग़ज़ल इस्मत बचाए फिर रही है (लेखनी-जून-2013)
चौपाल
उफ ये झूठी वाहवाह (लेखनी-जुलाई-2012)
कौन जाएगा (लेखनी-अप्रैल-2013)
कविता करे गुहार (लेखनी-जुलाई-2013)
परिचर्चा
आओ फिर खत लिखें ( लेखनी-सितंबर-2012)
बच्चे जब ग़ज़ल में आ गए ( लेखनी-अक्तूबर-2012)
विवादों की जन्मस्थली-जयपुर लिटररी फेस्टिवल ( लेखनी-मार्च-2013)
समीक्षाः
-मुजाहिरनामा- कवि मुनव्वरराना ( लेखनी-सितंबर-2012)
शहद सा अहसास है शहदाबा ( लेखनी-मार्च-2013)
वो तीन दिन (लेखनी-अप्रैल-2013)
आकलन
खाकी में इंसान (लेखनी-अप्रैल-2013)
माँ कहती थी ( लेखनी-मई-2013)
सरोकार
हम भी हुए शहीद हैं , हम पर भी हो ग़ौर ………( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. विजय शिंदे
परिचर्चा
कस्तूरी कुंडल बसे, मग ढूँढे बन मांहि ( लेखनी-जुलाई-2013)
अनुवादः मराठी कहानी-अण्णा मुझे जीना हैः भीमराव बाघचौरे ( लेखनी-अक्तूबर-2013)
———————————————————————————————————————————————-
विपिन चौधरी
जन्म : 2 अप्रैल 1976, खरकडी, जिला भिवानी।
शिक्षा : बी. एससी (जंतुविज्ञान), एम.ए. (लोक-प्रकाशन), मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट।
प्रकाशित कृतियाँ : कादंबिनी, कथादेश, समरलोक, नवोदित स्वर, ग्राम-परिवेश, हलंत, जतन, शीराजा, अद्धर-खबर, संचेतना, दैनिक जागरण (पुर्ननवा), अन्यथा, दैनिक ट्रिब्यून आदि पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। परिकथा में पहली कहानी प्रकाशित। रूरल-इंडिया, प्रौढ़-शिक्षा, इतिहास बोध, पेन में लेख प्रकाशित।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन।
रुचियाँ : कला के सभी पक्ष, अध्यात्म, राजनीति, स्थापत्य, लोक-संस्कृति, दर्शनशास्त्र में गहरी रुचि।
ई मेल : vipin_c_2002@yahoo.com
कहानी समकालीन
मार्गरेट तुम कहां हो? ( लेखनी-अंक 52- जून 2011)
——————————————————————————————————————————————
विनोद साव
मुक्तनगर, दुर्ग 491001
मो. 9907196626
कहानी समकालीन
औरत की जात ( लेखनी-अंक 26- अप्रैल2009)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
हिन्दी के मूर्धन्य विद्वान, उच्चकोटि के सृजनधर्मी व प्रखर वक्ता डॉ. तिवारी का जन्म सन 1940 को भेड़ीहारी ( रायपुर भैंसही) जिला कुशीनगर उत्तर प्रदेश में हुआ। विश्वस्तर पर हिन्दी का प्रभावपूर्ण प्रचार करने में सतत रत् डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी एक कवि, समीक्षक तथा भाषाविद् के रूप में हिन्दी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखते हैं। समीक्षा के पैने औजारों का भी उन्होंने काव्यात्मक लालित्य के साथ प्रयोग किया है। डॉ. तिवारी द्वारा सम्पादित ‘ दस्तावेज ‘ पत्रिका हिन्दी साहित्य की गतिविधियों का मानो जीवंत ‘ दस्तावेज ‘ है।
प्रमुख कृतियां- छायावादोत्तर हिन्दी गद्य साहित्य, नए साहित्य का तर्क शास्त्र, आधुनिक हिन्दी कविता, समकालीन हिन्दी कविता, रचना के सरोकार, चीजों को देखकर, बेड़ियों के विरुद्ध, शब्द और शताब्दी, आत्म की धरती, आम की धरती, एक नाव के यात्री आदि।
मन्थन
लेख-कवि का आत्मसंघर्ष- (लेखनी- जून-2009)
——————————————————————————————————————————————-
विष्णु प्रभाकर
लघुकथा ( लेखनी-दिसंबर-2011)
——————————————————————————————————————————————-
वीना विज़ उदित
लाहौर में जन्मी वीना मैनी ने , प्रारम्भिक शिक्षा कटनी मध्यप्रदेश में व स्नाकोत्तर शिक्षा जबलपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त की।एम् एड में विश्व विद्यालीय स्वर्ण -पदक प्राप्त किया। प्रारम्भ से ही भरत – नाट्यम नृत्य व नाटकों में गहन अभिरुचि होने से ढेरों ईनाम जीते।नैशनल कैडेट कोर में सीनियर मोस्ट अंडर आफीसर बनीं व मध्य प्रदेश को आल इंडिया में रीप्रसेंट किया।वहाँ बेस्ट कैडेट का खिताब जीता। विवाहोपरांत वीना विज बनी,व १९८३ से दूरदर्शन व आकाशवाणी जालंधर से जुड़ गईँ। कटनी में बाड्सले स्कूल एवं जालंधर में एपीजे स्कूल में भी कुछ समय के लिए अध्यापन कार्य किया।सन् २००० तक ढेरों नाटकों टेली – फिल्मों, धारावाहिकों व कई पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। स्टार-प्लस व लिश्कारा चैनलों पर भी स्टार बेस्ट सैलर और ५२ किश्तों का धारावाहिक ‘वापसी’ किया। यूं एस में अब वर्ष का आधा समय रहने के कारण सब छोड़ना पडा। साहित्य की सेवा- स्वरूप कालेज के समय से ही कालेज- पत्रिका व समाचार- पत्रों में कवितायेँ लिखतीं रहीं। रंगमंच आकाशवाणी व दूरदर्शन के साथ- साथ लेखन – कार्य भी चलता रहा। पंजाबी संस्कृति को सीखने का मौका मिलता रहा। आकाशवाणी जालंधर से अपनी आवाज में कविता- पाठ भी कई बार किया। सन् २००३ में ह्यूस्टन टेक्सास (यूं एस) में कवि-सम्मेलन में वाहा-वाही मिली।· · समय-सुरभि (बिहार) ·कादम्बनी, डैमोक्रेटिक वर्ल्ड एवं पंजाब केसरी (पंजाब ) ।· जगमग दीप ज्योति (राज स्थान)
कहानी-समकालीन
सम्मोहन– (लेखनी जून-2009 , अँक 28)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ.वीरेन्द्र सिंह यादव
जन्मः 01.01.1973 ,ग्राम पुरैनी कानपुर देहात
शिक्षा: एम0ए0 (इतिहास, हिन्दी), डी0फिल्0 इलाहाबाद वि”वविद्यालय, इलाहाबाद।
डी.लिटः(जारी), हिन्दी बुन्देलखण्ड वि”वविद्यालय, झांसी
डिप्लोमा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
विभिन्न रा’ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में 250 से अधिक लेख, आलेख, शोध आलेख, कविता, कहानी तथा गजलों का अनवरत प्रकाशन
राष्ट्र भाषा हिन्दी : विचार, नीतियां और सुझाव
हिन्दी कथा साहित्य में पारिवारिक विघटन
हिन्दी उपन्यास में बदलते स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की पड़ताल
मोहन राकेश की रचनाओं में पारिवारिक संम्बन्धों की त्रासदी
दलित विमर्श परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य
स्त्री विमर्श का साहित्यिक परिप्रेक्ष्य
मुस्लिम समुदाय की शिक्षा में दशा एवं दिशा
पर्यावरण : वर्तमान और भविष्य
दलित विमर्श के विविध आयाम
समकालीन परिवेश : मुद्दे, विकल्प और सुझाव
दलित विमर्श दशा एवं दिशा (प्रे0)
प्रतिशोध- उपन्यास (प्रे0)
दलित चिंतन परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य (यू0 जी0 सी0- 2006-2008)
स्त्री विमर्श परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य एक अध्ययन (यू0 जी0 सी0 2008-2010)
नई आर्थिक नीति एवं दलितों के समक्ष चुनौतियाँ (भारतीय उच्च शिक्षा अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास शिमला 2008-2011)
– साहित्य कला, संस्कृति, आयुर्वेद, मानविकी एवं समाज विज्ञान की अर्द्धवार्षिक अन्तराष्ट्रीय शोध पत्रिका।
दलित चिंतन परम्परा की प्रासंगिकता एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य
राष्ट्र भाषा महासंघ, मुम्बई द्वारा विश्व भाषा के रूप में हिन्दी विषयक लेख पर विशेष पुरस्कार से सम्मानित
राजमहल चौक, वर्धा, छत्तीसगढ़ से हिन्दी भाषा, हिन्दी साहित्य एवं समग्र सृजन हेतु स्व0 श्री हरि ठाकुर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित।
बाबा साहब डा. अम्बेडकर फेलोशिप सम्मान- 2006, साहित्य वारिधि मानदोपाधि एवं निराला सम्मान 2008
वरिष्ठ प्राध्यापक-हिन्दी-दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय उरई-जालौन।
1760, नया राम नगर, उरई (जालौन)-285001 उ0प्र0 भारत
E.Mail virendra_kritika@rediffmail.com/kritika_orai@rediffmail.com
dr.virendrayadav@gmail.com
परिचर्चाः
लघुकथा की प्रासंगिकता और उपादेयता – (लेखनी-जनवरी-2009)
साहित्य में नारी (लेखनी-अप्रैल-2009)
वर्तमान परिपेक्ष्य में बलात्कारों में वृद्धि के कारण एवम समाधान ( लेखनी- फरवरी-2010)
महादेवी वर्मा ( लेखनी-अप्रैल-20110)
युगपुरुष भीमराव अम्बेदकर ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2011)
मंथन
रंगों का पर्व होली : कला के विविध आयाम ( लेखनी-मार्च-2010)
वेदों में वृक्ष संस्कृति ( पर्यावरण) की अवधारणा ( लेखनी- मई-2010)
रघुवीर दयाल तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कहानियों में अभिव्यंजना शिल्प ( लेखनी मई-2011)
व्यंग्यः
नये वर्ष की एक शाम का आमंत्रण ( लेखनी-मार्च-2008)
——————————————————————————————————————————————-
वेद प्रताप वैदिक
स्थायी पता : ए-19 प्रेस एन्क्लेव नई दिल्ली-17-फोन-2686-7700] 2651&7295] मो.-98&9171&1947
कार्यालय : 13 बाराखंभा रोड, नई दिल्ली – 110001
मुद्दाः
बुर्के से क्यों डरता है फ्रांस (लेखनी-जुलाई-2009)
चौपालः
1. जिन्ना तो बस एक गोटी है ( लेखनी-सितंबर-2009)
2. चीन को दें करारा जवाब ( लेखनी-नवंबर-2009)
3. चीन अमेरिका की मजबूरी पर भारत जरूरी (लेखनी-दिसंबर-2009)
4. एक और हजार का फर्क ( लेखनी-जनवरी-2010)
5. अनिवार्य मतदान है लोकशक्ति का शंखनाद ( लेखनी-फरवरी-2010)
6. यह लोहिया की सदी हो ( लेखनी-अप्रैल-2010)
7. कितने भोपाल ( लेखनी-दिसंबर-2010)
8. भारतीय गणतंत्र…(लेखनी-अंक- 47- जनवरी-फरवरी 2011)
9. जनता से मुठभेड़ ठीक नहीं ( लेखनी-अगस्त-2011)
10. संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिन्दी का हक (लेखनी-अक्तूबर-2011)
11. पाकिस्तानी किताबों का सच ( लेखनी-दिसंबर-2011)
12. भगवदगीता से दादागीरी क्यों ? ( लेखनी-जनवरी-2012)
13. दस गुणा दौड़े, काहे के लिए? ( लेखनी-अप्रैल-2012)
14. सिर्फ पोल खोलना काफी नहीं ( लेखनी-नवंबर-2012)
सरोकार
1. जनगणना से जात हटाओ ( लेखनी-जून-2010)
2. बात सिर्फ शराब की नहीं ( लेखनी- नवंबर-2010)
3. अनशन के बाद क्या ( लेखनी-सितंबर-2011)
स्मृति शेष
इंदिरा ने बनाया भारत को महाशक्ति ( लेखनी-नवंबर-2010)
रपट
ओसामा के बाद की राजनीति ( लेखनी-मई-2011)
कबिरा खड़ा बाजार में ( वीथिका) सामाजिक व राजनीतिक टिप्पड़ियाँ
——————————————————————————————————————————————-
वेद मित्र
जन्म: 5 अगस्त, 1938, लुधियाना (पंजाब) में
पता: 356 Vale Road, Ash Vale, Surrey GU12 5LW
सम्पर्क: email: vedmohla@yayoo.com Tel. +44(0)1252312509
