लेखनी/Lekhni-जनवरी-फरवरी 17

सोच और संस्कारों की सांची धरोहर
Bridging The Gap
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दुनिया देश समाज हम
सब कुछ तो वही का वही
फिर भी चाह सदा रही
नया कुछ करेंगे
बदलेंगे जर्जर और अनचाहा
नहीं निभानी कोरी रस्म बस
अब वह अभिनंदन की…
-शैल अग्रवाल
वर्ष नव, हर्ष नव, उत्कर्ष नव
(अंक 107, वर्ष 10)
( मुखपृष्ठ चित्रांकनः नंदलाल बोस)

इस अंक मेंः अपनी बात। कविता धरोहरः शिवमंगल सिंह सुमन। मेरी पसंदः अवतार सिंह पाश। गीत और ग़ज़लः हस्तीमल हस्ती। माह के कविः आशीष दशोत्तर । कविता आज और अभीः लीलाधर जगूड़ी, अनामिका, पंखुरी सिन्हा, पंकज मिश्र अटल, शैल अग्रवाल । माह विशेषः पद्मा मिश्रा, बुद्धिनाथ मिश्र, शैल अग्रवाल, सुरेन्द्र अग्निहोत्री, रामेश्वर कम्बोज हिमांशु, चंद्रशेखर पाण्डेय । नोटबन्दीः दो शब्द चित्र- शैल अग्रवाल। कहानी विशेषः सुहागिनें- मोहन राकेश। कहानी समकालीनः बौड़मदास-सुशांत सुप्रिय। कहानी समकालीनः बालगुरु-मृदुला गर्ग। कहानी समकालीन मिस्ट्रेस-शैल अग्रवाल। परिचर्चाः आँखों देखी-शैल अग्रवाल। चाँद परियाँ और तितलीः चार बालगीत-रामेश्वर कम्बोज हिमांशु।

In the English Section: My Column. Favourite Forever: Robert Burn . Poetry Here & Nowः Satyendra Srivastava. Story: Shail Agrawal . Kids Corner: Spike Milligan .

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