बूँद बूँद ज़िंदगी तन्हा पुकारती उसे ।
खो गई हँसी ख़ुशी वफ़ा तलाशती उसे।
कामना बढ़ी वृथा अनंत आस पालती,
प्रीत को सहेजती सदा सँवारती उसे।
शूल पंथ पर बिछे असंख्य सोचते रहे,
कर्म शेष शांत भाव से बिसारती उसे।
मोह से जुदा हुए न भ्रांति का वजूद है ,
सत्य रूबरू जहां वहीं सराहती उसे ।
जो यथार्थ जानते गुमान हो रफ़ा दफ़ा ,
दिव्य सृष्टि चांद नेह से निहारती उसे।
अनंत स्वप्न का मिले जहान चाह में बसे।
सुप्रीत भाव साध चेतना निगाह में बसे।
वृथा नहीं गँवा अशेष बेशक़ीमती हँसी ,
सहेजते रहे न दर्द श्वास आह में बसे।
सितार प्यार का बजे,वफ़ा मशाल की जले ।
मिले तमाम मंज़िलें ख़ुशी पनाह में बसे।
कभी कहीं न लक्ष्य को भूलते सुधीर है ,
सदा विषाद दूर ,हर्ष वाह वाह में बसे।
विवेक से चले कहीं रूकावटें न रोकती ,
परे रहे विकर्म जो सभी गुनाह में बसे।
नैन कोरे नहीं, कुछ बहा तो चले ।
चाँद तन्हा रहा ,पर निशा तो चले।
मत पड़ो फेर में क्या मिला ना मिला
जो वफ़ा तुम करो दिल लुटा तो चले ।
ये तिजारत नहीं प्यार की बात है
जान लें ,ज़िंदगी वो बना तो चले।
हसरतें मिट गई हो गये जो जुदा
धूल अब चाहतों की उड़ा तो चले ।
अनगिनत हादसा से भरी ज़िंदगी
पर सही आरिजा का पता तो चले।
राज अहसास तो जान पाये तभी
देख शीशा सही ग़म हटा तो चले ।
डोलता दर बदर बेख़ुदी में यहाँ
रात यूँ कट गई अब सबा तो चले।
चंदा प्रहलादिका
शिक्षा-बी ए आनर्स (हिन्दी साहित्य)कोलकता
आठवीं कक्षा से ही कविता लेखन में संलग्न
दसवीं कक्षा में पहला रेडियो प्रोग्राम, एवम पत्रिका में कविता प्रकाशित
अभ्युदय काव्य समूह -अध्यक्ष
अभ्युदय बंगाल शाखा- मुख्य सचीव
अज्ञेय,महादेवी वर्मा,जयशंकर प्रसाद से प्रभावित साहित्य एवम दर्शन का गहरा अध्ययन ।
काव्य लेखन स्वांतः सुखाय के लिए।
हिन्दी कवियित्री, गायिका
मदर टेरेसा अवार्ड 2020 प्राप्त
महिला काव्य मंच में सम्मानित
एवम् अनेकों सम्मान एवम पुरस्कार प्राप्त ।
लोक संस्कृति संस्था में सक्रिय सदस्य ।
मारवाडी संस्कृति मंच में सक्रिय सदस्य।
अन्तराष्ट्रीय मारवाडी सम्मेलन मे सदस्य ।
नवसंध्या सास्कृतिक संस्था में सक्रिय सदस्य।
भारतीय विकास परिषद की सदस्य
अखिल भारतीय अंतराष्ट्रीय महिला समिति की सदस्य
अनेकों सांस्कृतिक एवम् साहित्यिक कार्यक्रमों में मंच संचालन
काव्य गोष्ठियों में कविता पाठ एवम गीत प्रस्तुति ।
समाज सेवा में सक्रिय रूप से संलग्न
अनेकों पत्र पत्रिकाओ मे कविता प्रकाशित ।
अहसास काव्य पुस्तक(सम्मिलित संग्रह )
पुष्प परिमल-सम्मिलित काव्य संग्रह भावनाओं के अंकुर-एकल काव्य संग्रह
मुखरित मौन -एकल काव्य संग्रह
यशोधरा एक व्यथा- खंडकाव्य
गूँज अनुगूँज -एकल छंद काव्य संग्रह
वृथा नहीं ये रागिनी – एकल छंद काव्य