व्यवसाय: सेवानिवृत सिविल एंजीनियर
हिन्दी सेवा: जीवन प्रणाली
अपना अधिकांश अतिरिक्त समय़ हिन्दी के प्रचार-प्रसार में लगाता हूँ। 1980 से लण्डन में हिन्दी पढ़ाता रहा हूँ। मेरे सैंकड़ों विद्यार्थी O लैवल तथा A लैवल हिन्दी परीक्षाओं में उच्च स्तर प्राप्त करते रहे हैं।
प्रकाशित रचनाएंसमूची हिन्दी शिक्षा (4 भागों में) -1992
विदेशियों और भारतवंशियों को हिन्दी सिखाने का पूरा पाठ्यक्रम। पुस्तक के तीन संस्करण छप चुके हैं; 40 से भी अधिक देशों में हिन्दी शिक्षण के लिए प्रयोग की जा रही है।
संसार के अनोखे पुल – 1970
संसार के पुलों के निर्माण और विकास की कहानी।
विज्ञान के झरोखे से- 1968
बच्चों के आसपास की दुनिया के पीछे विज्ञान के साधारण नियमों को समझाने वाले लेखों का संग्रह; भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत।
खेत-खेत को पानी – 1968
लघु सिंचाई योजनाओं पर जल व्यवस्था के लिए व्यवहारिक गुरों की पुस्तक; भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा बुनियादी शिक्षा साहित्य पुरस्कार प्राप्तकर्ता।
दूरबीन की कहानी – 1967
दीरबीन के विकास की वैज्ञानिक, रोचक कथा बच्चों के लिए; भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत।
इस माटी के लाल -1967
बच्चों के लिए राष्ट्रनिर्माताओं की जीवन झलकियां।धरती की दौलत – 1966
भूगर्भ विज्ञान पर हिन्दी में पहली पुस्तक; भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत।
8.आई जी सी एस ई हिन्दी – 2010।
अन्तर्राष्टीय स्तर पर हिन्दी भाषा की सैकेण्डरी स्कूल परीक्षा के लिए संभवतः एक मात्र सम्पूर्ण पुस्तक।
Children’s Literature in Twenty First Century
जयप्रकाश भारती की प्रसिद्ध पुस्तक ‘इक्कीसवीं सदी में बाल साहित्य’ का अंगरेजी भाषा में अनुवाद
प्रकाशनाधीन
1. बुलबुले
बाल-कथा संग्रह
अन्य लेखन
हिन्दी को लोकप्रिय बनाने और उसकी समस्याओं की ओर पाठकों का ध्यान दिलाने के प्रयत्नों के रूप में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित होते रहते हैं।
हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता
हिन्दी समिति के तत्वाधान में यह अंतर्राष्टीय प्रतियोगितता वर्ष 2000 से चल रही है। चुने हुए 10-12 प्रति वर्ष भारत भेजे जाते हैं। प्रतियोगिता के संयोजन का कार्यभार।
पुरस्कार / सम्मान आदि
1. ब्रिटेन की महारानी ने 2007 में शिक्षा के क्षेत्र में दी सेवाओं के लिए एम. बी.ई. से विभूषित किया।
2. 2008 में भारतीय उच्चायोग, लण्डन ने जाँन गिलक्रिस्ट हिन्दी सम्मान प्रदान किया।
3. 2008 में यू के हिन्दी समिति ने हिन्दी सेवा सम्मान से अलंकृत किया।
4. 2003 में कृति यू के ने हिन्दी शिक्षक सम्मान द्वारा अलंकृत किया।
5. 1999 में छठे विश्व हिन्दी सम्मेलन में यूरोप में हिन्दी भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार में बहुमूल्य योगदान के लिए प्रशस्ति।
6. साउथ-टेम्स कालेज, लण्डन में हिन्दी अध्यापक।
मुद्दा
हिन्दी पकवान में कितनी अँग्रेजी ( लेखनी-सितंबर-2010)
कहानी
वह कोई स्वप्न नहीं था ( लेखनी-अगस्त-2012)
—————————————————————————————————————————————————
वंशीधर त्रिपाठी
लेखः समुद्र के किनारे (लेखनी अंक 7, सितंबर-2007)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ .श्रीकृष्ण मित्तल B.com (Hons) LLM,PHD
सदस्य: इनचार्ज:कर्णाटक केरल संभागीय
समितिभारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड(२००७)
वन तथा पर्यावरण मंत्रालय , भारत सरकार
सदस्य : केरल राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड केरल सरकार
उपाध्यक्ष: प्राणी दया संघ मैसूर (अस पी सी ऐ)
अध्यक्ष :अखिल कर्णाटक गौरक्षा संघ (प)
दृष्टिकोण
गौशाला-गाय-गाँव -स्वालम्बन (लेखनी-अक्तूबर-वर्ष 2- 2008)
——————————————————————————————————————————————-
श्री राम परिहार
मंथन –
शब्द वृक्ष ( लेखनी-अप्रैल-2008)
—————————————————————————————————————————————————
वेद पुराणों की कहानियाँ
सूर्य का जन्म ( लेखनी-मई-2013)
———————————————————————————————————————————————————
श्रुति मिश्रा
मंथन
कन्या एक देवी ( लेखनी-अक्तूबर-2012)
——————————————————————————————————————————————————
डॉ. शकुन्तला यादव
विचार- ( लेखनी-अक्तूबर-2010)
तीज त्योहार
राखी ( लेखनी-अगस्त-2013)
—————————————————————————————————————————————–
शमशेर अहमद खान (भारत)
ऍम.ऐ. हिन्दी साहित्य ,इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद,” बस्ती जिले की भाषा का समाज भाषा वैजानिक अध्ययन”.पत्र-पत्रिकाओं में लेखन -धर्मयुग,साप्ताहिकहिन्दुस्तान,कादम्बिनी,स्वागत,नंदन,जनसत्ता,दै. हिन्दुस्तान, बालभारती, लोटपोट, चंदामामा, सहारा समय,उत्तर प्रदेश,भाषा,सरिता,नूतन सवेरा,सुमन सौरभ,मनोरमा वार्षिकी,आदि पत्र-पत्रिकाओं में दस हजार से अधिक लेख, फोटोफीचर, कहानियाँ, समीक्षाएं आदि प्रकाशित तथा आकाश वाणी से प्रसारित दूरदर्शन से कई ज्वलंत विषयों पर लाइव टेलीकास्ट .
पुस्तक -लेखन—बाल्सेना का चमत्कार पापा का उपहार {बाल उपन्यास},गाजियाबाद से जम्मू तवी, शिमला से बदरीनाथ (यात्रा-व्रतांत),गोलू की सूझ (बाल कहानी संग्रह),पर्यावरण एवं पक्षी,पर्यावरण क्विज़,गौतम बुद्ध प्रश्नोतरी,कारगिल के शहीद,भारत रत्न डा.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम,हिन्दी के मूर्धन्य बालसाहित्यकार,सुनामी का कहर,.
संपादन–बयालीस बाल कथाएँ (भाग१ व् २),समकालीन साहित्यिक परिद्रश्य देश सदा आबाद रहे .
सम्मान एवं पुरस्कार —भारतीय बाल कल्याण संस्थान ,कानपुर ,ए. डब्लू.आई.सी. नई दिल्ली द्वारा उत्क्रष्ट बाल साहित्य लेखन हेतु सम्मानित तथा पर्यावरण मंत्रालय ,भारत सरकार द्वारा “पर्यावरण क्विज़ ” , भारत रत्न डा. ए.पी. जे. अब्दुला कलाम पुस्तक को डा. रत्न लाल शर्मा स्मृति न्यास द्वारा सम्मानित.
पुरातात्विक यात्रा —–बुद्ध स्थलों -लुम्बिनी से कुशी नगर की पुरातात्विक यात्रा..
सम्प्रति–भारत सरकार, ग्रह मंत्रालय ,राज भाषा विभाग नई दिल्ली में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत.
बाल कहानीः
चांद पर प्लाट ले लो– (लेखनी-जून-2009)
नन्हा असलम और कुदरती जीव ( लेखनी-जुलाई-2009)
भोली भाली गिल्लू ( लेखनी-नवंबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
शमोएल अहमद
जन्मः 4 मई 1950
भागलपुर बिहार में जन्मे शमोएल अहमद सिविल इन्जीनियरिंग में स्नातक हैं। पव्लिक हेल्थ इन्जीनियरिंग विभाग बिहार से सेवा निवृत्त वे सम्प्रति स्वतंत्र लेखन में व्यस्त हैं। आप हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में समान अधिकार से लिखते हैं। आपकी कहानियों का कई भाषाओं में अनुवाद व कुछ का फिल्मांकन( सिंगारदान, आंगन का पेड़, कागजी पैरहन) दूरदर्शन के लिए व प्रसारण भी हुआ है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण लिए हुए आपकी कहानियाँ धारदार हैं व मानव मन की गुत्थियों पर केन्द्रित हैं।अधिकांशतः रचनाओं का ताना-बाना स्त्री-पुरुषों के पारस्परिक संबंधों से जनमता है।
कहानी
बर्फ में आग ( लेखनी -अप्रैल-2010)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. शशि तिवारी
चौपालः
गुनाहों का देवता (लेखनी मार्च-अप्रैल 2011)
——————————————————————————————————————————————-
–श्याम सखा श्याम
हास्य व्यंग्य
चुनाव और चम्पा ( लेखनी-नवंबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
शिव के. कुमार ( हैदराबाद, भारत)
संपर्क सूत्रः
एफ-2 काकतिया नगर, हब्सीगुडा, हैदराबाद-500007
कहानीः किराएदार (लेखनी-अँक 25-मार्च-2009)
——————————————————————————————————————————————-
डॉ. शिवकुमार मिश्र
नारी अस्मिता के संघर्ष का इतिहासः अतीत से आज तक की यात्रा में‘ ( लेखनी – अंक 27-मई 2009)
——————————————————————————————————————————————-
शिव प्रसाद मिश्र रुद्र
बनारस के जाने माने और सम्मानित लेखक स्व. श्री शिव प्रसाद रुद्र जी यशस्वी संकलन ‘ बहती गंगा ‘ जैसे अनूठे संकलन के रचनाकार हैं । आपका नाट्य शैली में भी सुखद हस्तक्षेप था।
कहानी- भृषा न होइ देव रिसि बानी ( लेखनी अंक-5- जुलाई-2008)
——————————————————————————————————————————————
शिबेन कृष्ण रैना
जन्मः22 अप्रैल, 1942 , श्री नगर ( जम्मू और कश्मीर)।
एम.ए (हिन्दी और अँग्रेजी) पी.एच.डी; प्रौफेसर / लेखक
शिक्षाः जम्मू और कश्मीर, राजस्थान और कुरुक्षेत्र यूनि; अध्यक्ष हिन्दी विभाग गवर्मेंट पोस्ट ग्रैजुएट कौलेज अलवर में प्रिंसिपल पद से स्वेच्छा सेवा निवृत्ति और शिमला के भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान, राष्ट्रपति निवास में फैलो की तरह नियुक्त हुए, और अनुवाद की समस्याओं पर (1999-2001) तक काम किया।
प्रकाषित कृतियाँ- 14 पुस्तकें – काश्मीरी भाषा और साहित्य ( 1972), काश्मीरी साहित्य की नवीनतम प्रवृत्तिया ( 1973) , काश्मीरी रामायण-रामावतार चरित का कश्मीरी से हिन्दी में अनुवाद (1975), लाल देद / हब्बाखातून के एकांकियों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद (1980), शायरे काश्मीर-मंसूर ( अनुवाद -1989), एक दौर ( उपन्यास अनुवाद1980), काश्मारी कवियत्रियाँ और उनका रचना संसार ( समालोचना-1996) मौन संभाषण ( लघु कथाएँ -1999)।
सम्मान-बिहार राज्यभाषा विभाग, पटना 1983, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान सौहाद्र सम्मान (1990), राजस्थान साहित्य अकादमी अनुवाद सम्मान-(1998), भारतीय अनुवाद परिषद सम्मान (1999) वगैरह।पताः 2/537(HIG) अरावली विहार, अलवर, 301001, भारत।
लघुकथा
1. बाबूजी (लेखनी-मार्च-अप्रैल-2011)
2. उसका मन्दिर (लेखनी-मई-2011)
——————————————————————————————————————————————-
शुभम् ओम श्रीवास्तव
समीक्षा
मेरी आँखों में मोहब्बत के मंजर हैं -काव्य संग्रह-दिनेश गुप्ता ( लेखनी-अगस्त-2013)
————————————————————————————————————————————————–
शैल अग्रवाल( यू.के.)
