ग़ज़लः योगिता ज़ीनत


सामने सहरा है तेरे , आब की बातें न कर
जब हक़ीक़त रूबरू है ख़्वाब की बातें न कर

तू समुंदर है अगर तो अपनी गहराई दिखा
और जो दरिया है तो सैलाब की बातें न कर

जिसने दी अपनी शहादत घर बनाने के लिए
नींव के आगे कभी महराब की बातें न कर

मज़हबों के नाम पर तू अब न चिंगारी लगा
मोम के पुतलों के आगे ताब की बातें न कर

ज़िन्दगी जिनकी अमावस बन गई उनके लिए
रोशनी बनकर दिखा महताब की बातें न कर

हम नहीं ताजिर कि हम हैं चाहने वाले तेरे
हमसे ऐसे ज़र , ज़मी ,असबाब की बातें न कर

जो कभी अपने थे ‘ज़ीनत’ आज वो सब ग़ैर हैं
रिश्ते – नाते , दोस्त और अहबाब की बातें न कर

नज़र भर कर उसे देखा नहीं है
वो मुझमें है मगर , मेरा नहीं है

नहीं गुज़रा कोई लम्हा भी ऐसा
कि मैंने जब उसे सोचा नहीं है

किसी ने छीन ली उसकी रवानी
वो दरया है मगर बहता नहीं है

सफ़र की धूप ने समझा दिया ये
दरख़्तों सा कोई साया नहीं है

नहीं समझी हूँ मैं भी इस जहां को
जहां ने भी मुझे समझा नहीं है

मैं उसके वास्ते क्या हूँ ये छोड़ो
वो मेरे वास्ते क्या – क्या नहीं है

मुहब्बत को वही जीता है ‘ज़ीनत’
जो पल-पल मर के भी मरता नहीं है

तेरी महफ़िल में गर ठहर जाते
हम तिरी बेरुख़ी से मर जाते

तेरा हर ज़ुल्म सह लिया हँसकर
छोड़ कर दर तिरा किधर जाते

हाल मेरा जो पूछ लेते तुम
ज़ख़्म मेरे भी कुछ तो भर जाते

इश्क़ माना है दर्द का दरिया
साथ चलते तो पार कर जाते

झूट की क़ैद में थे आईने
वरना कितने ही सच सँवर जाते

ख़त्म होता नहीं सफ़र वरना
हम भी एक रोज़ अपने घर जाते

कोई ऐसा मिला नहीं ‘ज़ीनत’
ज़िन्दगी जिसके नाम कर जाते

रस्मे – उल्फ़त में क्या किया जाए
दिल लिया जाए , दिल दिया जाए

दे चुका इश्क़ इम्तिहां कितने
अब तो कुछ फ़ैसला किया जाए

वस्ल की तो नहीं कोई उम्मीद
ग़म-ए-फुरकत में ही जिया जाए

ज़ख़्म ताज़ा हैं सुर्ख़ हैं आँखें
ख़ून का घूँट पी लिया जाए

हुस्न के साथ तो है मज़बूरी
इश्क़ ज़ालिम है क्या किया जाए

एहतरामन सलाम करती हूँ
कोई मतलब नहीं लिया जाए

बात करना मुहाल है ‘ज़ीनत’
अपने होठों को सी लिया जाए

न इस पार लिखना, न उस पार लिखना
मेरे प्यार को सिर्फ़ मझधार लिखना

कहानी से मेरी हो वाक़िफ़ नहीं तुम
पढ़ो मुझको फिर मेरा किरदार लिखना

तमाशा-ए-दुनिया बना कर उसी ने
बनाया है सबको अदाकार लिखना

निशाने क़दम मेरे मिल जाएँ गर तो
समय के बदलने की रफ़्तार लिखना

लिखो गर मुहब्बत का कोई फ़साना
मुहब्बत का मुझको परस्तार लिखना

समर्पण किया जिसने सागर में जाकर
कभी उस नदी का भी विस्तार लिखना

असर जो न पैदा करे वो क़लम क्या
लिखो जब भी ‘ज़ीनत’ असरदार लिखना

योगिता शर्मा
जन्म स्थान : जयपुर (राजस्थान)
जन्मतिथि : 5 दिसंबर, 1978
शिक्षा : बी. कॉम. , एम.ए. लोक प्रशासन

