उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ : प्रो. बी. एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं : गोविंदराजन चेन्नै, 11 जनवरी, 2025 (प्रेस विज्ञप्ति) ‘डॉ रज़िया बेगम की कविताएँ सरल एवं […]
मैं हिन्दी ——— हिन्द की हिन्दी हिन्द का हिन्दू जैसे उड़ती जाए खुशबू डाल से टूटी पत्ती-सी सुदूर किनारों पर जा पहुँची देखा जब अजबनियों ने वही रूप रंग और खुशबू पूछा तुरंत-‘हिन्द की?’ भरपूर […]
कुछ भी शेष नहीं.रहता बस यादें रह जाती हैं। अब शेष रही यादों में रतन टाटा की उज्वल मानवीय छवि देश के हृदय में .अंकित रह गई है। जमशेदपुर. टाटानगर ने सही अर्थों में अपने […]
अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक महोत्सव सह साहित्यिक महाकुंभ में पूरे देश से साहित्यकार पधारे और विभिन्न सत्रों में अपनी रचनाशीलता का जौहर दिखाया। साल्टलेक के सीजे ब्लॉक में आयोजित इस आयोजन […]
“लेखन एक तपस्या है, जिसमें जलकर लेखक कुंदन बनता है। आज जिन लेखकों को सम्मान मिल रहा है, उन्होंने अपने लंबे संघर्ष और निष्ठा से यह मुकाम हासिल किया है।” डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने स्पेनिन […]
जिस भाषा के पास ढाई लाख शब्द का विशद कोष हो ,,जो भाषा पांच करोड़ लोगों की जुबान पर हो ,,जिसका अपना विपुल साहित्य हो ,,जिसका गौरवमयी इतिहास हो ,,,जिसे केंद्रीय साहित्य अकादमी ने भाषा […]
आज रविवार की इत्मीनान वाली सुबह में घर की बालकनी में हल्की ठंडक के बीच गरम चाय की चुस्कियां लेते हुए अखबार पढ़ रहे थे| अन्दर के किसी चौथे पांचवे प्रष्ठ पर छपी एक छोटी […]
राम किसी दिव्य पुरुष का नाम नहीं है । राम मनुष्य की आस्था, शक्ति और सौंदर्य का उज्ज्वल नाम है । यह भी सत्य है कि राम मूर्तियों में नहीं, हमारे जीवन में हैं । […]
नरेन्द्र गोवर 3 अप्रैल 1937- 12 फरवरी 2024. बरमिंघम का एक मुस्कुराता चेहरा और सहृदय इन्सान व उम्दा गीतकार नरेन्द्र ग्रोवर जी हमें 12 फरवरी को अलविदा कह गए। बरमिंघम वासी होने की वजह से […]
पाठ लेखन के समय लेखक को स्वयं शिक्षार्थी लर्नर बनना ही होगा – प्रो. गोपाल शर्मा “एस एल एम (सेल्फ लर्निंग मेटीरियल) या स्व-अध्ययन सामग्री ऐसी सामग्री है जिसे आदि से लेकर अंत तक छात्रकेंद्रित […]