21 जनवरी 1947 वाराणसी, भारत में जन्म।
सम्पूर्ण शिक्षा वहीं।
शिक्षाः अंग्रेजी साहित्य, संस्कृत व चित्रकला में स्नातक,
प्रथम श्रेणी औनर्स के साथ।
अंग्रेजी साहित्य में एम.ए.।
1968 से आजतक मुख्यतः ब्रिटेन में ।
रुझान कलात्मक और दार्शनिक।
लिखना,पढ़ना आदत और मजबूरी दोनों ही। पहली कविता आठ वर्ष की उम्र में
पहली कहानी 11 वर्ष की उम्र में। दोनों ही तत्कालीन आज अखबार में प्रकाशित।
जीवन के एक लम्बे जुझारू और मौन अन्तराल के बाद
पिछले एक दशक से लेखनी पुनःसक्रिय।
हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में निरंतर लेखन ।
प्रकाशित कृतियां–
1.समिधा -कविता-संग्रह
2.ध्रुवतारा कहानी संग्रह
3. लंदन-पाती-निबंध संग्रह
कविता संग्रह-नेतिनेति व उपन्यास -शेष अशेष-प्रकाशनाधीन।
निबंध, कहानी, कविताएं देश विदेश की विभिन्न पत्रिकाओं और संग्रहों में । कुछ दूराभाष और इन्द्रजाल पर भी। चन्द मराठी व नेपाली में अनुवादित व कुछ पर भारत के विभिन्न विद्यालयों में शोधकार्य।
सम्मान
2006 – भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, साहित्य अकादमी तथा अक्षरम का संयुक्त अलंकरणः काव्य पुष्तक समिधा के लिए लक्ष्मीमल सिंघवी सम्मान। (देहली)
2007- उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थानः उत्कृष्ट साहित्य-सृजन व हिन्दी प्रचार-प्रसार सम्मान (विदेश)। (लखनऊ)
2010 – यू.के. हिन्दी समितिः हिन्दी सेवा सम्मान (लंदन)
2012- प्रवासी मीडिया सम्मान ( देहली)
मंथन
1. साहित्य और नारी (लेखनी-अंक-1-मार्च-2007)
2. अपने अपने सच (लेखनी-अंक-2-अप्रैल-2007)
3. रचना और रचनाकार ( लेखनी-अंक-3-मई-2007) परिचर्चा (लेखनी-जून-2013)
4. हिन्दी और प्रवासी साहित्य (लेखनी-अंक-6-अगस्त-2007)
5. बापू और हम (लेखनी-अंक-8-अक्तूबर-2007)
6. ग़ज़ल की दस्तक( लेखनी-अँक-10-दिसम्बर-2007)
7. युग कगार पर (लेखनी-अंक-11- जनवरी-2008)
8. होली के रंग (लेखनी-अंक-13-वर्ष 2-मार्च 2008)
9. यह तेरा घर, यह मेरा घर ( लेखनी-अंक-4-वर्ष-2-जून-2008)
10. सबके राम, सबमें राम (लेखनी-अंक-8-वर्ष-2-अक्तूबर-2008)
11. मां और मासी ; दो बहनें ( लेखनी-अंक 29-वर्ष -तीन-2009)
12. दो नावों पर ( लेखनी-अंक 42-वर्ष 4- 2010)
13. व्यंग्य और समाज ( लेखनी-अप्रैल-2012)
14. कविता में धूप ( लेखनी मई 2012)
15. फागुन के रंग ( लेखनी-मार्च-2013)
16. तलाश (लेखनी-जुलाई-2013)
17. जय हिन्द और जय विश्व ( लेखनी-अगस्त-2013)
18. जाति न पूछो साधु की ( लेखनी-अक्तूबर-2013)
19. अंतिम सच ( लेखनी-दिसंबर-2013)
विमर्श
प्रवासी साहित्यकार ( लेखनी-सितंबर-2011)
किस ओर (लेखनी-अक्तूबर-2011)
परिचर्चा-
1.विलुप्त होती गंगा मैया ( लेखनी अंक-17-जुलाई-2008)
2. मानदंड (लेखनी अंक19-सितंबर-2008)
3. हरि अनंत हरिकथा अनंता (लेखनी-अंक-20-वर्ष-2-अक्तूबर-2008)
4. मेरा भारत -प्रवासी नजर से ( लेखनी -मार्च-2009)
5.. कबतक ( लेखनी अंक 27- मई 2009)
6. बाल साहित्य और चंदामामा ( लेखनी-अंक35-जनवरी2010)
7. वसुधैव कुटुम्बकम ( लेखनी-अंक 45-नवंबर 2010)
8.सच झूट से परे ( लेखनी-अंक 46-वर्ष 4-दिसंबर 2010)
9. धुंध ( लेखनी-दिसंबर-2013)
परिदृश्य
1. यात्रा और पड़ाव-(लेखनी-अगस्त-2009)
2.. स्पाघेटी जंक्शन (लेखनी-नवंबर-2009)
3. मेरा शहर ( लेखनी-जुलाई-2011)
4. दंगेः दो चेहरे ( लेखनी-सितंबर-2011)
संस्मरण
सुर सावन ( लेखनी-जुलाई-2010)
घर से घर तक ( लेखनी-अगस्त-2010)
यादें ( लेखनी-अगस्त-2012)
दृष्टिकोण
कविता क्यों और कैसे (लेखनी-जून-2013)
श्रद्धांजलिः
लक्ष्मीमल सिंघवी ( लेखनी-नवंबर-2007)
स्मृति शेष
कांधे पर हाथ ( लेखनी-अप्रैल-2013)
रपट
लेखनी सानिध्य ( 1) ( लेखनी-अप्रैल-2012)
लेखनी सानिध्य (2) ( लेखनी-अप्रैल-2013)
कहानी-
1.तपिश ( लेखनी-अंक-4-जून-2007)
2. बसेरा (लेखनी-अंक-3-वर्ष 2-मई-2008)
3. घर का ठूंठ ( लेखनी-अंक 9-वर्ष 2-नवंबर 2008)
4. अनन्य ( लेखनी-अंक-12-वर्ष-3-फरवरी 2009)
5. यादों के गुलमोहर ( लेखनी-अंक 28 -वर्ष3 -जून 2009)
6. विसर्जन ( लेखनी-अंक 32- अक्तूबर-2009)
7. तब भी नहीं (लेखनी-अंक35-जनवरी-2010)
8. ध्रुवतारा ( लेखनी-अंक 36- फरवरी-2010)
9. वापसी ( लेखनी अंक-37-मार्च-2010)
10. सूखे पत्ते ( लेखनी-अंक 38-अप्रैल 2010)
11. कनुप्रिया ( लेखनी-अंक 39- मई 2010)
12. जिज्जी ( लेखनी-अंक 40- जून 2010)
13. जीने की शर्त ( लेखनी अंक 41-जुलाई 2010)
14. भीगता पानी (लेखनी अंक 42- अगस्त 2010)
15. एक और सच ( लेखनी अंक 44- अक्तूबर 2010)
16. दिए की लौ ( लेखनी-अंक 45-नवंबर 2010)
17. वार्ड नं. 18 (लेखनी अंक 46-दिसंबर 2010)
18. आम आदमी (लेखनी-अंक- 47-48- जनवरी-फरवरी 2011)
19. मकड़ी ( लेखनी- अक 49-50- मार्च-अप्रैल 2011)
20. भय ( लेखनी-मई-2011)
21. खारा समन्दर ( लेखनी-मई-2011)
22. एकबार फिर… ( लेखनी-जुलाई-2011)
23. कलकी ( लेखनी- सितंबर 2011)
24. विच (लेखनी-अक्तूबर-2011)
25. बावरी चिड़िया ( लेखनी-नवंबर-2011)
26. कायर ( लेखनी-दिसंबर-2011)
27. बीज़ ( लेखनी-जनवरी-2012)
28. घटक ( लेखनी-जून-2012)
29. सपना वही एक (लेखनी-जुलाई-2012)
30. फ्री पास ( लेखनी-सितंबर-2012)
31. उत्सव ( लेखनी-नवंबर-2012)
32. मोहभंग ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2013)
33. फेसबुक पर ( लेखनी-मई-2013)
34. चरैवेति ( लेखनी-अगस्त-2013)
35. धागे ( लेखनी- सितंबर-2013)
36. सेंध ( लेखनी-नवंबर-2013)
37. प्रयोग ( लेखनी-मार्च-2014)
धारावाहिक उपन्यास
1. शेष अशेष– 21 किश्तों में (लेखनी-अंक-8-अक्तूबर-2007 से मई 2009 तक)
2. मिट्टी
भाग 1. (लेखनी-जून-2013)
भाग 2. ( लेखनी-जुलाई-2013)
भाग 3. ( लेखनी-अगस्त-2013)
भाग 4 ( लेखनी-सितंबर-2013)
भाग 5 (लेखनी-अक्तूबर-2013)
भाग 6 ( लेखनी-नवंबर-2013)
भाग 7. ( लेखनी-दिसंबर-2013)
भाग 8 ( लेखनी-जनवरी-2014)
भाग 9 ( लेखनी-फरवरी-2014)
भाग 10 ( लेखनी-मार्च-2014)
भाग 11 ( लेखनी-अप्रैल-2014)
भाग 12 ( लेखनी-मई-2014)
लघुकथा-
1.गेंद (लेखनी-अंक11- जनवरी 2008)
2. वीर (लेखनी-अंक11- जनवरी 2008)
3. निरुत्तर (लेखनी-अंक 19-सितंबर-2008)
4. व्रत ( लेखनी-अंक 21-नवंबर 2008)
5. पति परमेश्वर (लेखनी-अंक 24-फरवरी-2009)
6. गुलाम (लेखनी-अंक 25-मार्च-2009)
7. लानत ( लेखनी-अँक 31-सितंबर-2009)
8. रंग ( लेखनी-अँक 42-अगस्त-2010)
9. प्यार ( लेखनी-फरवरी-2012)
10. परछांई ( लेखनी-फरवरी-2012)
11. फैमिली ( लेखनी-अगस्त-2012)
12. बुद्धिजीवि ( लेखनी-अगस्त-2012)
13. आधिपत्य ( लेखनी-नवंबर-2012)
14.. परिचय ( लेखनी-नवंबर-2012)
15. अनर्थ (लेखनी-जुलाई-2013)
16 .प्यार के झूठ-1 ( लेखनी-फरवरी-2014)
17. प्यार के झूठ-2 ( लेखनी-फरवरी-2014)
शब्द चित्र
1.वसंत ( लेखनी-मार्च-2013)
2. अगले वसंत में ( लेखनी-मार्च-2013)
3. जाड़े की धूप ( लेखनी-दिसंबर-2013)
4. वसुधैव कुटुम्बकम् ( लेखनी-दिसंबर-2013)
5. प्यार में 1 ( लेखनी-फरवरी-2014)
6. प्यार में 2 ( लेखनी-फरवरी-2014)