अभिरूचि : गीत, ग़ज़ल, दोहे आदि का लेखन-पठन व संगीत सुनना

काव्य विधा : ग़ज़ल, नज़्म, दोहा, गीत, कविताएँ आदि

भाषायी ज्ञान : हिंदी, अंग्रेज़ी और राजस्थानी

अदबी सफ़र: दिल्ली में साहित्य को समर्पित ‘नवांकुर साहित्य सभा’ और दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी ( संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित काव्य गोष्ठियों व मुशायरों में काव्यपाठ, देश के विभिन्न राज्यों में कवि सम्मेलनों और मुशायरों में भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलनों में निरंतर भागीदारी।

प्रकाशन एवं प्रसारण : देश-विदेश की अनेकानेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में निरन्तर प्रकाशन तथा रेडियो, आकाशवाणी और यूट्यूब चैनल पर निरंतर रचनाओं का प्रसारण।

उपलब्धि : ग़ज़ल गायकी के सम्राट जगजीत सिंह जी से ‘जीनत’ उपनाम प्राप्त, हिंदी साहित्य को समर्पित संस्था ‘नवांकुर साहित्य सभा’ द्वारा काव्यांकुर 6 के लिए पूरे भारत से प्राप्त की गई नवोदित कवियों की रचनाओं में अंकों के आधार पर चयनित 16 नवोदित कवि-कवयित्रियों में ‘प्रथम स्थान प्राप्त।

साझा संग्रह: ‘काव्यांकुर 6’, ‘सृजन सरिता’, ‘इस दौर की ग़ज़लें’, ‘समकालीन दोहा विशेषांक’, ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते’, ‘कविलोक के सितारे’, ई पत्रिका अश्रुतपूर्वा का ‘ई बुक’ के रूप में साझा काव्य-संग्रह, 9 महिला ग़ज़लकारों की 10-10 ग़ज़लों का संग्रह ‘ग़ज़ल नवरूपा’

ग़ज़ल के एल्बम : ‘दर्द’, ‘दो पल’, ‘माहताब’ भजन का अल्बम ‘मेरे कान्हा जी’

दोहों का अल्बम : ‘गो कथा’ (गाय पर 108 दोहे)

प्रकाशनाधीन किताबें : एक दोहा संग्रह और एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन

प्रमुख सम्मान : साहित्य को समर्पित दिल्ली की संस्था ‘नवांकुर साहित्य सभा’ द्वारा इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में ‘नवांकुर साहित्य सम्मान’, राज सारथी फाउंडेशन द्वारा तमन्ना उड़ान की ‘नारी शक्ति सम्मान’, युवा संस्कृति राजस्थान युवा छात्र संस्था द्वारा साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए ‘विवेकानन्द गौरव सम्मान’ , जी. एल. सैनी मेमोरियल हेल्थ सोसायटी एवं श्री कल्याण संगीत कला संस्थान द्वारा ‘कला और साहित्य’ के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए देश की शान ‘हसरत जयपुरी गौरव रत्न सम्मान’, माही संदेश पत्रिका का ‘काव्य क़लम सम्मान’ – 2022 , ‘गीता श्रीवास्तव स्मृति कविलोक शक्ति सम्मान’ -2022

संप्रति : जयपुर से प्रकाशित मासिक साहित्यिक पत्रिका ‘माही संदेश पत्रिका’ में प्रबंध संपादक की भूमिका में कार्यरत एवं स्वतंत्र लेखन

संपर्क : प्लाट नंबर – 846, रामनगर, शास्त्रीनगर, जयपुर (राजस्थान), पिन कोड – 302016
दूरभाष : 9352835381
ई मेल आईडी : yogita.zeenat@gmail.com

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