उत्तर अमरीका के पहले कभी न देखे हुए प्रांत नोर्थ केरोलाईना और साउथ कैरोलाइना को देखा।
साउथ कैरोलाईना और नार्थ कैरोलाइना प्रांत की यात्रा पर हम २९ लोग, अपनी अपनी गाड़ी से अमरीका के दक्षिण पूर्वीय दिशा में बसे इलाके की और बढ़ते जा रहे थे। मेरे पति दीपक जी की मित्र मंडली के सारे साथी एवं उनके परिवार के सदस्य हमारे संग थे। ये सभी मित्र हर इतवार को साथ साथ टेनिस खेलते हैं। एक बार एक मित्र ने सुझाया कि ‘ क्यों न हम लोग इकठ्ठे यात्रा पर चलें ? ‘ जब सब ने सहमति जताई की अब की गर्मियों की छुट्टी होगी तब अवश्य जायेंगें तो यात्रा का कार्यक्रम निश्चित हो गया। तो बस, उन्हीं सब के संग हम लोग यहां आये हुए थे। इस ग्रूप में ३, या ४ डाकटर हैं और सभी, उच्च शिक्षा प्राप्त नौकरीपेशा लोग हैं। अधिकाँश दक्षिण भारत के भिन्न भिन्न प्रांतों से हैं ! कोई बेंगलूर से है तो कोई चैन्नई से ! कोई विशाखापट्ट्नम से है तो कोई पॉन्डिचेरी से ! कोई तिरुपत्तनम से है तो कोई त्रिवेंद्रम से तो कोई केरल से है! इनमे से कुछ ‘ हिन्दी भाषा ‘ बोल, समझ लेते हैं और कुछ बिलकुल नहीं जानते ! इसी तरह, अमरीका में, भारत के हरेक इलाके से आया व्यक्ति आपको मिल जाएगा।
ओहायो के सीनसीनाटी शहर से दक्षिण पूर्व दिशा में यात्रा करना निश्चित हुआ, मुख्यतः नार्थ कैरोलाइना प्रांत।
हम जहां रहते हैं उस ओहायो प्रांत से, दक्षिण पूर्व अमरीका की दिशा में यात्रा करते हुए, हम लोग कैरोलिना प्रांत आ पहुँचे तो देखा कि अमरीका में हरेक प्रांत में उगते हुए वृक्ष – पेड़,पौधे सर्वथा अलग किस्म के होते हैं। भौगोलिक स्थान के कुछ ख़ास प्रकार के वृक्ष उस प्रांत की विशिष्ट पहचान बन जाती है। दक्षिण अमेरिका की आबोहवा भी उत्तरीय प्रांतों से भिन्न है तो हमें आबोहवा में भी काफी फर्क महसूस हुआ। अमरीका के ५२ प्रांतों के कुछ शहरों के नाम बिलकुल एक जैसे – एक समान हैं। नाम एक सा है जिनके आगे ‘ साउथ ‘ और ‘ नार्थ ‘ जोड़ दिया गया है। उदाहरणार्थ – साउथ डकोटा और नार्थ डकोटा ! यह दोनों डकोटा प्रांत, विशाल अमरीकी भूखंड के उत्तर मध्य दिशा में स्थित प्रांतों के नाम हैं। वैसा ही नार्थ कैरोलाइना और साउथ कैरोलाइना के साथ भी हुआ है।
हमें, नार्थ कैरोलाइना प्रांत की हवा में, हमारे ओहायो प्रांत से अधिक नमी महसूस हुई और मौसम भी ज्यादह तापमान लिए ज्यादह गरम लगा । सूर्य की किरणें भी यहाँ अत्यंत प्रखर थीं ऐसा लगा ! नार्थ कैरोलाइना प्रांत, साउथ कैरोलाइना की उत्तर दिशा में है। यह प्रांत हमारे ओहायो प्रांत से जो काफी उत्तर दिशा में स्थित है, ग्रीष्म ऋतु में बहुत अधिक गर्म हो जाता है और उमस भरे दिन के बाद जोरों की बरखा भी यहां अक्सर होती रहती है अतः यह प्रांत प्राकृतिक हरियाली लिए काफी हराभरा है।