व्यंग्य-
1.हिन्दी मैया ( लेखनी-अंक-7-सितंबर-2007)
2.चुटकी एक गुलाल की (लेखनी-अंक-1-वर्ष 2-मार्च-2008)
3. नेताजी और कवि (लेखनी-अंक 25-मार्च-2009)
पर्व-परिचय-
1.दीपावली( लेखनी-अँक-9-नवंबर-2007)
2. सेंट वैलेंटाइन डे(लेखनी-अँक-12 -फरवरी-2008)
3. सूर्य सप्तमी ( लेखनी-मई-2013)
पर्यटन
1. पैरिस ( लेखनी अंक-4-वर्ष-2-जून-2008)
2. बुडापेस्ट (लेखनी-अंक-7-वर्ष-2-सितंबर-2008)
3. आस्था के गलियारे में ( उत्तराखंड के चार धाम) ( लेखनी-अंक-31-सितंबर 2009)
4. वैनिस ( लेखनी-अक्तूबर-2012)
5. एथेंस ( लेखनी-नवंबर-2012)
6. इज्मीर ( लेखनी-जनवरी-फरवरी 2013)
7. इस्तेनबुल ( लेखनी-मार्च-2013)
8. नेपल्स ( लेखनी-मई-2013)
(बाल-साहित्य) चांद परियाँ और तितली
वर्णन,
1.शेर और सियार-पंचतंत्र की कहानियों से ( लेखनी-अंक-1-मार्च 2007)
2. हाथी -लोक-कथा (लेखनी-अंक-2-अप्रैल 2007)
दो ग्राम लोककथा ( लेखनी0जनवरी-2009)
3. मक्खीचूस
4. असली घी की ताकत
.अकबर और बीरबल के किस्से-
5.पूर्वजों के हालचाल ( लेखनी-मार्च-2009)
6.. यहूदी लोक कथा- उचित न्याय ( लेखनी-सितंबर-2009)
7. पहचान ( अकबर बीरबल) – ( लेखनी-सितंबर 2011)
8. यूनानी कथा अपोलो का जन्म ( लेखनी-मई-2013)
बाल कहानी-
1. फूल-परी ( लेखनी-अंक-3-मई-2007)
2. कहानी की कहानी (लेखनी-अंक 4, जून-2007)
3. बारिश (लेखनी-अंक-5-जुलाई-2007)
4. दिन-रात(लेखनी-अंक-7-सितंबर-2007)
5. चकमक लाल पत्थर ( लेखनी-अंक-5-वर्ष-2-जुलाई-2008)
6. स्मार्टी ( लेखनी-अंक-7-सितंबर 2008)
7. पतझर का एक पात ( लेखनी-अंक-9-नवंबर 2008)
8. रंग बरसे ( लेखनी-अँक 37-मार्च 2010)
9. एक था राजा ( लेखनी-अंक 45-नवंबर 2010)
10. बादल ( लेखनी-अंक 53-जुलाई 2011)
11. जादू ( लेखनी-दिसंबर-2013)
——————————————————————————————————————————————-
नाम : शैलेन्द्र चौहान
जन्म : शैलेन्द्र चौहान का जन्म खरगौन में 1957 ई. में हुआ।
शिक्षा : प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विदिशा जिले के ग्रामीण भाग में प्राप्त करने के पश्चात बी.ई. (इलेक्ट्रिकल) विदिशा से की।
लेखन : लेखन विद्यार्थी काल से ही आरम्भ कर दिया था। पहले कविताओं और कहानियों की रचना की और फिर बाद में आलोचना में भी हाथ आजमाए।
वैज्ञानिक, शैक्षिक, सामाजिक एवं राजनैतिक लेखन भी किया। सभी स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं।
प्रकाशन :
निम्नलिखित पुस्तकें भी शैलेन्द्र चैहान ने लिखीं:-
कविता संग्रह: ’नौ रुपये बीस पैसे के लिए’ 1983 में प्रकाशित, ’श्वेतपत्र’ दो दशकों के अंतराल के बाद 2002 में, ’और कितने प्रकाश वर्ष’ 2003
में, ’ईश्वर की चौखट पर’ 2004 में।
कहानी संग्रह: ’नहीं यह कोई कहानी नहीं’ 1996 में प्रकाशित, कथा, संस्मरणात्मक उपन्यास एवं आलोचना पुस्तक तैयार।
’सदी के आखरी दौर में’ कविता संग्रह के बारह कवियों में से एक
संपादन : संपादन: ’धरती’ अनियतकालिक साहित्यिक पत्रिका, जिसके अंक चर्चित रहे, श्री रामवृक्ष बेनीपुरी पर ’सामान्य जन संदेश’ का बहुचर्चित विशेषांक
संपादित, सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी कुंदनलाल गुप्त, शिव वर्मा एवं अमर शहीद महावीर सिंह की संक्षिप्त परिचयात्मक जीवनियाँ। एक निबन्ध संग्रह ’संस्कृति
और समाज’, विकल्प की ओर से प्रकाश्य
अन्य: ’अभिव्यक्ति’, ’प्ररेणा’ और ’सामान्य जन संदेश’ पत्रिकाओं में संपादन सहयोग।
पुरस्कार : पुरस्कारों, सम्मानों एवं जोड़-जुगाड़ से नितांत परहेज़।
अन्य : सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियों में लगातार सक्रियता।
संप्रति : इस समय एक सार्वजनिक उपक्रम में मुख्य प्रबंधक।
सम्पर्क : shailendrachau@gmail.com
कहानी समकालीन
संप्रति ( लेखनी-जनवरी-2012)
स्मृति शेष
मज़ाज लखनवी (लेखनी-जुलाई-2013)
मंथनः प्रेमचन्द के सामाजिक सरोकार ( लेखनी-सितंबर-2013)
——————————————————————————————————————
शेरजंग गर्ग
लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार व आलोचक
लेखः मंथन- व्यंग्य आलोचनाः चिंतन और चिंताएं-( लेखनी-मार्च-2009)
——————————————————————————————————————————————
श्याम सुन्दर चौधरी
पताः एच-61/4, साहनी कालोनी, केन्ट, कानपुर
-स्मृति शेष-कानपुर की होली (लेखनी अंक 1-वर्ष 2-मार्च 2008)
——————————————————————————————————————————————-
श्याम सुन्दर दुबे
संपर्क सूत्रः
श्री चंडी जी वार्ड
हटा ( दमोह)
म.प्र. 47077.
रागरंग- हलदी रंग रंगीली ( लेखनी अंक 1, वर्ष 4-मार्च 20010)
——————————————————————————————————————————————-
श्याम सखा श्याम
लघुकथाः चंपा और चुनाव (लेखनी-नवंबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
स्नेह ठाकुर
संपादक-प्रकाशक ‘वसुधा’ हिन्दी साहित्यिक पत्रिका नाटक, काव्य, कहानी, निबंध, गीत, भजन, गजल, रिपोरताज आदि का हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में लेखन कैनेडा की फेडरल गवर्नमेंट के मल्टीकल्चरिज़्म एण्ड हेरिटेज़ डिपार्टमेंट द्वारा ‘अनमोल हास्य क्षण’ नाटक संग्रह लिखने हेतु अधिकतम अनुदान पुरस्कारितदि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ पोएट्री द्वारा ‘एडिटर्स च्वाइस एवार्ड्स’ से चार बार सम्मानित वर्ष 2003 के पुरस्कार के लिए मनोनीत कवि. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित 8वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन 2007, न्यूयार्क में विशिष्ट अतिथिप्रवासी भारतीय दिवस, 2008, दिल्ली, भारत में आमंत्रित अतिथि. साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा प्रकाशित ‘प्रतिनिधि आप्रवासी हिंदी कहानियाँ’में मनोनयन ‘दि वर्ल्ड ऑन दि स्ट्रीट फ़ेस्टिबल’ के दीर्घकालीन इतिहास में अपनी पुस्तक से पढ़ने वाली एकमात्र हिन्दी लेखक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निबंध, कहानी, कविता, रिपोरताज आदि ‘सरिता’, ‘गृह शोभा’, ‘सुषमा’, ‘मुक्ता’, ‘कादंबिनी’, ‘भाषा सेतु’, ‘समरलोक’, ‘ऋचा’, ‘पहचान ‘, ‘गुर्जर राष्ट्र वीणा’, ‘दीप ज्योति’, ‘आधुनिक एवं हिन्दी कथा साहित्य में नारी का बदलता स्वरूप’, ‘नौतरणी’, ‘प्रतिनिधि आप्रवासी हिंदी कहानियाँ’, ‘गगनाञ्चल’, ‘लेखनी’, ‘बाल सखा’, ‘राष्ट्र भाषा’ और ‘पुरवाई’ आदि में प्रकाशित
(जनवरी १, २००४ से), अध्यक्ष सद्भावना हिन्दी साहित्यिक संस्था, सदस्य संपादकीय बोर्ड, डॉ लक्ष्मी मल्ल सिंघवी ‘दिग्दर्शन ग्रंथ समिति’, सदस्य स्कारबोरो आर्ट्स काउन्सिल, लाइसम क्लब, वीमेन्स आर्ट्स एसोसिएशन ऑफ कैनेडा (१९९९-२००५), लाइवली पोएट्स सोसायटी, कार्यकरिणी सदस्य विश्व हिन्दू परिषद् (२०००-२००७), विशिष्ट सदस्य इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ़ पोएट्स, डायरेक्टेर कैनेडियन काउन्सिल ऑफ़ हिंदूज (२००३-२००५), भूतपूर्व कार्यकारिणी सदस्य हिन्दी नागरी प्रचारिणी सभा, को-चेयर इंडियंस इंडिपेंडेंस डे सेलिब्रेशन मारखम २००५.
