शैल अग्रवाल दीदी द्वारा रचित उपन्यास ‘शेष-अशेष’ के दुबई में विमोचन के अवसर पर माँ सरस्वती पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित शैल जी द्वारा हुआ। गायिका कौसर द्वारा सरस्वती वंदना के साथ पूर्णिमा वर्मन जी ने स्वागत भाषण दिया। शैल जी का परिचय अनु बाफना ने दिया। उपन्यास अंश का पाठ आरती लोकेश द्वारा व समीक्षा मंजु सिंह द्वारा पढ़ी गई। उर्मिला ने लंदन पाती के बारे में बताया। द्वितीय सत्र में शैल जी की साहित्यिक यात्रा, उपन्यास के निर्माण की प्रक्रिया, नृत्य का साहित्य पर प्रभाव,‘लेखनी’ पत्रिका की स्थापना के बारे में शैल जी से चर्चा देवयानी रानी, वीणा शर्मा, करुणा राठौर व नेहा शर्मा ने की तो शैल जी पर कविता अंजू मेहता ने प्रस्तुत की। पुस्तक विमोचन के बाद धन्यवाद ज्ञापन पूर्णिमा दी ने किया।
आरती लोकेश गोयल
कल यू.के. की प्रतिष्ठित साहित्यकारा शैल अग्रवाल जी के उपन्यास ‘शेष-अशेष’ के विमोचन समारोह में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। आदरणीय पूर्णिमा जी के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन प्रिय आरती दीदी द्वारा किया गया। आदरणीय शैल जी की साहित्यिक यात्रा तथा जीवन के कई पहलुओं को जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनकी अनुभव परख बातों से बहुत कुछ जानने और सीखने को मिला। कुल मिलाकर कल की शाम एक यादगार शाम रही। आदरणीय पूर्णिमा जी और प्रिय आरती दीदी का हार्दिक आभार।
कौसर जैनुएल बशर
सादर नमस्कार।
शेष अशेष के विमोचन
पर आत्मीय बधाई।शुभ कामनाएं।
आशा है, सानंद स्वस्थ हैं।
पुनः बधाई
धन्यवाद, गोवर्धन यादव जी।