विश्व के महान अट्लाण्टिक महासागर के किनारे, मुख्य प्रदेश कैरोलाइना से आगे, मुख्य भूखंड से कुछ बाहर निकला हुआ एक द्वीप है जिसका नाम है ‘ हिल्टन हेड आइलैंड ‘ ! वह हमारी यात्रा का मुख्य लक्ष्य था किन्तु मार्ग में दर्शनीय स्थानों का आनंद भी लेना था।
हम लोगों ने ६, ७ परिवारों ने अटलांटिक महासागर के किनारे बसे इस पर्यटन स्थल पर किनारे से सटे हुए ‘ रिज़ॉर्ट ‘ में ६ दिनों के लिए एक कॉटेज रिज़र्व कर रखा था। वहीं हमे आगे जाकर पहुंचना था। एक मजबूत लोहे और स्टील कॉन्क्रीट के पुल या ब्रिजको पार करते ही एक अलग दुनिया में ये मार्ग यात्रिओं को ले चलता है।
अटलांटिक सागर का जल इस ‘हिल्टन हैड ‘ को चारों ओर से घेरे रहता है और जल का रंग कुछ मटमैला है। इस सागर के साहिल पे बिखरी रेत, भारतवर्ष में बसी महानगरी मुम्बई के एक बीच – जुहू किनारे जैसी ही लगी। पूर्व अमरीकी एटलांटोक महासागर के मुकाबले पश्चिम अमरीका जो पेसेफिक महासागर से सटा हुआ है उसका घोष करता हुआ जल अधिक स्वच्छ है। गहरे पारदर्शक फिरोजी फेनिल जल से प्लावित है और एक अलग किस्म के रंग की आभा लिए अमरीका के सुदूर पश्चिम में पेसेफिक महासागर धूप में चमकता रहता है और वास्तव में मनोमुग्धकारी है।
अमरीका के दक्षिणतम भूभाग में स्थित है ‘ गल्फ ऑफ़ मेक्सिको ‘ का समुद्र ! समुद्र महासागर की अपेक्षा में छोटा होता है और अमरीका के दक्षिण में ‘ करेबीयन समुद्र ‘ भी है। यह दोनों समुद्र एक अलग सी रंगत लिए हुए हैं। अटलांटिक और पेसेफिक महासागरों से दोनों आकार में छोटे होने के कारण समुद्र कहलाते हैं और ज़मीन से घेरे हुए सागर को ‘ गल्फ ‘ कहा जाता है। किसी भी यात्रा का मकसद यही होता है कि नयनाभिराम दृश्यों को देखते हुए उन्हें सदा के लिए स्मृति पटल पर कैद कर लिया जाए ! तो मन और नयन ये सारे विलक्षण और अद्भुत नजारे कैद करने में व्यस्त थे । साथ में था सेल फोन कैमरा ! जी हाँ ! अब तो सेल फोन में भी कैमरा है तब चित्र लिए बिना, तो यात्रा अधूरी न रह जाएगी ? इसलिए हमने भी जी भर कर विविध दृश्यों के सुँदर चित्र लिए।
खैर ! अभी तो हम यात्री गण ‘ नार्थ कैरोलाइना ‘ तक ही सफर में पहुंच पाए थे।
नार्थ कैरोलाइना प्रांत की राजधानी का नाम है ~ राले( ह) Raleigh ! अधिकतम आबादी शार्लेट नामक शहर में आबाद है। विश्व की सबसे लम्बी नदी ‘ मिसिसिपी ‘ यहां से गुजरती है। सं. १८०० से इस प्रांत की उपजाऊ भूमि से कपास और तमाखू की खेती द्वारा खूब धन कमाया गया है। एपलाचेंन नाम की पहाड़ियां भी नार्थ कैरोलाइना प्रांत का भौगोलिक सौंदर्य बढ़ातीं हैं। लाल रंग का सुन्दर पक्षी कार्डिनल प्रांत का चहेता पंछी है तो डॉगवुड़ के श्वेत पुष्प तथा कैरोलाइना लिली प्रांत के चुने हुए फूल हैं।