कहानी- दुर्घटना या प्रारब्ध ( लेखनी-अंक 42-अगस्त-2010)
——————————————————————————————————————————————-
एस. आर. हरनोट
जन्मः हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की पिछड़ी पंचायत व गांव चनगांव में।
शिक्षाः बी.ए. आनर्ज, एम.ए. हिन्दी, पत्रकारिता, लोक संपर्क एवं प्रचार-प्रसार में उपाधि पत्र।
निरंतर लेखन व समाज सेवा। विभिन्न पत्रिकाओं में कहानियों के अलावा करीब 1000 लेख प्रकाशिथ। सभी मुख्य संकलन व पत्र पत्रिकाओँ में प्रकाशित। अंग्रेजी, मराठी, गुजराती सहित कई भाषाओँ में कहानियों का अनुवाद। कहानी दारोश पर इन्डियन क्लासिक्ज के तहत दिल्ली दूरदर्शन द्वारा फिल्म निर्णाण। फोटोग्राफी में विशेष रुचि और कई प्रदर्शनिओं का आयोजन। आर्थिक रूप से कमजोर और दलितों के उत्थान के लिए निरंतर काम।
कहानी संग्रहः पंजा(1987), आकाश बेल (1987), पीठ पर पहाड़( 1992),दारोश तथा अन्य कहानियां(2001), माफिया ( अँग्रेजी में अनुवादित कहानी संग्रह-2004)
उपन्यास-हिडिम्ब (2004)
हिमाचल के मन्दिर और उनसे जुड़ी लोक कथाएँ- लगभग 250 मन्दिरों पर शोधकार्य और उनसे जुड़ी लोक-कथाएँ(1991)
यात्रा-किन्नौर, स्पिति, लाहुल और मणि-महेश पर ऐतिहासिक व सांस्कृतिक यात्राएँ(1994)
हिमालय एट ए ग्लान्स- संयुक्त शोध कार्य-हिमाचल प्रदेश पर 3000 फैक्ट्स (2000)
हिमाचल की कहानी-इतिहास(2002)
प्रदेश तथा देश से प्रकाशित पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन।
पुरस्कार व सम्मानः दारोश व अन्य कहानियों के लिए 2003 का अँतर्राष्ट्रीय इन्दु शर्मा सम्मान से लंदन में सम्मानित व 2007 में हिमाचल राज्य अकादमी पुरस्कार। क्रिएटिव न्यूज फाउन्डेशन देहली द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान। अखिल भारतीय भारतेन्दु हरिश्चन्द एवार्ड। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ हमीरपुर द्वारा साहित्यकार सम्मान। हिमाचल गौरव सम्मान। भाषा और संस्कृति विभाग हि.प्र. द्वारा कहानी व निबंध लेखन के लिए सम्मानित। प्राचीन कला केन्द्र चंडीगढ़ द्वारा श्रेष्ठ साहित्य सम्मान। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा साहित्य सम्मान। हिमाचल केसरी अवार्ड। डॉ. वाई. एस. परमार हिमाचल श्री साहित्य सम्मान।
संपर्क सूत्रःs_r_harnot@rediffmail.com
लघु कथा-
मोबाइल ( लेखनी-अँक 9-नवंबर-2007)
रोबो (लेखनी-अँक-9-नवंबर-2007)
कहानी समकालीन
अमानव ( लेखनी-अँक-52-जून-2009)
बिल्लियां बतियाती हैं ( लेखनी-नवंबर-2011)
————————————————————————————————————————————————–
सरस्वती माथुर
( ऍम .एस.सी ,पी .एच. डी)
जन्मतिथी: 5 अगस्त
शिक्षाविद एवम सोशल एक्टिविस्ट
साहित्य :देश की साहित्यिक पत्रिकाओं में कवितायेँ ,कहानियां ,आलेख एवम नये नारी सरोकारों पर प्रकाशन
प्रकाशन ४ कृतियाँ प्रकाशित
संपर्क :ए -२ ,सिविल लाइन
जयपुर
दूरभाष : ०१४१-२२२९६२१
कहानी
माँ का जन्मदिन (लेखनी-मई-2012)
दर्शनीय
पधारो म्हारे देश -जयपुर के दर्शनीय बजार (लेखनी-जून-2012)
परिचर्चा
गुलाबी शहर की पहचान -जयपुर फुट ( लेखनी-सितंबर-2012)
मंथन
शक्ति स्वरूपा बेटी -एक कविता ( लेखनी-अक्तूबर-2012)
लक्ष्मी पूजा का लोकरंग! ( लेखनी-नवंबर-2012)
वैश्वीकरण और महिला लेखन का बदलता स्वरूप (लेखनी-अप्रैल-2013)
सूर्यो चक्षो जायत ( लेखनी-मई-2013)
तीज-त्योहार
सृजन का उत्सव शारदीय नवरात्रि ( लेखनी-अक्तूबर-2012)
गणगौर का सांस्कृतिक पर्व (लेखनी-अप्रैल-2013)
रागरंग
सावन आयो रे ( लेखनी-अगस्त-2013)
——————————————————————————————————————————————-
संजय जनागल
पिता का नाम : श्री भंवरलाल जनागल
जन्म : 03-04-1981 बीकानेर (राजस्थान)
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), एम.एड., पी.जी.डी.सी.ए.
लेखकीय अभिरूचि : हिन्दी और राजस्थानी में कहानी, लघुकथा एवं कविता
पत्र-पत्रिकाएं दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, दैनिक युगपक्ष, शेष
जिनमें रचनाएं अक्षर ख़बर, विकल्प, अजीत समाचार, वर्तमान साहित्य
प्रकाशित माणक, मरू गुलशन, पंजाबी साहित्य सरस्वती सुमन आदि
इन्टरनेट पर रचनाएं : रचनाकार डाट काम, सृजनगाथा डाट काम,
साहित्य शिल्पी
सम्प्रति : मुख्यमंत्री कार्यालय, सचिवालय, जयपुर
प्रकाशकाधीन कृति नर्इ रोशनी (लघुकथा संग्रह) प्रकाशन वर्ष 2011
पुरस्कार यू.आर्इ.टी. बीकानेर का एल.पी. तैस्सीतोरी राजस्थानी गध (नवोदित) 2009-10
सामाजिक गतिविधियाँ उपाध्यक्ष, सोशल प्रोग्रेसिव सोसायटी, बीकानेर (रजि.)
सतपाल खुल्ललर
गांव व डाकघर -तलवंडी भाई, जिला-फिरोजपुर-142056
फोन : 01632-231178
09855574726(मोबाइल)
लघुकथा–
सम्मान- पंजाबी से अनुवादः सुभाष नीरव ( लेखनी-दिसंबर-2009)
बाल कहानीः सबेरा
—————————————————————————————————————————————-
संगीता श्रीवास्तव
परिचर्चा
वसंत पंचमी ( लेखनी-मार्च-2013)
———————————————————————————————————————————————-
सत्येन्द्र श्रीवास्तव
संपर्क सूत्रः फ्लैट 25, 8 न्यूटन स्ट्रीट , लंदन W C 2 B5EG यू.के.
परिदृश्य
ब्रिटेन में भारतीय (लेखनी-अक्तूबर-2011)
——————————————————————————————————————————————-
सरोज शर्मा
सम्पर्क सूत्र- 100/2ए, गांवड़ी एक्सटेंशन, दिल्ली-110 053
परिचय –शैलेश मटियानी-एक परिचय ( लेखनी-अंक 31- सितंबर 2009)
——————————————————————————————————————————————-
सविता प्रथमेश
संपर्क सूत्र- प्रथमेश मिश्र, आर्कीटेक्ट, आजाद नगर, मसानगंज, बिलासपुर ( छत्तीसगढ़)
परिचर्चा – वेश्याओं ने भी लड़ी थी आजादी की लड़ाई ( लेखनी अँक-18-अगस्त 2008)
——————————————————————————————————————————————-
सिमाला प्रसाद
संपर्क सूत्र– डी-3/ 17, चार इमली, भोपाल, मध्य प्रदेश।
रागरंग लेख
भारतीय त्योहार (लेखनी -अक्तूबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
सीताराम गुप्ता
5 नवंबर 1954
जन्म स्थान -दिल्ली का एक गांव
टी.वी. प्रेजेन्टेशन में डिप्लोमा। उर्दू तथा रूसी साहित्य में रुचि। इन्ही के साथ अरबी व फारसी भाषाओं का भी अध्ययन किया। कुछ अनुवाद कार्य उर्दू में आये। देश भर की अनेक पत्र-पत्रिकाओँ में लेख, कविताएँ और व्यंग्य प्रकाशित। कविता संग्रह -मेटामौर्फोसिस -प्रकाशित तथा यात्रा वृतान्त -मानस यात्रा-शीघ्र प्रकाश्य। पहली कविता रूसी भाषा में छपी। आध्यात्मिक उपचार, व्यक्तित्व विकास और उनके समग्र रूपान्तरण पर निरंतर लेखन।
संपर्क-सूत्र- –
ए.डी.-१०६-सी, पीतमपुरा,
दिल्ली-११००३४
फोन नं. ०११-२७३१३९५४
चांद परियाँ और तितली
बालकहानी
वास्तविक खुशी ( लेखनी-नवंबर-2012)
लेख -(हितोपदेश)
1.मन है एक कल्प-वृक्ष (लेखनी-अंक 11- जनवरी-2008)
2. क्षमा वीरस्य भूषणम् ( लेखनी-मई-2011)
परिचर्चा-
1.सांचे में मन के (लेखनी-अँक-4-वर्ष-2-जून-2008)
2. आनंद का अनुपम स्रोत हैं पर्व त्योहार और मेले-ठेले ( लेखनी-अंकृ 9 -वर्ष-2 -नवंबर 2008.)
3.शिद्दत से ( लेखनी-अंक-12- वर्ष-2-फरवरी-2008)गुलदस्ता-
4. रख रखाव ( लेखनी-अंक 29-जनवरी 2009)
5. कभी कभी बहुत उपयोगी होती है मूर्छा या मन की चंचलता भी ( लेखनी-जून-2012)
रागरंग-
1. लेखन एक ध्यानस्थ मनःस्थिति (लेखनी-नवंबर-2009) (लेखनी-जून-2013)
2. अग्रपूज्य गणेश की प्रतीकात्मकता तथा प्रासंगिकता ( लेखनी-जून-2010)
लघु कथा
1- त्रिशंकु ( लेखनी-अंक-3-वर्ष-2-मई-2008)
2.- समाज-सेवी (लेखनी-अंक-3-वर्ष-2-मई-2008)
पर्यटन
गणेश प्रतिमाओं का अद्भुत संग्रहालय (लेखनी-जनवरी-2010)
परिदृश्य
नए भगत की आरती ( लेखनी -अंक 45-नवंबर 2010)
चौपाल
परंपरा और आधुनिकता ( लेखनी-मार्च-2010)
मिर्ज़ा असदुल्लाह ख़ाँ ‘ग़ालिब’ ( लेखनी-जुलाई-2010)
जिद करें पर….( लेखनी-सितंबर-2012)
——————————————————————————————————————————————-
सीतेश आलोक
लघुकथाः
कमीज ( लेखनी-सितंबर-2009)
दुश्मन ( लेखनी-सितंबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
सु. गुरुमूर्ति
संपर्क सूत्रः
सु. गुरुमूर्ति – 65, मैंगलेस रोड, नागल नगर, दिन्दीगुल-624003 ( तामिलनाडु)
तामिल से गुहना की कहानी का अनुवाद
कहानी- एक सखा अरविंदन् ( लेखनी-अक्तूबर-2010)
—————————————————————————————————————————————————-
सुरेन्द्र वर्मा
सुरेन्द्र वर्मा (पूर्व प्राचार्य)
साबले बाड़ी, बरारीपुरा, छिंदवाड़ा (म.प्र.)
