लेखनी/Lekhni-मार्च-अप्रैल 16

सोच और संस्कारों की सांझी धरोहर
Bridging The Gap
Marchapril-16

” सूरज एक नाव है, जो पच्छिम की लहर से डूब गई…सूरज रूई का एक गोला है, जिसे गहरी आंधी ने धुन दिया…सूरज एक हरा जंगल है, जो सूख कर सरकंडा बन गया है…सूरज दिल की आग से खाली है, इसने मेरे दिल की आग से कोयला मांगकर अपनी आग सुलगाई थी…सूरज सूइयों की एक पोटली है, जो मेरे पोरों के आर-पार हो गई है…सूरज एक खौलती हुई देग़ है, जिसमें आज मेरे इश्क़ को बैठना है… सूरज एक पेड़ है, जिस पर से किसी ने किरनें तोड़ ली हैं…सूरज एक घोड़ा है, जिसके ऊपर से उजाले की काठी उतर गई है…सूरज एक दीया है, जिसे अंबर के आले में रखकर जलाया जा सकता है…सूरज मेरे दिल की तरह है, जो घबरा कर अंधेरे की सीढ़ियां उतर जाता है…सूरज एक बुझा हुआ कोयला है, जिससे अंबर लकीरें खींचकर किसी की राह देखता है…सूरज एक उम्मीद है, जिसके बिना रातें काली चीलों की तरह आसमान में उड़ रही हैं…”
-अमृता प्रीतम

परिकल्पना, सम्पादन, प्रकाशनः शैल अग्रवाल

वर्ष 10/ अंक 101
( Year 10/ Issue 101)

अपनी बातःशैल अग्रवाल। कविता धरोहरः भगवतीचरण वर्मा, महादेवी वर्मा। यादगार गीत और ग़जलः फिराक गोरखपुरी, सूरदास। कविता आज और अभीः नरेश सक्सेना, मधुप मोहता, अशोक गुप्ता. विजय सत्पत्ति। गीत और ग़ज़लः प्राण शर्मा। माह के कविः सुशांत सुप्रिय। परिचर्चाःआजकी नारी और आतिया दाउद-देवी नागरानी। कहानी समकालीनः वोदका भरी आँखों वाली लड़की-शिखा वाष्णेय। मुझे माफ कर दो अम्मा-पद्मा शर्मा। बच्चे-रूपसिंह चन्देल। अकारण-शैल अग्रवाल। उपन्यास अंशः रौशनी अधूरी सी-इला प्रसाद। दो लघुकथाएँ: विजय सप्पति, लक्ष्मी यादव। पर्यटनः धुंध के पार-शैल अग्रवाल। पुस्तक समीक्षाः सरहदें-ऋषभदेव शर्मा। संस्मरणः काशी-हेमंत शर्मा। संस्मरणः कालगढ़ की धनतेरस-आदिल रशीद। चांद परियाँ और तितलीःशैल अग्रवाल।

In the English Section: My Column. Favourite Forever: John Keats. Story-Classic: Stench of Kerosene-Amrita Pritam/Translation from Punjabi-Khushwant Singh. Travelogue: Unforgettable-Shail Agrawal.

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