आज उम्र के इस पड़ाव पर जब मैंने आईना देखा तो मेरी आईने के साथ गुफ्त़गू शुरू हो गई। एक ओर वह मेरे कान में कुछ कहने लगा दूसरी ओर उसमें मेरी साहित्यिक यात्रा प्रतिबिंबित होनी शुरू हो गई।
आईना सच कहने से नहीं घबराता। बिना क़सम खाये भी जो कहता है सच कहता है उन्हीं सच की पोटली लिए बैठी हूँ आज। मन में भावनाओं का सागर उमड़-घुमड़ रहा है और माँ की छवि आँखों के आगे आ रही है जिन्होंने बचपन में ही मेरे मन में कुछ न कुछ लिखते रहने के भाव संजोए, मुझे संवेदनशील बनाया। दिल से निकली –
आह…
‘दिल बड़ा नाज़ुक होता है।’
सोच कर उसके इर्द-गिर्द बना ली
एक मज़बूत दीवार कठोरता की।
ताले जड़ दिये सभी प्राचीरों के
मुख्य द्वारों पर।
मुनादी करवा दी मन से
‘किसी भी संवेग का प्रवेश निषेध’
एहसासों पर चुप्पी,
भावनाओं पर प्रतिबंध,
कामनाओं पर नियंत्रण,
इच्छाओं का दमन,
संवेदनाएं खा़मोश।
अँधेरा छाने लगा।
दिल घबरा गया।
नेत्र कातर हो गये।
साँसें घुटने लगीं।
मन मचलने लगा।
संवेदनशील हृदय से
एक ‘आह’ निकली,
आह ने तोड़ दिये
सारे कठोर बन्धन,
आह को मिले शब्द
और कविता बन गई।
स्वछंद,मेरी कविता
बहने लगी हर जगह
सात समुन्दर पार भी
निरंतर बह रही है
उन्मुक्त नदी सी।
कहीं कोई ठहराव नहीं।’
अरे! यह क्या?
चश्मा लगा कर आईने में झाँका तो मुझे अपनी पूरी साहित्यिक यात्रा लिखी हुई चलचित्र की तरह नज़र आने लगी। आप भी मेरे साथ ज़रा मुलाहिज़ा तो फ़रमाइए –
परिचय-
शिक्षा-बी.ए., बी.एड.।
कवयित्री, कहानी तथा स्क्रिप्ट लेखिका।
मुंबई में १५ वर्ष प्रधानाचार्या तथा दस वर्ष हिंदी अध्यापन।
विद्यार्थी जीवन में अनेक नाटकों, लोकनृत्यों तथा साहित्यिक प्रतियोगिताओं में सफलतापूर्वक प्रतिभाग एवं पुरस्कृत।
दूरदर्शन पर काव्य-गोष्ठियों में प्रतिभाग, संचालन तथा साक्षात्कारों का प्रसारण।
आकाशवाणी के मुंबई केंद्र से रेडियो तथा ज़ी टी.वी. पर कहानियों का प्रसारण। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के एक रेडियो कार्यक्रम पर कविताओं का प्रसारण। रेडियो पर प्रसारित कहानियाँ -‘परंपरा का अंत’ ‘तोहफ़ा प्यार का’, ‘चुटकी भर सिन्दूर,’ ‘अंतिम विदाई’, ‘अनछुआ प्यार’ ‘सहेली’, ‘बीस साल बाद’ ‘अपराध-बोध’ आदि,।
देश-विदेश की हिंदी के पत्र -पत्रिकाओं तथा इ-पत्रिकाओं में कविताएँ तथा कहानियाँ प्रकाशित। विशेष रूप से इंग्लैंड की ‘पुरवाई’ तथा ‘लेखनी’ कनाडा के ‘द हिंदी टाइम्स’ व ‘प्रयास ‘ तथा ऑस्ट्रेलिया के ‘हिंदी गौरव’ व ‘हिंदी पुष्प’, नीदरलैंड्स की ‘आम्स्टेल गंगा’ में बहुत सी कविताओं, आलेख तथा कहानियों का प्रकाशन। हिंद युग्म’ द्वारा कई कविताएँ पुरुस्कृत।
बच्चों के लिए नृत्य- नाटिकाओं का लेखन, निर्देशन तथा मंचन।
कहानियों के नाट्यीकरण ,साक्षात्कार,कॉन्सर्ट्स तथा स्टेज शो के लिए स्क्रिप्ट लेखन।
हिंदी से अंग्रेज़ी तथा मराठी से हिंदी अनुवाद कार्य-
‘टेम्स की सरगम ‘ हिंदी उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद।
एक मराठी फिल्म ‘स्पंदन’ का हिंदी में स्क्रीनप्ले लेखन।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में सहभागिता-
विषय-
पर्यटन और मनोविज्ञान
ऑस्ट्रेलिया में हिन्दी
विश्व मैत्री और भाईचारे पर सोशल मीडिया का प्रभाव
महिला कलाकार: सांस्कृतिक धरोहर की परिवाहक
कथक गुरु सुश्री काजल शर्मा (इंग्लैंड)
वेबीनार चर्चा में सहभागिता –
नैतिक मूल्यों का जीवन में महत्व
नकारात्मकता,कुंठा एवं अवसाद