मो- 91 9926347997
E-mail: skverma.chw@gmail.com
चौपाल
श्रीमद् भगवत गीता में कर्तव्य बोध ( लेखनी-नवंबर-2013)
—————————————————————————————————————————————————–
सुकेश साहनी
जन्म : 5 सितम्बर, 1956(लखनऊ)
शिक्षा : एम.एस–सी. (जियोलॉजी), डीआईआईटी (एप्लाइड हाइड्रोलॉजी) मुम्बई से।
कृतियां : डरे हुए लोग, ठंडी रजाई (लघुकथा–संग्रह), मैग्मा और अन्य कहानियाँ, (कहानी–संग्रह), अक्ल बड़ी या भैंस (बालकथा–संग्रह), लघुकथा संग्रह पंजाबी,गुजराती,मराठी एवं अंग्रेजी में भी उपलब्ध । मैग्मा कहानी सहित अनेक लघुकथाएँ, जर्मन भाषा में अनूदित। अनेक रचनाएँ पाठ्यक्रम में शामिल ‘रोशनी’ कहानी पर दूरदर्शन के लिए टेलीफिल्म।
अनुवाद : खलील जिब्रान की लघुकथाएँ, पागल एवं अन्य लघुकथाएँ, विश्व प्रसिद्ध लेखकों की चर्चित कहानियाँ,।
‘रोशनी’ कहानी पर दूरदर्शन के लिए टेलीफिल्म।
सम्पादन : हिन्दी लघुकथा की पहली वेब साइट www.laghukatha.com का वर्ष 2000 से सम्पादन। आयोजन, महानगर की लघुकथाएँ, स्त्री–पुरुष संबंधों की लघुकथाएँ, देह व्यापार की लघुकथाएँ, बीसवीं सदी : प्रतिनिधि लघुकथाएँ, समकालीन भारतीय लघुकथाएँ, बाल मनोवैज्ञानिक लघुकथाएँ ब्लाग : http://www.kathaakaarssahni.blogspot.com/
http://www.sukeshsahni.blogspot.com/
सम्मान : डॉ.परमेश्वर गोयल लघुकथा सम्मान 1994,
माता शरबती देवी पुरस्कार 1996,
डॉ. मुरली मनोहर हिन्दी साहित्यिक सम्मान 1998,
बरेली कालेज, बरेली–स्वर्ण जयन्ती सम्मान 1998,
माधवराव सप्रे सम्मान 2008
दयादृष्टि अतिविशिष्ट उपलब्धि सम्मान 2009
सम्प्रति : भूगर्भ जल विभाग में सीनियर हाइड्रोजियोलॉजिस्ट।
सम्पर्क : 193/21 सिविल लाइन्स, बरेली–243001
ई –मेल : sahnisukesh@gmail.com
फोन : 0581 2429193, 0581 3297904, 9335280003, 9634258583
लघुकथा
1. बैल ( लेखनी-सितंबर-2010)
2. शिक्षाकाल ( लेखनी-सितंबर-2010)
3. असंवाद -अनुवाद खलिल जिब्रान ( लेखनी-दिसंबर-2011)
——————————————————————————————————————————————-
सुदर्शन प्रियदर्शिनी
जन्मः लाहौर अविभाजित पाकिस्तान।
बचपनः शिमला। उच्च शिक्षाः चंडीगढ़।
संप्रतिः अमेरिका में 1982 से।
आत्मकथा शैली के हिन्दी उपन्यासों का अध्ययन।
प्रकाशित कृतियाः उपन्यासः सूरज नहीं उगेगा ( ओल्द बुक , उपलब्ध नहीं) , जलाक ( आधारशिला प्रकाशन) रेत के घर ( भावना प्रकाशन) , न भेज्यो विदेश (नमन प्रकाशन)
कहानी संग्रहः उत्तरायण ( नमन प्रकाशन)
कविता संग्रहः शिखंडी युग ( अर्चना प्रकाशन) , बराह (वाणी प्रकाशन) , यह युग रावण है (अयन प्रकाशन)
पंजाबी कविता संग्रह मैं कौन हाँ ( चेतना प्रकाशन)
संपादनः फ्रेगरेंस ( अंग्रेजी पत्रिका)
विशेषः ओहायो में रेडियो, टी.वी. कार्यक्रमों का संचालन। ओहायो में हिन्दी और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान।
पुरस्कार एवं सम्मानः कहानी संदर्भहीन को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कार प्रदान की घोषणा। दि सन्डे टाइम्स के 111 शीर्ष महिला रचनाकारों पर आधारित विशेषांक में स्थान।
महादेवी पुरस्कारः हिन्दी परिषद कनाडा, महानता पुरस्कारः फेडरेशन औफ ओहायो। गवर्नस पुरस्कारः ओहियो, यू.एस.ए।
संप्रतिः अमेरिका की ओहायो नगरी में स्वतंत्र लेखन।
संपर्कः 246 Statford Drive, Broadview Hts. Ohio 44147. U.S.A
ईमेलः:sudarshansuneja@yahoo.com
फोनः 440-717-1699
कहानी समकालीन
कहानी विशेष समीक्षा के साथ
अखबार वाला ( लेखनी -अक्तूबर-2011)
देशांतर (लेखनी-जुलाई-2013)
——————————————————————————————————————————————-
सुधा उपध्याय
पर्यटन
देवों की घाटी ( मनाली और मणिकरण यात्रा संस्मरण) ( लेखनी-जनवरी-2014)
सुमीता केशवा
संपर्क सूत्रः
सुमीता केशवा२२०४ क्रिमसन टावर.लोखंडवालाआकुर्ली रोड,कांदिवली [ईस्ट]मुम्बई-१०१मो-९७७३५५५५६७
मेल-sumitakeshwa@yahoo.com
संस्मरण
मुफ्त हुए बदनाम ( लेखनी-अप्रैल-2012)
रूबरू
साक्षात्कार डॉ. दामोदर खाड़से ( लेखनी-जुलाई-2013)
——————————————————————————————————————————————-
सुषम बेदी
जन्म : १ जुलाई १९४५ को पंजाब के फीरोजपुर नामक शहर में।
शिक्षा : इंद्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली से १९६४ में बी.ए., १९६६ में एम.ए. औऱ १९६८ में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.फिल. की डिग्री तथा १९८० में पंजाब यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. की उपाधि।
कार्यक्षेत्र : हिंदी के समकालीन कथा और उपन्यास साहित्य में सुषम बेदी एक जाना माना नाम हैं। उनकी पहली कहानी १९७८ में प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका ‘कहानी’ में प्रकाशित हुई और १९८४ से वे नियमित रूप से प्रकाशित होती रही हैं। उनकी रचनाओं में भारतीय और पश्चिमी सांस्कृति के बीच झूलते प्रवासी भारतीयों के मानसिक आंदोलन का सुंदर चित्रण हुआ है।
कहानी
चील और चिड़िया ( लेखनी-नवंबर-2010)
——————————————————————————————————————————————-
सुधा अरोड़ा
सुधा अरोड़ा का जन्म लाहौर ( अब पश्चिमी पाकिस्तान ) में ४ अक्टूबर १९४६ को हुआ । १९४७ में लाहौर से कलकत्ता आना हुआ और फिर स्कूल से लेकर एम.ए. तक की शिक्षा कलकत्ता में ही हुई ।
शिक्षा –
१९६२ में श्री शिक्षायतन स्कूल से प्रथम श्रेणी में हायर सेकेण्डरी पास की । १९६५ में श्री शिक्षायतन कॉलेज से बी.ए.ऑनर्स और १९६७ में कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. ( हिन्दी साहित्य ) किया । दोनों बार प्रथम श्रेणी में प्रथम रहीं। कार्यक्षेत्रः १९६९ से १९७१ तक कलकत्ता के दो डिग्री कॉलेजों में अध्यापन, १९९३ से १९९९ तक महिला संगठन ‘हेल्प’ से संबद्ध।
प्रकाशनः बगैर तराशे हुए(१९६७), युद्धविराम(१९७७), महानगर की मैथिली(१९८७), काला शुक्रवार(२००३), काँसे का गिलास(२००४), मेरी तेरह कहानियाँ(२००५), रहोगी तुम वही(२००७), (कहानी संग्रह), ऑड मैन आउट उर्फ़ बिरादरी बाहर(एकांकी), यहीं कहीं था घर (२०१०),(उपन्यास)।
आलेख संग्रहः आम औऱतः ज़िंदा सवाल(२००८), एक औरत की नोटबुक।
संपादनः १९६६-६७ तक कलकत्ता विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘प्रक्रिया’ का संपादन।
संपादित पुस्तकें- ‘औरत एक कहानी’ (२००२) भारतीय महिला कलाकारों के आत्मकथ्यों के दो संकलन- ‘दहलीज़ को लाँघते हुए’ और ‘पंखों की उड़ान'(२००३)
सम्मानः ‘युद्धविराम उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा १९७८ में विशेष पुरस्कार से सम्मानित साहित्य क्षेत्र में भारत निर्माण अवॉर्ड तथा अन्य पुरस्कार।
अनुवादः कहानियाँ लगभग सभी भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, फ्रेंच, पोलिश, इतालवी, चेक और जापानी भाषाओं में अनुदित, डॉ. दागमार मारकोवा द्वारा चेक, डॉ. कोकी द्वारा जापानी, हेंज़ वेस्लर द्वारा जर्मन तथा अलस्सांद्रे द्वारा इतालवी भाषा में कुछ कहानियों के अनुवाद।
लंदन के एक्सपरिमेंटल थिएटर द्वारा ‘रहोगी तुम वही’ का स्ट्रीट प्ले प्रस्तुत, चेक भाषा तथा इतालवी में भी अनूदित नाटक की प्रस्तुति।
स्तंभ लेखनः ‘आम आदमीः ज़िंदा सवाल’- १९७७-७८ में पाक्षिक ‘सारिका’ में। १९९६-९७ में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर एक वर्ष दैनिक अखबार ‘जनसत्ता’ में साप्ताहिक कॉलम ‘वामा’ चर्चित। ‘बवंडर’ फिल्म की पटकथा का लेखन।
कई कहानियों पर मुंबई, दिल्ली, लखनउ, कलकत्ता दूरदर्शन द्वारा लघु फ़िल्में निर्मित। रेडियो नाटक, टी.वी. धारावाहिक तथा फ़िल्म पटकथाओं का लेखन। १९९३ से महिला संगठनों और महिला सलाहकार केंद्रों के सामाजिक कार्यों से जुड़ाव। टीआईएसएस, वूमेन्स वर्ल्ड तथा अन्य कई संस्थानों द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में भागीदारी।
संप्रति- ‘कथादेश’ मासिक में ‘औरत की दुनिया’ स्तंभ का संपादन। वसुंधरा पुस्तक केंद्र संबद्ध।
आज के युग की एक संवेदनशील और सशक्त रचनाकार। अपने लेखन के बारे में आप का कहना है – कहानी लेखन की शरुआत एक हादसे की तरह हुई। 1964 का वह दिन मुझे बहुत अच्छी तरह याद है जब चाचा नेहरू की मृत्यु हुई थी और सब रेडिओ के इर्दगिर्द सिमट आए थे। बच्चे बूढ़े सब बिलख रहे थे। मैं करीब एक सप्ताह से लगातार बीमार थी। बस, मां वे हाथ में डायरी थमा दी। बिस्तर पर लेटे- लेटे प्रेम की एक काल्पनिक स्थिति ने जन्म लिया और एक भावुक-सी कहानी लिख डाली। इस कहानी का शीर्षक था-एक सेंटीमेन्टल डायरी की मौत जो मैंने 1963 में लिखी थी। तब मेरी उम्र सत्रह साल थी। इसे लिख चुकने के बाद मैं अपनी बीमारी की हताशा से एक हद तक उबर आयी। लेखन एक बढ़िया निकास का जरिया (आउटलेट) हो सकता है. यह समझ में आ गया था।
संपर्क सूत्रः
e mail : sudhaarora@gmail.com
अन्नपूर्णा मंडल की आखिरी चिठ्ठी ( लेखनी-दिसंबर 2010)
आत्मकथ्य ( लेखनी-दिसंबर 2010)
दीवारों में चिनी चीखों का महाप्रयाण ( लेखनी-नवंबर-2011)
——————————————————————————————————————————————-
सुधा ओम धींगरा
जन्मः ७ सितम्बर जालंधर , पंजाब ।
शिक्षा-
पीएच.डी. (हिंदी) विधाएँ-
कविता, कहानी, उपन्यास, इंटरव्यू, लेख एवं रिपोतार्ज।
प्रकाशित कृतियाँ — कौन सी ज़मीन अपनी ( कहानी संग्रह ), वसूली (कहानी संग्रह ),
टारनेडो (कहानी संग्रह पंजाबी में अनुदित ), धूप से रूठी चाँदनी (काव्य संग्रह), तलाश पहचान की (काव्य संग्रह), सफ़र यादों का (काव्य संग्रह ), माँ ने कहा था (काव्य सी.डी.), १३ प्रवासी संग्रहों में कविताएँ, कहानियाँ प्रकाशित | संदली बूआ (पंजाबी में संस्मरण) | कई कृतियाँ पंजाबी में अनुदित | ”आकाश ढूँढती वह ..” (उपन्यास ), ”सरकती परछाइयाँ” (काव्य संग्रह) प्रकाशन के लिए तैयार |
संपादन–
हिन्दी चेतना (उत्तरी अमेरिका की त्रैमासिक पत्रिका) की संपादक हैं। मेरा दावा है (काव्य संग्रह-अमेरिका के कवियों का संपादन )| अनुवाद –
परिक्रमा (पंजाबी से अनुवादित हिन्दी उपन्यास)|
विशेष–
हिन्दी विकास मंडल (नार्थ कैरोलाइना) की सचिव । अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति (अमेरिका) के कवि सम्मेलनों की राष्ट्रीय संयोजक |
उत्पीड़ित नारियों की सहायक संस्था ‘विभूति’ की सलाहकार | इंडिया आर्ट्स ग्रुप एवं शिडोरी प्रोडक्शंज़ की स्थापना कर हिन्दी के बहुत से नाटकों और शोज़ का मंचन किया है |
अनगिनत कवि सम्मेलनों का सफल संयोजन एवं संचालन किया है | रेडियो सबरंग ( डेनमार्क ) की संयोजक | टी.वी., रेडियो एवं रंगमंच की प्रतिष्ठित कलाकार |
सम्मान-
१) कथाबिम्ब पत्रिका में प्रकाशित कहानी ”फन्दा क्यों…?” पाठकों के अभिमतों के आधार पर वर्ष २०१० की श्रेष्ठ कहानी और ”कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार २०१० ” द्वारा पुरस्कृत |
२) अमेरिका में हिन्दी के प्रचार -प्रसार एवं सामाजिक कार्यों के लिए वाशिंगटन डी.सी में तत्कालीन राजदूत श्री नरेश चंदर द्वारा सम्मानित |
३) चतुर्थ प्रवासी हिन्दी उत्सव २००६ में ”अक्षरम प्रवासी मीडिया सम्मान”|
४) हैरिटेज सोसाइटी नार्थ कैरोलाईना (अमेरिका ) द्वारा ”सर्वोतम कवियत्री २००६” से सम्मानित |
५) ट्राईएंगल इंडियन कम्युनिटी, नार्थ – कैरोलाईना (अमेरिका ) द्वारा ”२००३ नागरिक अभिनन्दन |
६) हिन्दी विकास मंडल , नार्थ -कैरोलाईना( अमेरिका ), हिंदू- सोसईटी , नार्थ कैरोलाईना( अमेरिका ), अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति (अमेरिका) द्वारा हिन्दी के प्रचार -प्रसार एवं सामाजिक कार्यों के लिए कई बार सम्मानित |
!