चित्र : कैरोलाइना लिली डॉगवुड़ के श्वेत पुष्प लाल रंग का सुन्दर पक्षी कार्डिनल ~
हमारी रोचक यात्रा का मध्यबिंदु इस नार्थ कैरोलाइना प्रांत का ‘ एशविल ‘ नामक सुन्दर शहर आया और यहां हमें रूकना था। यह हमारी यात्रा का प्रथम चरण था। एशविल शहर में चार ऋतएँ आतीं और जातीं रहतीं हैं। बसंत, ग्रीष्म, पतझड़ और शीत कालीन ऋतुएँ इस सुँदर शहर में सदैव, खुशनुमा मौसम लेकर आतीं और जातीं हैं। इस बढ़िया मौसम के कारण अधिकाँश लोग, इस शहर में रहना पसंद करते हैं। एशविल शहर में अमरीका के अत्यंत धनाढ्य वेंडरबिल्ट परिवार ने भी उम्दा मौसम के कारण इस शहर को चुना था और वेंडरबिल्ट परिवार का १४६,००० भूभाग पर फैला हुआ अति भव्य, ग्रीष्म काल में रहने के लिए ख़ास तौर से बनवाया हुआ एक अद्भुत व दर्शनीय आवास है जो एशविल शहर की शान है, नाम है ~ ‘ बिल्टमोर एस्टेट ‘ !
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सं. १८८८ में महाशय जॉर्ज वेंडरबिल्ट ने मेनहट्टन न्यूयॉर्क से एशविल पहुँच कर अपने लिए एक भव्य आवास बनवाने का निश्चय किया था। कहते हैं कि सं. १९४२ विश्व युद्ध के समय इस एस्टेट में, अमरीका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. से ला कर बहुमूल्य स्थापत्य व चित्रकला के खजाने को, जर्मन प्रजा को समूचे विश्व से युद्ध करने पर उकसानेवाले हिटलर के लोभी नज़रों से से विश्व युद्ध के दौरान बचाकर यहीं पर छिपाया गया था।
बिल्ट्मोर एस्टेट उत्तर अमरीकी भूखंड का, सब से विशालतम, नीजी आवास है। चित्र : ‘ बिल्टमोर एस्टेट
चित्र : ‘ बिल्टमोर एस्टेट का अति विशाल बाग़ जहाँ बाहर आपके स्वागत के लिए फूल मुस्कुरा रहे हैं।
कुछ वर्ष पूर्व बाहर से इस आलीशान आवास की बस एक झलक देखकर, हम अपनी एक पिछली यात्रा के दौरान आगे बढ़ गए थे। परन्तु इस बार हमने, बाकायदा, प्रवेश शुल्क देकर, टिकट खरीद कर, इस विशेष आवास को जी भर कर देखना निश्चित क्या था। जिन पहाड़ियों पर ‘ बिल्टमोर ‘ बसा हुआ है उन पहाडियों को ‘ ब्लू – रीज़ ‘ माउंटन ‘ कहते हैं। बिल्ट्मर एस्टेट तिमंजिला आवास है जिस में कई प्रकार के ख़ास कमरे बने हुए हैं।
भीतरी कक्ष का दृश्य : कई प्रकार की बहुमूल्य लकड़ी से निर्मित साज सज्जा व१६ वीं शताब्दी में बने कालीन, १०,००० पुस्तकों लिए पुस्तकालय व भित्ती चित्र ।
(क्रमशः)
लावण्या शाह