हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में साहित्यकार गुरमीत बेदी के कहानी संग्रह ‘सूखे पत्तों का राग ‘ का विमोचन किया। इस कहानी संग्रह में लेखक के अलग – अलग अनुभवों से उपजी 14 कहानियाँ हैं। संग्रह की भूमिका जानी मानी कथाकार व प्रसार भारती की पूर्व अध्यक्ष चित्रा मुदगिल ने लिखी है।
ऊना में जि़ला लोक संपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत गुरमीत बेदी की यह सातवीं किताब है। उनके 2 कहानी संग्रह, 3 व्यंग्य संग्रह, 1 कविता संग्रह और एक शोध पुस्तक प्रकाशित हुई हैं और उन्हें कविता संग्रह ‘ मौसम का तकाज़ा ‘ के लिए हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी अवार्ड सहित विभिन्न प्रदेशों व विदेशों के भी कई साहित्यिक पुरस्कार मिल चुके हैं। हिमाचल की कला, संस्कृति पर भी गुरमीत बेदी ने अनवरत लेखन किया है। उनके तीन उपन्यास भी धारावाहिक रूप से प्रकाशित हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने साहित्य की हर विधा में लेखन करके प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए लेखक को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि गुरमीत बेदी भविष्य में अपनी लेखनी से साहित्य जगत को समृद्ध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस संग्रह की कहानियों में पर्वतीय जीवन शैली की महक रची बसी है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का नैसर्गिक सौंदर्य व शांत माहौल हमेशा से ही लेखकों व कलाकारों को आकर्षित करता आया है और यहां के साहित्यकारों ने साहित्य जगत को कई कालजई रचनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार साहित्य व संस्कृति के सरंक्षण व संवर्धन के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित कर रही है और उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों पर सरकार द्वारा पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण कहलाता है और साहित्यकारों की रचनाएं समाज को नई दिशा देती हैं।
इस अवसर पर सिंचाई व स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष डा प्रेम शर्मा व भाषा विभाग की निदेशक शशि ठाकुर सहित अनेक साहित्यकार व गणमान्य लोग उपस्थित थे
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