संपर्क:101 Guymon Ct., Morrisville, NC-27560, USA., Email-sudhadrishti@gmail.com.
कहानी
कौन सी धरती अपनी ( लेखनी-सितंबर-2011)
क्षितिज से परे ( लेखनी -अक्तूबर-2011)
——————————————————————————————————————————————
सुधा भार्गव
शिक्षा –बी ,ए.बी टी ,रेकी हीलरशिक्षण –बिरला हाई स्कूल कलकत्ता में २२ वर्षों तक हिन्दी भाषा का शिक्षण कार्य | साहित्य सृजन —विभिन्न विधाओं पर रचना संसार साहित्य संबन्धी संकलनों में तथा पत्रिकाओं में रचना प्रकाशन प्रकाशित पुस्तकें रोशनी की तलाश में –काव्य संग्रह बालकथा पुस्तकें—१ अंगूठा चूस २ अहंकारी राजा३ जितनी चादर उतने पैर —सम्मानित-राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान !
आकाश वाणी दिल्ली से कहानी कविताओ. का प्रसारण सम्मानित कृति–रोशनी की तलाश में सम्मान –डा .कमला रत्नम सम्मान पुरस्कार –राष्ट्र निर्माता पुरस्कार (प. बंगाल -१९९६)अभिरुचि –देश विदेश भ्रमण ,पेंटिंग .योगा,अभिनय ,वाक् प्रतियोगिता
वर्तमान लेखन का स्वरूप —
बाल कहानियाँ
बाल स्म्रतियां
बाल अनुरूप आलेख
संपर्क
मोवाइल-९७३१५५२३४७
sudhashilp.blogspot.com
का अवलोकन अवश्य करें जो अभी शिशु अवस्था में है ।
कहानी समकालीन
अज्ञात डगर ( लेखनी-जून-2013)
बाल कहानीः
छोटे हैं तो क्या हुआ– (लेखनी-जनवरी-2010)
——————————————————————————————————————————————-
सुरेश अवस्थी
हास्य-व्यंग्य
——————————————————————————————————————————————-
सुऱेश चन्द्र शुक्ल ‘ शरद आलोक ‘
गत 21 वर्षो से नार्वे में हिंदी की पत्रिकाओं ‘परिचय’ और ‘स्पाइल’ (दर्पण) का संपादन कर रहे शरद आलोक का वास्तविक नाम डॉ. सुरेशचंद्र शुक्ल है। वे हिंदी के सुपरिचित कवि, लेखक और पत्रकार हैं।
डॉ. शुक्ल अनेक भाषाओं में लिखते रहे हैं। हिंदी में आपके सात कविता संग्रह तथा एक कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उर्दू में एक कहानी संग्रह तथा नार्वेजियन भाषा में एक काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुका है।
आपको देश-विदेश में अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
‘सोनांचल साहित्यकार संस्थान, सोनभद्र’ आपके नाम पर देश विदेश के चुने हुए साहित्यकारों को ‘सुरेशचंद्र शुक्ल नामित राष्ट्र भाषा प्रचार पुरस्कार’ प्रदान करता है।
संपर्क : sshukla@online.no
चांद परियां और तितली
नौर्वेजियन लोककथा-घास में गुड़िया-(लेखनी अंक 6-अगस्त-2007)
लड़की माचिस वाली-हान्स क्रिश्चियन एन्दरसन- रूपान्तर सुरेश चन्द शुक्ल। (लेखनी-अंक-10-दिसंबर-2007)
नौर्वेजियन लोककथा- हर मां का बच्चा सुन्दर ( लेखनी अंक 6-अगस्त-2008)
————————————————————————————————————————–
सुभाष नीरव
हिंदी कथाकार सुभाष नीरव का जन्म उत्तर प्रदेश के एक बेहद छोटे शहर मुराद नगर में एक पंजाबी परिवार में हुआ। इन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की और् वर्ष 1976 में भारत सरकार की केन्द्रीय सरकार की नौकरी में आ गए। अब तक तीन कहानी–संग्रह दैत्य तथा अन्य कहानियाँ (1990), औरत होने का गुनाह (2003) और आखिरी पड़ाव का दु:ख(2007) प्रकाशित। इसके अतिरिक्त, दो कविता–संग्रह यत्किंचित (1979) और रोश्नी की लकीर (2003), एक बाल कहानी–संग्रह मेहनत की रोटी (2004), एक लधुकथा संग्रह कथाबिन्दु (रूपसिंह चंदेल और हीरालाल नागर के साथ) भी प्रकाशित हो चुके हैं। अनेकों कहानियाँ, लधुकथाएँ और कविताएँ पंजाबी और बांगला भाषा में अनूदित हो चुकी हैं। आपलगभग पिछले 35 वर्षों से कहानी, लघुकथा, कविता और अनुवाद विधा में सक्रिय हैं। अब तक तीन कहानी-संग्रह ”दैत्य तथा अन्य कहानियाँ (1990)”, ”औरत होने का गुनाह (2003)” और ”आखिरी पड़ाव का दु:ख(2007)” प्रकाशित। इसके अतिरिक्त, दो कविता-संग्रह ”यत्किंचित (1979)” और ”रोशनी की लकीर (2003)”, एक बाल कहानी-संग्रह ”मेहनत की रोटी (2004)”, एक लधुकथा संग्रह ”कथाबिन्दु” (रूपसिंह चंदेह और हीरालाल नागर के साथ) भी प्रकाशित हो चुके हैं। अनेकों कहानियाँ, लधुकथाएँ और कविताएँ पंजाबी, तेलगू, मलयालम और बांगला भाषा में अनूदित हो चुकी हैं।
हिंदी में मौलिक लेखन के साथ-साथ पिछले तीन दशकों से अपनी माँ-बोली पंजाबी भाषा की सेवा मुख्यत: अनुवाद के माध्यम से करते आ रहे हैं। अब तक पंजाबी से हिंदी में अनूदित डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ”काला दौर”, ”पंजाबी की चर्चित लघुकथाएं”, ”कथा पंजाब-2”, ”कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ”, ”तुम नहीं समझ सकते”(जिन्दर का कहानी संग्रह)”, ”छांग्या रुक्ख” (पंजाबी के दलित युवा कवि व लेखक बलबीर माधोपुरी की आत्मकथा), पाये से बंधा हुआ काल(जतिंदर सिंह हांस का कहानी संग्रह), रेत (हरजीत अटवाल का उपन्यास) आदि प्रमुख हैं। मूल पंजाबी में लिखी दर्जन भर कहानियों का आकाशवाणी, दिल्ली से प्रसारण।
हिंदी में लघुकथा लेखन के साथ-साथ, पंजाबी-हिंदी लधुकथाओं के श्रेष्ठ अनुवाद हेतु ”माता शरबती देवी स्मृति पुरस्कार 1992” तथा ”मंच पुरस्कार, 2000” से सम्मानित।
ब्लॉग्स : ‘सेतु साहित्य’(www.setusahitya.blogspot.com),
‘वाटिका‘ (www.vaatika.blogspot.com)
‘साहित्य सृजन‘,(www.sahityasrijan.blogspot.com),
‘गवाक्ष‘(www.gavaksh.blogspot.com),
‘सृजन यात्रा‘ (www.srijanyatra.blogspot.com),
‘कथा पंजाब’ (www.kathapunjab.blogspot.com)
सम्प्रति : भारत सरकार के पोत परिवहन विभाग में अनुभाग अधिकारी(प्रशासन)
सम्पर्क : 372, टाईप-4, लक्ष्मी बाई नगर, नई दिल्ली-110023
ई मेल : subhneerav@gmail.com
दूरभाष : 09810534373, 011-24104912(निवास)
कहानी–
आवाज-(लेखनी-अँक 10- दिसंबर 2007)
आखिरी पड़ाव का दुख (लेखनी-जून-2012)
लघुकथा-
1) बीमार (लेखनी अँक-18-अगस्त 2008)
2)-वाह मिट्टी (लेखनी अँक-18-अगस्त 2008)
3) तिड़के घड़े का पानी ( लेखनी-अंक-19- सितंबर 2008)
4) इन्सानियत का धर्म ( लेखनी-जून-2013)
5) अपने घर जाओ न अंकल! ( लेखनी-जून-2013)
6) जानवर ( लेखनी-नवंबर-2013)
————————————————————————————————
डॉ. सुभाषिनी आर्यन
प्रसिद्ध कला इतिहासकार लेखिका।
मंथन-लेख-भारतीय चित्रकारी में अष्ट नायिका (लेखनी-अँक 12-फरवरी-2008)
—————————————————————————————————————————-
सुशील कुमार
परिचर्चा- लेख – कविता का गद्य-रूप और भावबोध: कुछ विचार ( लेखनी-नवंबर-2009) विचार (लेखनी-जून-2013)
http://smritideergha.blogspot.com/
http://words.sushilkumar.net/
http://www.sushilkumar.net/
http://diary.sushilkumar.net/
मुकाम – हंसनिवास/कालीमंडा/ पो.- पुराना दुमका/दुमका/झारखंड(भारत)-814 101
————————————————————————————————————————
सूर्यनाथ सिंह
जन्म: गाजीपुर, उ.प्र. के गाँव सवना में 1966 में.
प्रकाशित कृतियाँ: ‘कुछ रंग बेनूर’; कहानी संग्रह : ‘शेर सिंह को मिली कहानी’; बाल कहानी-संग्रह : ‘बर्फ के आदमी’, ‘बिजली के खम्भों जैसे लोग’; किशोर उपन्यास : चार बांग्ला पुस्तकों का अनुवाद.
सम्प्रति: जनसत्ता में सहायक सम्पादक.