बहुत से आलेख भी प्रकाशित जैसे-
एक सवाल हूँ मैं (ज्योतिर्मयी पत्रिका)
पर्यटन और मनोविज्ञान (अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘लेखनी’)
स्त्री पुरुष का पर्याय- शिखंडी (अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘लेखनी’)
पत्रकारिता का बदलता स्वरूप: आम आदमी की नज़र में (न्यू मीडिया)
आदिवासी कला: एक झलक (आदिवासी साहित्य एवं संस्कृति)
विश्व मैत्री और भाईचारे पर सोशल मीडिया का प्रभाव
महिला कलाकार: सांस्कृतिक धरोहर की परिवाहक
कथक गुरु सुश्री काजल शर्मा (इंग्लैंड) (अंतरराष्ट्रीय पत्रिका लेखनी
सम्मान-
जनवरी २०१४ में बाबा साहब अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार (देहली)
जून २०१५ में ‘हिंदी गौरव सम्मान’ (लंदन)
मार्च २०१६ में ‘हम सब साथ साथ’
द्वारा ‘प्रतिभा सम्मान’ (बीकानेर)
नवंबर २०१७ में सिद्धार्थ तथागत साहित्य सम्मान (सिद्धार्थ नगर)
”आखर आखर सम्मान’ २०२० जून २०२०
हिन्दी अकादमी शिक्षा रत्न सम्मान जुलाई २०२१
‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ सम्मान अगस्त २०२१
‘नया लेखन नये दस्तखत’ द्वारा लघुकथा प्रतियोगिता में बहुत सी कहानियाँ सर्वश्रेष्ठ घोषित।
‘शीर्षक साहित्य परिषद’ द्वारा आयोजित दैनिक प्रतियोगिता में कविताएँ, लघुकथाएँ तथा कहानी ‘माँ’ सर्वोत्कृष्ट घोषित।
साहित्य प्रहरी समूह द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता में कहानी ‘ज्योति-पुंज’ को प्रथम पुरस्कार।
साहित्य संवेद द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में लघुकथा ‘अनूठी’ को श्री मधुदीप गुप्ता स्मृति का प्रथम पुरस्कार।
यश पब्लिकेशन द्वारा आयोजित ‘कलम की कसौटी’ कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त।
स्टोरी मिरर द्वारा लघुकथा ‘काठ की हाँडी’ तथा कहानी ‘ज्योति पुंज’ पुरस्कृत।
जेमिनी अकादमी की ओर से कई डिजीटल सम्मान।
अगस्त २०११ में ‘द संडे टाइम्स’ के स्पेशल इश्यू में इक्कीसवीं सदी की १११ लेखिकाओं में नाम घोषित।
इ पुस्तकें-
प्रतिलिपि.कॉम पर प्रकाशित पुस्तकें मंद-मंद मुस्कान ,काव्य बीथिका, कथा मंजरी। इन पुस्तकों के अब तक के पाठकों की संख्या – 1063189
साझा संकलन-
अनवरत, मुंबई की कवयित्रियाँ, १४ काव्य रश्मियाँ, प्रेमाभिव्यक्ति, सिर्फ़ तुम, मुम्बई के कवि।
विदेश-भ्रमण -युनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर,जर्मनी,हॉलैण्ड, फ्राँस,फ़िनलैंड तथा मालदीव्स।
आईने में अपनी साहित्यिक यात्रा से गुजरते हुए लगा झपकी सी आ गई। झटके से पलकें झपकाईं तो आईने में श्वेत वस्त्रों और फूलों से सजी माँ की आकृति दिखाई दी। मैंने उन्हें प्रणाम करते हुए मन ही मन श्रद्धांजलि दी –
माँ! तुम श्रद्धा हो मेरी, अश्रु मेरे, श्रद्धा सुमन!
तुम्हारी कोख से जन्म, मिला वरदान सुखद!
मुझे दुनिया में लाना एक जीवट प्रयत्न था।
तन-मन झेलना कष्ट, तुम्हारा हृदय-प्रेम था।
कोमल यादें, कोमल प्रीत की हर्षित तन-मन,
गंध तुम्हारी रक्त-सुगंध बन सींच रही मेरा तन।
बँधी हैं आत्माएँ हमारी अपनत्व की साँकल से।
रहेगी प्रतीक्षारत रूह मृत्यु के बाद क्षितिज में।
करती वादा आज तुमसे,सच्ची श्रद्धांजलि दूँगी।
अगले किसी जन्म में माँ बन बेटी तुम्हें जन्मूँगी।
शील निगम
पता-बी,४०१/४०२,मधुबन अपार्टमेन्ट, फिशरीस युनीवरसिटी रोड, सात बंगला के पास,वर्सोवा,अंधेरी (पश्चिम),मुंबई-६
मोबाइल- 7900154861
इ मेल sheel.nigam@gmail.com)