सम्पर्क: 529 सेक्टर-19, पॉकेट-2, डी.डी.ए. फ़्लैट्स, द्वारका, नयी दिल्ली-75
आकलन
अनुवाद साहित्य की प्रासंगिकता (लेखनी-दिसंबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
डा. सूर्यबाला
जन्म : 25 अक्तूबर 1944 वाराणसी में।
शिक्षा : वाराणसी विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में पीएच. डी.।
कार्यक्षेत्र : कार्य का प्रारंभ आर्य महिला विद्यालय में अध्यापन से। 1972 में पहली कहानी सारिका में प्रकाशित। 1975 में बंबई आने के बाद लेखन में विशेष प्रगति। 1975 में प्रकाशित पहला उपन्यास मेरे संधिपत्र विशेष रूप से चर्चित। डॉ. सूर्यबाला ने अभी तक 150 से अधिक कहानियाँ, उपन्यास, व हास्य व्यंग्य लिखे हैं। इनमें से अधिकांश हिंदी की प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। अनेकों आकाशवाणी व दूरदर्शन पर प्रसारित हुए हैं और बहुतों का देश विदेश की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
सम्मान-पुरस्कार : साहित्य में योगदान के लिए ‘प्रियदर्शिनी पुरस्कार’, ‘घनश्याम दास सराफ़ पुरस्कार’ तथा काशी नागरी प्रचारिणी सभा, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मुंबई विद्यापीठ, आरोही, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, सतपुड़ा संस्कृति परिषद आदि संस्थाओं से सम्मानित।
कहानी-
कागज की नावें चाँदी के बाल ( लेखनी-अंकँ-20-सितम्बर 2008)
उत्सव (लेखनी-अंक 33-अक्तूबर-2009)
————————————————————————————————————————–
संजय जगनाल
दो लघु कथाएँ
कहीं खुशी कहीं गम( लेखनी-मई-2010)
सूझबूझ ( लेखनी-मई-2010)
——————————————————————————————————————————————-
सेहर
लघुकथा
एक और तलाश (लेखनी-जुलाई-2013)
———————————————————————————————————————————————
संजीव निगम
हास्य व्यंग्य
पौली घास पर उछलकूद ( लेखनी-अगस्त-2012)
कूल कूल डैडी के डैमफूल अंकल ( लेखनी-मार्च-2013)
———————————————————————————————————————————————-
संजीव शर्मा
सन 1972 में इलाहाबाद में जन्म हुआ फिर पिता के स्थान्तरण के साथ ताजनगरी आगरा में आ गए। दो साल की आयु से दोनों पैरों में पोलियोजनित पक्षाघात है। कभी स्कूली शिक्षा ग्रहण नहीं की, घर पर रह कर ही साहित्य, मनोविज्ञान, दर्शन आदि का अध्ययन किया। कुछ कहानियां, लेख प्रकाशित हुए, अनुवाद कार्य भी किया। वर्तमान में पूरा समय लिखने-पढ़ने, सामाजिक जागरूकता फैलाने तथा एक लघु न्यूज़ लेटर निकालने को समर्पित। साथ ही घर से ही कंप्यूटर जॉब वर्क और डिजाइनिंग का कार्य। पता – बी-4 साउथ अजीत नगर कॉलोनी, आगरा-282001.
दो लघुकथाएँ
———————————————————————————————————————————————————
संदीप कुमार मील
आत्मकथ्यः जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी हूं । अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एम.ए. कर रहा हूं। सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक मुद्दों में रुचि रखता हूं और कविता कहानी लिखने का शौक। संपर्क सूत्रः पता- संदीप कुमार मील कमरा न. 326 झेलम छात्रावास जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय नई दिल्ली मोबाईल 9990392816Mail ID- skmeel@gmail.com
लघुकथा-तीन खबरें ( लेखनी-अगस्त-2009)
हास्यव्यंग्य-भूतपूर्व ( लेखनी-नवंबर-2009)
——————————————————————————————————————————————-
श्रवण कुमार उर्मलिया
जन्मः 10 अगस्त, 1951 को दक्षिणी झगड़ा खांड कोलिवरी, तहसील-मनेन्द्रगढ़, जिला सरगुजा ( तब म.प्र. अब कोरिया, छत्तीसगढ़) में।
शिक्षाः बी.ई. एम. टेक. ज्योतिष अलंकार, एम. बी. ए.।
कृतियाः तीन कहानी संग्रह, 6 व्यंग्य संग्रह, 2 कविता संग्रह प्रकाशित।
पुरस्कार/सम्मानः हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा वर्ष 1997-98 के लिए ‘साहित्यिक कृति पुरस्कार तथा वर्ष 1993-94 के लिए पत्रिका ‘ उर्जा दीप्ति‘ के कुशल संपादन के लिए पुरस्कृत। भारतीय राजभाषा विकास संस्थान देहरादून द्वारा ‘ भारतेन्दु राजभाषा साहित्य शिरोमणि सम्मान। ‘
व्यंग- अनिर्णय के विशेषज्ञ (लेखनी-अंक-8-अक्तूबर-2007)
————————————————————————————————————————–
संदीप साइलस -वरिष्ठ प्रसासनिक अधिकारी व जाने माने लेखक
मनालीः आनंद का उद्गम स्थल –( लेखनी अँक-2-वर्ष-2-अप्रैल 2008) पुनर्पाठ ( लेखनी-सितंबर 2009)
————————————————————————————————————————–
हरभजन खेमकरनी
संपर्क सूत्रः 4381-ए, रणजीतपुरा, पुतलीघर,
अमृतसर (पंजाब)-143002
लघुकथाः
रिश्तों का अंतर ( लेखनी-जून-2011)
——————————————————————————————————————————————
डॉ. हरी प्रकाश ”वत्स’ [वरिष्ठ साहित्यकार ]
संपर्क सूत्रः ४८,अर्जुन एन्क्लेव भैरव नगर, मठपुरैना ,पो-सुंदरनगर ,रायपुर –४९२००१[छत्तीसगढ़ ]
समीक्षाः सांझ का सूरज ( लेखनी-दिसंबर-2013)
————————————————————————————————————————————————-
हरी जोशी
जीवन परिचय
नाम – हरि जोशी जन्म- 17 नवंबर 1943
ग्राम – खूदिया, तहसील -खिरकिया, जिला -हरदा(म.प्र.)
शिक्षा- एम.टेक. , पीएच.डी.( मेकेनिकल इंजीनियरिंग)
संप्रति- से.नि. प्राध्यापक मेकेनिकल इंजीनियरिंग,
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन(म.प्र.)
पत्रिकाएं जिनमें लिखा- धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान , कादम्बिनी, नवनीत,
नवभारत टाइम्स दैनिक हिन्दुस्तान दैनिक भास्कर
नई दुनिया,साक्षात्कार,हरिगंधा आदि सभी में ।
प्रकाशित पुस्तकें 1. कविता संग्रह- पंखुरियां(1969) यंत्रयुग(1975) हरि जोशी-67(2011)
2. उपन्यास- पगडंडियां(1994)महागुरू(1995)वर्दी(1998) टोपी टाइम्स(2000)
3.व्यंग्य संग्रह-अखाड़ों का देश (1980) रिहर्सल जारी है(1984)व्यंग्य के रंग (1992)
भेड़ की नियति (1994)आशाहै,सानंद हैं ( 1995)पैसे को कैसे लुढ़का लें (1995)
मेरी इक्यावन रचनाएं (1998)आदमी अठन्नी रह गया (2000)
मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएं (2004) किस्से रईसों के (2004) नेता निर्माण उद्योग (2011)
आउटस्कर्टस प्रेस पबि्लकेशन कोलेराडो अमेरिका से प्रकाशित व्यंग्य संकलन माइ स्वीट सेवनटीन(2006)
दुर्लभ सम्मान म.प्र. के मुख्यमंत्री द्ववारा दैनिक भास्कर में 17/09/1982 को प्रकाशित रचना पर निलंबन।शासन द्वारा
ही 24-12-1982 को नई दुनिया (इंदौर) तथा 17-6-1997 को नवभारतटाइम्स में प्रकाशितअन्य
दो रचनाओं पर क्रमशः चेतावनी एवं मानहानि का नेटिस ।
सम्मान – मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन का वागीश्वरी सम्मान (1995), कुछ अन्य सम्मान भी ।
अमेरिका के पोइट्री डॉट कॉम का सिंग ऑन कविता पर एडीटर्स चॉइस अवार्ड(2006)
हर्षा गुप्ता (उज्जैन )तथा रामसिंह ( दिल्ली ) को लेखक के साहित्यिक अवदान पर पी.एच.डी. प्रदत्त।
विदेश यात्राएं – एक बार इंग्लैंड, तथा चार बार अमेरिका की दीर्घावधि की यात्राएं ।
भोपाल का पता- 3/32 छत्रसालनगर , फेज़-2, जे.के.रोड, भोपाल- 462022 (म.प्र)
मोबाइल – 09826426232, निवास- 0755-2689541
हास्य व्यंग्य
प्रेम में सरोबार प्रश्न उत्तर ( लेखनी-नवंबर-2012)
अमेरिका मुझे पसंद नहीं (लेखनी-अप्रैल-2013)
अमेरिका में बालों में छुपा कैरियर ( लेखनी-दिसंबर-2013)
—————————————————————————————————————————————————-
हरीश नवल
हास्य-व्यंग्य
चलो, चलें लालकिला मैदान (लेखनी-अगस्त-2009)
—————————————————————————————————————————————————-
हेमत शर्मा
परिचर्चा
शक्ति ( लेखनी-नवंबर-2012)
परिदृश्य
गौरैया ( लेखनी-नवंबर-2012)
चौपाल
दुष्टता- राजधर्म ( लेखनी-जनवरी-फरवरी-2012)
स्मृति शेष
चाची ( लेखनी-मार्च-2013)
गुफ्तगू
दमाद ( लेखनी-मार्च-2013)
——————————————————————————————————————————————-
हेमा गुहा
राग-रंग
लेख-भारतीय दीपों की मनोहारी विविधता (लेखनी अँक 9, नवम्बर 2007)
——————————————————————————————————————————————-
हृषिकेश सुलभ
कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ का जन्म 15 फ़रवरी सन् 1955 को बिहार के छपरा ( अब सीवान ) जनपद के लहेजी नामक गाँव में हुआ। आरम्भिक शिक्षा गाँव में हुई और अपने गाँव के रंगमंच से ही आपने रंगसंस्कार ग्रहण किया। विगत तीन दशकों से कथा-लेखन, नाट्य-लेखन, रंगकर्म के साथ-साथ हृषीकेश सुलभ की सांस्कृतिक आन्दोलनों में सक्रिय भागीदारी रही है। आपकी कहानियाँ विभि™ा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और अँग्रेज़ी सहित विभि™ा भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं।
रंगमंच से गहरे जुड़ाव के कारण कथा लेखन के साथ-साथ नाट्य लेखन की ओर उन्मुख हुए और भिखारी ठाकुर की प्रसिद्ध नाट्यशैली बिदेसिया की रंगयुक्तियों का आधुनिक हिन्दी रंगमंच के लिए पहली बार अपने नाट्यालेखों में सृजनात्मक प्रयोग किया। विगत कुछ वर्षों से आप कथादेश मासिक में रंगमंच पर नियमित लेखन कर रहे हैं।
बँधा है काल, वधस्थल से छलाँग और पत्थरकट – तीनों कथा संकलन एक ज़िल्द में तूती की आवाज़ शीर्षक से तथा अमली ( बिदेसिया शैली पर आधारित नाटक ), माटीगाड़ी ( शूद्रक रचित मृच्छकटिकम् की पुनर्रचना ) और मैला आँचल ( फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास का नाट्यांतर ) एक ज़िल्द में तीन रंग नाटक शीर्षक से प्रकाशित। इनके अलावा कथा संकलन वसंत के हत्यारे , राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल द्वारा मंचित नाटक बटोही और रंगसमीक्षा की पुस्तक रंगमंच का जनतंत्र प्रकाशित हंै। धरती आबा आपकी नई नाट्यरचना है।
कहानी समकालीन
वसंत के हत्यारे ( लेखनी अंक 49, मार्च 2010)
Leave a Reply